मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव – फोटो : अमर उजाला
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आर्थिक प्रगति के पथ पर तेजी से अग्रसर है। उन्होंने अधोसंरचना निर्माण को देश की रीढ़ बताते हुए कहा कि इसके माध्यम से समावेशी और आर्थिक विकास की नीतियों का निर्माण होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी का सही उपयोग करते हुए ऐसा विकास किया जाए, जिससे इस पीढ़ी के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों को भी लाभ हो सके। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन से भोपाल में वर्चुअली “अधोसंरचना निर्माण में नवाचारों का समावेश” विषय पर आयोजित कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ करते हुए कहा कि समावेशी विकास के लिए विभिन्न क्षेत्रों जैसे बुनियादी ढांचे, पर्यावरण, स्वास्थ्य और नवाचारों पर विचार-विमर्श आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नवीन प्रौद्योगिकी के युग में एक मंच पर निरंतर चर्चा और नवाचार ही विकास के नए मार्ग खोलेंगे।
जलवायु परिवर्तन और आपदाओं से बचाव की दिशा में कार्य
मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तन से बचने के लिए लचीले और प्रभावी बुनियादी ढांचे के निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि निर्माण क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं और इसमें लागत और संसाधनों को कम करने के प्रयास किए जाने चाहिए। इसके साथ ही पर्यावरणीय अनुकूल निर्माण सामग्री और मौसम आधारित निर्माण प्रक्रिया को अपनाने की बात कही।
कुलपतियों का नाम बदलकर कुलगुरु किया
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शिक्षक दिवस के अवसर पर इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में गुरु-शिष्य परंपरा का विशेष महत्व है। मध्य प्रदेश सरकार ने गुरु पूर्णिमा को शासकीय स्तर पर मनाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही विश्वविद्यालयों में कुलपतियों का नाम बदलकर ‘कुलगुरु’ किया गया है, जो शिक्षकों के प्रति सम्मान को दर्शाता है।
नवाचार देश की प्रगति में योगदान करेगा
इस मौके पर पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री कृष्णा गौर ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के युग में आज की चुनौतियों का समाधान कर ही हम आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं। गौर ने कॉन्फ्रेंस के विषय चयन की सराहना करते हुए कहा कि यह नवाचार और तकनीक के जरिए देश की प्रगति में योगदान करेगा।
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