mp-news:-सीएम-डॉ.-यादव-बोले-राष्ट्रवादी-मुसलमानों-उचित-स्थान-नहीं-मिला,-हमारी-संस्कृति-सबको-गले-लगाने-की
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Wed, 14 Aug 2024 06: 02 PM IST मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर सरोजिनी नायडू महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। मुख्यमंत्री ने विभाजन पीड़ितों का सम्मान किया। सीएम डॉ. मोहन यादव विभाजन की विभीषका पर आयोजित में शामिल हुए - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सरोजनी नायडू महाविद्यालय में बुधवार को विभाजन विभीषका स्मृति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। विभाजन की त्रासदी झेलने वाले नागरिकों का मुख्यमंत्री ने सम्मान किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभाजन के दर्द और उससे जुड़े सबक पर विचार साझा किए, साथ ही देश की अखंडता और इतिहास से सबक लेने की आवश्यकता पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश में राष्ट्रवादी मुसलमानों को उचित स्थान नहीं दिया गया, जबकि इंडोनेशिया जैसे देश ने अपने सांस्कृतिक प्रतीकों को आज भी संजोए रखा है। उन्होंने बताया कि इंडोनेशिया की मुद्रा पर भगवान की तस्वीर और उनकी एयरलाइन का नाम 'गरुड़' होना इसका प्रमाण है।   लंबी यात्रा के लिए इतिहास से सबक लेना जरूरी  मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्मृति दिवस पर अपने संबोधन में विभाजन को अत्यंत दुखद घटना बताया। उन्होंने कहा कि अगर किसी देश को लंबी यात्रा तय करनी है, तो उसे अपने इतिहास से सबक लेना बेहद जरूरी है। उन्होंने इजराइल का उदाहरण देते हुए कहा कि इजराइल के लोग दो हजार साल पहले अपनी भूमि से अलग हो गए थे, लेकिन आज भी वे एक निश्चित दिन एकत्रित होते हैं और अपनी भूमि पर लौटने का संकल्प करते हैं। हालांकि, दो हजार साल बीत जाने के बाद भी वह दिन नहीं आया। विदेशी खलीफा आंदोलन में हस्तक्षेप कांग्रेस की नादानी मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति सबको गले लगाने की है। पृथ्वीराज सिंह चौहान ने कई बार अपने शत्रुओं को माफ किया, लेकिन इसके बाद भी हमारे इतिहास में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिनसे हमें सबक लेना चाहिए।" उन्होंने सिंध पर हुए कब्जे और उसके पीछे की साजिशों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें इन घटनाओं को हमेशा याद रखना चाहिए। मुख्यमंत्री यादव ने अपने भाषण में अंग्रेजों के दौर में कलेक्टरों की भूमिका की आलोचना की, जिन्हें उन्होंने अंग्रेजों के कलेक्शन एजेंट बताया। उन्होंने कांग्रेस के विदेशी खलीफा आंदोलन में हस्तक्षेप को नादानी बताया और कहा कि इस कदम ने विभाजन की नींव रखी थी।  जो हम से अलग हुआ, उसका भला नहीं हुआ  मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि जो हमसे अलग हुआ, उसका भला नहीं हुआ। उन्होंने बांग्लादेश, श्रीलंका, और पाकिस्तान को इसके उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया। उनका कहना था कि इन देशों की वर्तमान स्थिति इस बात का प्रमाण है कि भारत से अलग होने के बाद उन्हें स्थिरता और विकास नहीं मिल पाया। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Wed, 14 Aug 2024 06: 02 PM IST

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर सरोजिनी नायडू महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। मुख्यमंत्री ने विभाजन पीड़ितों का सम्मान किया। सीएम डॉ. मोहन यादव विभाजन की विभीषका पर आयोजित में शामिल हुए – फोटो : अमर उजाला

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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सरोजनी नायडू महाविद्यालय में बुधवार को विभाजन विभीषका स्मृति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। विभाजन की त्रासदी झेलने वाले नागरिकों का मुख्यमंत्री ने सम्मान किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभाजन के दर्द और उससे जुड़े सबक पर विचार साझा किए, साथ ही देश की अखंडता और इतिहास से सबक लेने की आवश्यकता पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश में राष्ट्रवादी मुसलमानों को उचित स्थान नहीं दिया गया, जबकि इंडोनेशिया जैसे देश ने अपने सांस्कृतिक प्रतीकों को आज भी संजोए रखा है। उन्होंने बताया कि इंडोनेशिया की मुद्रा पर भगवान की तस्वीर और उनकी एयरलाइन का नाम ‘गरुड़’ होना इसका प्रमाण है।

 
लंबी यात्रा के लिए इतिहास से सबक लेना जरूरी 
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्मृति दिवस पर अपने संबोधन में विभाजन को अत्यंत दुखद घटना बताया। उन्होंने कहा कि अगर किसी देश को लंबी यात्रा तय करनी है, तो उसे अपने इतिहास से सबक लेना बेहद जरूरी है। उन्होंने इजराइल का उदाहरण देते हुए कहा कि इजराइल के लोग दो हजार साल पहले अपनी भूमि से अलग हो गए थे, लेकिन आज भी वे एक निश्चित दिन एकत्रित होते हैं और अपनी भूमि पर लौटने का संकल्प करते हैं। हालांकि, दो हजार साल बीत जाने के बाद भी वह दिन नहीं आया।

विदेशी खलीफा आंदोलन में हस्तक्षेप कांग्रेस की नादानी
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति सबको गले लगाने की है। पृथ्वीराज सिंह चौहान ने कई बार अपने शत्रुओं को माफ किया, लेकिन इसके बाद भी हमारे इतिहास में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिनसे हमें सबक लेना चाहिए।” उन्होंने सिंध पर हुए कब्जे और उसके पीछे की साजिशों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें इन घटनाओं को हमेशा याद रखना चाहिए। मुख्यमंत्री यादव ने अपने भाषण में अंग्रेजों के दौर में कलेक्टरों की भूमिका की आलोचना की, जिन्हें उन्होंने अंग्रेजों के कलेक्शन एजेंट बताया। उन्होंने कांग्रेस के विदेशी खलीफा आंदोलन में हस्तक्षेप को नादानी बताया और कहा कि इस कदम ने विभाजन की नींव रखी थी। 

जो हम से अलग हुआ, उसका भला नहीं हुआ 
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि जो हमसे अलग हुआ, उसका भला नहीं हुआ। उन्होंने बांग्लादेश, श्रीलंका, और पाकिस्तान को इसके उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया। उनका कहना था कि इन देशों की वर्तमान स्थिति इस बात का प्रमाण है कि भारत से अलग होने के बाद उन्हें स्थिरता और विकास नहीं मिल पाया।

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