ग्वालियर हाईकोर्ट – फोटो : अमर उजाला
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ग्वालियर में हाईकोर्ट जज के नाम से व्हाट्सएप पर फेक आईडी बनाने और लोगों से पैसे मांगने का मामला सामने आया है। हाईकोर्ट जज के फोटो लगी उनके ही नंबर जैसी आईडी से ठग ने उनके परिचित व कुछ पूर्व कर्मचारियों को मैसेज कर तत्काल आर्थिक मदद की मांग की। जज को इस बात का पता तब चला, जब उनके एक कर्मचारी ने उन्हें फोन कर बताया।
बता दें कि यह सुनकर जज के होश उड़ गए। बाद में ठगी के शिकार होते-होते बचे अन्य लोगों का भी पता चला। ठगी का पता चलने पर हाईकोर्ट जज ने एडीपीओ को भेजकर ग्वालियर एसपी से इसकी लिखित आवेदन देकर शिकायत की। एसपी ने एडीपीओ की शिकायत पर क्राइम ब्रांच प्रभारी को कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया था। एसपी के निर्देश पर क्राइम ब्रांच प्रभारी ने अज्ञात ठगों के खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है।
बता दें कि ऑनलाइन ठगी करने वाले शातिर ठगों ने पूरे देश में अपनी ठगी का जाल फैला रखा है।देश की बड़ी-बड़ी हस्तियों के नाम से फेक आईडी बनाकर ठगी की घटनाएं कई बार हो चुकी है। ठग हर बार किसी न किसी नए तरीकों का इस्तेमाल करते हुए ठगी की वारदात करते रहते है। लेकिन गुमनाम ठगों ने इस बार हाईकोर्ट जज संजीव एस कालगांवकर म.प्र. उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर का इस्तेमाल किया।
व्हाट्सअप पर उनका फोटो और नाम लिखकर इस 94785524280 मोबाइल नंबर से एक फेक व्हाट्सएप ID जनरेट कर उनके परिचित कर्मचारियों से पैसे मांगे। ठग और लोगों को न मैसेज कर पैसे नहीं मांग पाया। इसलिए उन्होंने तत्काल 23 जून रविवार को एडीपीओ दीपक मिश्रा को क्राइम ब्रांच थाने भेजा। पुलिस को पूरा मामला बताया। पुलिस ने दीपक की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है।
पूर्व अतिरिक्त महाअधिवक्ता की बनी थी, आईडी इससे पहले पूर्व अतिरिक्त महाअधिवक्ता एमपीएस रघुवंशी की भी इसी तरह फर्ज आईडी बनाकर लोगों से मांग की थी, जिसकी शिकायत साइबर सेल से हुई थी। लेकिन इस मामले में अभी तक कोई भी आरोपी पकड़े नहीं गए हैं। इस मामले में क्राइम ब्रांच प्रभारी अजय पवार का कहना है कि ठग द्वारा हाईकोर्ट न्यायाधिपति के नाम से फेक व्हाट्सएप आईडी बनाकर लोगों से ठगी करने का मामला सामने आया है। उसने कई और लोगों को मैसेज भेजकर पैसों की मांग की गई है। फिलहाल, क्राइम ब्रांच थाने मे FIR दर्ज कर ली गई है। आरोपी के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
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