mp-news:-सतना-नगर-निगम-के-पूर्व-आयुक्त-को-पांच-साल-की-सजा,-डॉक्टर-दंपती-से-घूस-में-मांगा-था-40-लाख-कैश-और-सोना
सतना नगर निगम के पूर्व आयुक्त को कोर्ट ने पांच साल की सजा दी है। - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार Follow Us सतना के बहुचर्चित रिश्वत कांड में 6 साल 7 दिन बाद अदालत ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने सतना नगर निगम के पूर्व आयुक्त सुरेंद्र कथूरिया (48) को पांच साल की सजा सुनाई। साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। पूर्व नगर निगम कमिश्नर कथूरिया ने डॉक्टर दंपती से 40 लाख कैश के साथ सोने का मेंढक और 10 लाख का सोना रिश्वत में मांगा था। डॉक्टर दंपती ने इसकी लोकायुक्त से शिकायत कर दी थी। ये वही अफसर हैं, जिन्हें सिंहस्थ के दौरान सीएम शिवराज सिंह ने सम्मानित किया था। हालांकि बाद में ये अवॉर्ड उनसे वापस ले लिया गया था। फैसले के बाद जेल भेजा पीसी एक्ट की स्पेशल कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने पूर्व कमिश्नर और राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर सुरेंद्र कथूरिया को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिया। उन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की अलग-अलग धाराओं में 5 साल और 4 साल की सजा सुनाई। दोनों ही धाराओं में 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट के फैसले के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है। नर्सिंग होम की तीसरी मंजिल अवैध होने का मामला मामला 26 जून 2017 का है। लोकायुक्त रीवा की टीम ने पूर्व नगर निगम कमिश्नर सुरेंद्र कथूरिया को शासकीय आवास से 22 लाख की रिश्वत लेते पकड़ा था। लोकायुक्त ने 12 लाख कैश और 10 लाख का सोना जब्त किया था। रिश्वत की ये रकम उन्होंने सतना नर्सिंग होम के संचालक डॉ. राजकुमार अग्रवाल और उनकी पत्नी डॉ. सुचित्रा अग्रवाल से नर्सिंग होम की तीसरी मंजिल के अवैध निर्माण को नहीं तोड़ने के एवज में मांगी थी। अपर कलेक्टर भी रहे हैं कथूरिया शिकायतकर्ता डॉ. राजकुमार अग्रवाल ने बताया था कि कथूरिया ने उनसे 40 लाख कैश के साथ 10 लाख का सोना मांगा था। इतनी रकम दे पाने में उन्होंने असमर्थता जताई थी, लेकिन वे कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। उन्होंने लोकायुक्त एसपी रीवा से इसकी शिकायत कर दी थी। लोकायुक्त डीएसपी देवेश पाठक की टीम ने योजना बनाकर उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया। राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सुरेंद्र कथूरिया अपर कलेक्टर भी रहे हैं।

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सतना नगर निगम के पूर्व आयुक्त को कोर्ट ने पांच साल की सजा दी है। – फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार Follow Us

सतना के बहुचर्चित रिश्वत कांड में 6 साल 7 दिन बाद अदालत ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने सतना नगर निगम के पूर्व आयुक्त सुरेंद्र कथूरिया (48) को पांच साल की सजा सुनाई। साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।

पूर्व नगर निगम कमिश्नर कथूरिया ने डॉक्टर दंपती से 40 लाख कैश के साथ सोने का मेंढक और 10 लाख का सोना रिश्वत में मांगा था। डॉक्टर दंपती ने इसकी लोकायुक्त से शिकायत कर दी थी। ये वही अफसर हैं, जिन्हें सिंहस्थ के दौरान सीएम शिवराज सिंह ने सम्मानित किया था। हालांकि बाद में ये अवॉर्ड उनसे वापस ले लिया गया था।

फैसले के बाद जेल भेजा
पीसी एक्ट की स्पेशल कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने पूर्व कमिश्नर और राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर सुरेंद्र कथूरिया को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिया। उन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की अलग-अलग धाराओं में 5 साल और 4 साल की सजा सुनाई। दोनों ही धाराओं में 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट के फैसले के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है।

नर्सिंग होम की तीसरी मंजिल अवैध होने का मामला
मामला 26 जून 2017 का है। लोकायुक्त रीवा की टीम ने पूर्व नगर निगम कमिश्नर सुरेंद्र कथूरिया को शासकीय आवास से 22 लाख की रिश्वत लेते पकड़ा था। लोकायुक्त ने 12 लाख कैश और 10 लाख का सोना जब्त किया था। रिश्वत की ये रकम उन्होंने सतना नर्सिंग होम के संचालक डॉ. राजकुमार अग्रवाल और उनकी पत्नी डॉ. सुचित्रा अग्रवाल से नर्सिंग होम की तीसरी मंजिल के अवैध निर्माण को नहीं तोड़ने के एवज में मांगी थी।

अपर कलेक्टर भी रहे हैं कथूरिया
शिकायतकर्ता डॉ. राजकुमार अग्रवाल ने बताया था कि कथूरिया ने उनसे 40 लाख कैश के साथ 10 लाख का सोना मांगा था। इतनी रकम दे पाने में उन्होंने असमर्थता जताई थी, लेकिन वे कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। उन्होंने लोकायुक्त एसपी रीवा से इसकी शिकायत कर दी थी। लोकायुक्त डीएसपी देवेश पाठक की टीम ने योजना बनाकर उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया। राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सुरेंद्र कथूरिया अपर कलेक्टर भी रहे हैं।

Posted in MP