mp-news:-शहडोल-मेडिकल-कॉलेज-में-बड़ी-लापरवाही,-इलाज-के-लिए-वार्मर-में-रखा-गया-नवजात-झुलसा,-थाने-पहुंचा-मामला
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शहडोल Published by: उदित दीक्षित Updated Sat, 31 Aug 2024 02: 45 PM IST मेडिकल कॉलेज में हुई इस घटना के बाद हड़कंप मच गया। एसएनसीयू वार्ड के कर्मचारियों की लापरवाही को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं, घायल नवजात को तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। बच्चे को जिला अस्पताल में कराया गया भर्ती। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us शहडोल मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू (SNCU) वार्ड में लापरवाही के चलते एक 10 दिन का नवजात गंभीर रूप से झुलस गया। एक्सपर्ट्स का कहना है कि नवजात को फोटोथेरेपी के लिए वार्मर में रखा गया था, लेकिन तापमान अधिक हो जाने के कारण उसके चेहरे और पीठ पर फफोले हो गए, जो बाद में फूट गए। बताया जा रहा है कि यह घटना नवजात के पीलिया से ग्रसित होने के बाद उसके इलाज के दौरान घटी। जयसिंहनगर में रहने वाले पीड़ित परिवार के अनुसार 23 अगस्त को नवजात का जन्म हुआ था। पीलिया होने के कारण उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जहां, इलाज के दौरान उसे वार्मर में रखा गया था, जिसका तापमान अधिक होने के कारण बच्चा झुलस गया। घटना के बाद परिजनों के हंगामा की सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।  मेडिकल कॉलेज में हुई इस घटना के बाद हड़कंप मच गया। एसएनसीयू वार्ड के कर्मचारियों की लापरवाही को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं, नवजात को तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। घटना के बाद सोहागपुर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की और जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है।  एक वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ ने बताया कि नवजात की स्थिति देखकर लगता है कि वार्मर का तापमान अधिक था, जिसके कारण उसके शरीर पर फफोले बन गए। मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. नागेंद्र सिंह ने इस आरोप को नकारते हुए कहा कि नवजात को 'स्टेफाइलोकोकल स्केल्ड स्किन सिंड्रोम' नामक बीमारी हो सकती है, जिससे उसकी त्वचा झुलसी हुई प्रतीत हो रही है। लेकिन, परिजनों को यह अधिक हीटिंग के कारण हुआ लग रहा है। मामले की जांच जारी सोहागपुर थाना प्रभारी भूपेंद्र मणि पांडे ने बताया कि हंगामे की सूचना मिलते ही वे मौके पर पहुंचे और मामले की एमएलसी जिला अस्पताल के डॉक्टर से कराई गई। परिजनों की शिकायत के आधार पर मामले की जांच की जा रही है, जो दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शहडोल Published by: उदित दीक्षित Updated Sat, 31 Aug 2024 02: 45 PM IST

मेडिकल कॉलेज में हुई इस घटना के बाद हड़कंप मच गया। एसएनसीयू वार्ड के कर्मचारियों की लापरवाही को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं, घायल नवजात को तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। बच्चे को जिला अस्पताल में कराया गया भर्ती। – फोटो : अमर उजाला

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शहडोल मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू (SNCU) वार्ड में लापरवाही के चलते एक 10 दिन का नवजात गंभीर रूप से झुलस गया। एक्सपर्ट्स का कहना है कि नवजात को फोटोथेरेपी के लिए वार्मर में रखा गया था, लेकिन तापमान अधिक हो जाने के कारण उसके चेहरे और पीठ पर फफोले हो गए, जो बाद में फूट गए। बताया जा रहा है कि यह घटना नवजात के पीलिया से ग्रसित होने के बाद उसके इलाज के दौरान घटी।

जयसिंहनगर में रहने वाले पीड़ित परिवार के अनुसार 23 अगस्त को नवजात का जन्म हुआ था। पीलिया होने के कारण उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जहां, इलाज के दौरान उसे वार्मर में रखा गया था, जिसका तापमान अधिक होने के कारण बच्चा झुलस गया। घटना के बाद परिजनों के हंगामा की सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। 

मेडिकल कॉलेज में हुई इस घटना के बाद हड़कंप मच गया। एसएनसीयू वार्ड के कर्मचारियों की लापरवाही को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं, नवजात को तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। घटना के बाद सोहागपुर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की और जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है।  एक वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ ने बताया कि नवजात की स्थिति देखकर लगता है कि वार्मर का तापमान अधिक था, जिसके कारण उसके शरीर पर फफोले बन गए।

मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. नागेंद्र सिंह ने इस आरोप को नकारते हुए कहा कि नवजात को ‘स्टेफाइलोकोकल स्केल्ड स्किन सिंड्रोम’ नामक बीमारी हो सकती है, जिससे उसकी त्वचा झुलसी हुई प्रतीत हो रही है। लेकिन, परिजनों को यह अधिक हीटिंग के कारण हुआ लग रहा है।

मामले की जांच जारी
सोहागपुर थाना प्रभारी भूपेंद्र मणि पांडे ने बताया कि हंगामे की सूचना मिलते ही वे मौके पर पहुंचे और मामले की एमएलसी जिला अस्पताल के डॉक्टर से कराई गई। परिजनों की शिकायत के आधार पर मामले की जांच की जा रही है, जो दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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