सांकेतिक तस्वीर। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us जबलपुर लोकायुक्त की विशेष कोर्ट ने रिश्वतखोरी के मामले में राजस्व निरीक्षक राकेश श्रीवास्तव को दोषी करार दिया है। अदालत ने दोषी को चार साल की सजा और पांच हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है। अदालत के समक्ष लोकायुक्त की ओर से विशेष लोक अभियोजक प्रशांत शुक्ला ने पक्ष रखा। जिन्होंने बताया कि ग्राम सिवनी टोला निवासी शिकायतकर्ता सत्यम पटेल ने लोकायुक्त पुलिस में शिकायत की थी। कहा गया था कि सिवनी टोला स्थित जमीन के डायवर्शन के लिए उसने तहसीली कार्यालय जबलपुर में आवेदन दिया था। इसके लिए उसने आरआई राकेश श्रीवास्तव से संपर्क किया, राकेश ने उससे दस हजार रुपये की रिश्वत मांगी। अदालत को बताया गया कि प्रार्थी रिश्वत की राशि नहीं देना चाहता था, इसलिये वह डायवर्शन के लिए लगातार आरोपी से संपर्क करता रहा, लेकिन आरोपी राकेश टालमटोली करता रहा।  20 जनवरी 2020 को आवेदक ने पुन: एक आवेदन देकर लोकायुक्त पुलिस को बताया कि आरआई राकेश को उस पर शंका हो गई, इसलिये अब वह उससे रिश्वत की राशि नहीं लेगा। लेकिन प्रार्थी ने रिश्वत मांगने की पूरी बातचीत रिकॉर्ड कर ली। जिस पर लोकायुक्त पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर अदालत के समक्ष चालान पेश किया। सुनवाई दौरान पेश किए गए गवाह व साक्ष्यों के मद्देनजर अदालत ने आरोपी आरआई राकेश को उक्त सजा से दंडित किया।

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जबलपुर लोकायुक्त की विशेष कोर्ट ने रिश्वतखोरी के मामले में राजस्व निरीक्षक राकेश श्रीवास्तव को दोषी करार दिया है। अदालत ने दोषी को चार साल की सजा और पांच हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है।

अदालत के समक्ष लोकायुक्त की ओर से विशेष लोक अभियोजक प्रशांत शुक्ला ने पक्ष रखा। जिन्होंने बताया कि ग्राम सिवनी टोला निवासी शिकायतकर्ता सत्यम पटेल ने लोकायुक्त पुलिस में शिकायत की थी। कहा गया था कि सिवनी टोला स्थित जमीन के डायवर्शन के लिए उसने तहसीली कार्यालय जबलपुर में आवेदन दिया था। इसके लिए उसने आरआई राकेश श्रीवास्तव से संपर्क किया, राकेश ने उससे दस हजार रुपये की रिश्वत मांगी। अदालत को बताया गया कि प्रार्थी रिश्वत की राशि नहीं देना चाहता था, इसलिये वह डायवर्शन के लिए लगातार आरोपी से संपर्क करता रहा, लेकिन आरोपी राकेश टालमटोली करता रहा। 

20 जनवरी 2020 को आवेदक ने पुन: एक आवेदन देकर लोकायुक्त पुलिस को बताया कि आरआई राकेश को उस पर शंका हो गई, इसलिये अब वह उससे रिश्वत की राशि नहीं लेगा। लेकिन प्रार्थी ने रिश्वत मांगने की पूरी बातचीत रिकॉर्ड कर ली। जिस पर लोकायुक्त पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर अदालत के समक्ष चालान पेश किया। सुनवाई दौरान पेश किए गए गवाह व साक्ष्यों के मद्देनजर अदालत ने आरोपी आरआई राकेश को उक्त सजा से दंडित किया।

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