न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Tue, 25 Jun 2024 05: 10 PM IST
मध्य प्रदेश सरकार ने 52 साल पुराना नियम बदल दिया है। अब मुख्यमंत्री और मंत्रियों की आय पर लगने वाला आयकर उन्हें अपनी जेब से भरना पड़ेगा। सरकारी खजाने से यह टैक्स नहीं भरा जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक – फोटो : अमर उजाला
विस्तार Follow Us
मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार ने 52 साल पुराना नियम बदल दिया है। अब राज्य के मुख्यमंत्री और मंत्रियों को अपनी आय पर आयकर अपनी जेब से चुकाना होगा। इसमें अब तक सरकारी खजाने से जो मदद मिलती थी, वह आगे नहीं मिल सकेगी। यानी जनता की जेब से टैक्स वसूलकर मंत्रियों का टैक्स चुकाने के नियम को खत्म कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ही कैबिनेट के सामने मुख्यमंत्री और मंत्रियों के वेतन-भत्तों पर लगने वाले आयकर को राज्य सरकार के खजाने से भरने के नियम को बदलने का प्रस्ताव किया। मंत्रियों ने मेज थपथपाकर इस प्रस्ताव को स्वीकार किया और मंजूरी दी। इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद अब मुख्यमंत्री और मंत्री को मिलने वाले वेतन और भत्तों पर लगने वाले आयकर को उन्हें ही अपनी जेब से भरना होगा। इससे पहले 1972 में बना नियम लागू था। इसके तहत मुख्यमंत्री और मंत्रियों को मिलने वाले वेतन-भत्तों पर टैक्स राज्य सरकार के खजाने से चुकाया जाता था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि हमने निर्णय किया है कि हमारे मंत्रीगण अपना स्वयं का आयकर चुकाएंगे। इसके लिए वे शासन से कोई वित्तीय सहायता नहीं लेंगे। इस दृष्टि से 1972 के नियम में बदलाव किया जा रहा है।
जाने कितना है सीएम और मंत्रियों का वेतन
मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, मंत्री, विधानसभा उपाध्यक्ष और राज्यमंत्री का आयकर जमा करने के लिए बजट में एक करोड़ रुपये का प्रावधान है। इसमें करयोग्य राशि का आकलन करने के बाद संबंधित वेतन से टैक्स की कटौती के बाद यह राशि विभाग द्वारा अब तक लौटाई जाती थी। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री का वेतन और भत्ते करीब दो लाख रुपये है। कैबिनेट मंत्रियों को 1.70 लाख रुपये के वेतन-भत्तों के रूप में मिलते हैं। राज्य मंत्रियों को 1.45 लाख रुपये प्रति माह और विधायकों को 1.10 लाख रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता है। इसमें बेसिक, सत्कार भत्ता, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता और दैनिक भत्ता शामिल है।
शहीद के माता-पिता को मिलेगी 50% सहायता राशि
कैबिनेट ने एक अन्य निर्णय लिया है कि प्रदेश में सेना, केंद्रीय पुलिस और सुरक्षा बलों के साथ ही पुलिस के किसी जवान की शहीद पर दी जाने वाली सहायता राशि का पचास प्रतिशत पत्नी या जीवनसाथी को दिया जाएगा। वहीं, बचा हुआ 50 प्रतिशत जवान के माता-पिता को दिया जाएगा। अब तक 100 प्रतिशत राशि जीवनसाथी को दी जाती थी। कैबिनेट के बाद फैसलों की जानकारी देते हुए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि एक करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जाती है। कुछ मामलों में देखऩे में आया है कि जवान की पत्नी को तो आर्थिक मदद मिल जाती थी लेकिन उसके माता-पिता तरस जाते थे। इसी वजह से यह नियम बदला गया है। इस फैसले पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कई मामलों में माता-पिता को कठिनाई आ रही थी, जिसे दूर करने की व्यवस्था की गई है।
आज कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए…
हमने निर्णय किया है कि हमारे मंत्रीगण इनकम टैक्स की दृष्टि से स्वयं का व्यय करेंगे, वह शासन से कोई वित्तीय सहायता नहीं लेंगे। आयकर की दृष्टि से 1972 के नियम में बदलाव हो रहा है।
वहीं प्रदेश के किसी जवान के शहीद होने पर दी… pic.twitter.com/VfQn1KUBom
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) June 25, 2024 रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
Comments