mp-news:-मेसर्स-यूरो-प्रतीक-मामले-पर-hc-ने-अग्रिम-जमानत-खारिज-की,-फर्जी-हस्ताक्षर-कर-किया-करोड़ों-का-हेर-फेर
न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, कटनी Published by: अरविंद कुमार Updated Wed, 11 Sep 2024 09: 54 PM IST मेसर्स यूरो प्रतीक मामले पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत खारिज कर दी। फर्जी हस्ताक्षर कर कटनी के दो व्यापारियों को डायरेक्टर पद से हटा कर करोड़ों का हेर-फेर किया था। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us कटनी के दो बड़े खनन कारोबारी से धोखाधड़ी करते हुए फर्म में अरबों की हेर-फेर करने के मामले पर जबलपुर हाईकोर्ट ने एमपी-सीजी के चार कारोबारियों को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया है। दरअसल, पूरा मामला आयरन ओट के व्यापार करने वाली कंपनी मेसर्स यूरो प्रतीक से जुड़ा हुआ है, जिसमें कंपनी के चार लोगों ने मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार कराए और कंपनी के दो डायरेक्टर्स हरनीत, सुरेंद्र सलूजा को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। कटनी कारोबारी हरनीत सिंह बताया कि सिहोरा के हरगढ़ स्थित कंपनी मेसर्स यूरो प्रतीक इंडस्ट्री जो की लौह अयस्क का कारोबार करती है। मैं हरनीत सिंह लांबा और सुरेंद्र सिंह सलूजा ने मिलकर कई करोड़ों इन्वेस्टमेंट करते हुए साल 2018 में कंपनी के डायरेक्टर बने थे, जिसमें शुरुआत में सब बढ़िया चला और कंपनी को फायदा होने लगा। तभी चार डायरेक्टर और सेक्रेटरी ने अपनी मनमानी करते हुए हमें बिना भरोसे में लिए ही करोड़ों का लौह अयस्क बाहर बेचना शुरू कर दिया था, जिसकी शिकायत जबलपुर कलेक्टर से करने पर पता चला कि अब हम कंपनी में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर का हिस्सा नहीं हैं, जिसे सीए से संपर्क करने पर इस बात की पुष्टि हुई थी। खुद के साथ हुए धोखाधड़ी के मामले पर सुरेंद्र सलूजा ने कटनी कोतवाली तो हरनीत सिंह ने माधवनगर थाने पहुंचकर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ निवासी हिमांशु श्रीवास्तव, सनमति जैन, सुनील अग्रवाल और लाची मित्तल जो की कंपनी के तीन डायरेक्टर्स और एक सेक्रेटरी हैं। उनके विरुद्ध कूटरचित दस्तावेज़ तैयार कर फर्जी हस्ताक्षर बनाने सहित करोड़ों की एफडी तोड़ने के मामले पर विभिन्न धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कराया था। हालांकि, पुलिस आरोपियों को हिरासत में ले पाती उससे पहले ही चारो आरोपी फरार को गए थे। वहीं, अब मुख्य आरोपी हिमांशु श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट जबलपुर में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने हिमांशु समेत अन्य तीन की अग्रिम जमानत याचिका को निरस्त कर दिया। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, कटनी Published by: अरविंद कुमार Updated Wed, 11 Sep 2024 09: 54 PM IST

मेसर्स यूरो प्रतीक मामले पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत खारिज कर दी। फर्जी हस्ताक्षर कर कटनी के दो व्यापारियों को डायरेक्टर पद से हटा कर करोड़ों का हेर-फेर किया था। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर – फोटो : अमर उजाला

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कटनी के दो बड़े खनन कारोबारी से धोखाधड़ी करते हुए फर्म में अरबों की हेर-फेर करने के मामले पर जबलपुर हाईकोर्ट ने एमपी-सीजी के चार कारोबारियों को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया है। दरअसल, पूरा मामला आयरन ओट के व्यापार करने वाली कंपनी मेसर्स यूरो प्रतीक से जुड़ा हुआ है, जिसमें कंपनी के चार लोगों ने मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार कराए और कंपनी के दो डायरेक्टर्स हरनीत, सुरेंद्र सलूजा को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।

कटनी कारोबारी हरनीत सिंह बताया कि सिहोरा के हरगढ़ स्थित कंपनी मेसर्स यूरो प्रतीक इंडस्ट्री जो की लौह अयस्क का कारोबार करती है। मैं हरनीत सिंह लांबा और सुरेंद्र सिंह सलूजा ने मिलकर कई करोड़ों इन्वेस्टमेंट करते हुए साल 2018 में कंपनी के डायरेक्टर बने थे, जिसमें शुरुआत में सब बढ़िया चला और कंपनी को फायदा होने लगा। तभी चार डायरेक्टर और सेक्रेटरी ने अपनी मनमानी करते हुए हमें बिना भरोसे में लिए ही करोड़ों का लौह अयस्क बाहर बेचना शुरू कर दिया था, जिसकी शिकायत जबलपुर कलेक्टर से करने पर पता चला कि अब हम कंपनी में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर का हिस्सा नहीं हैं, जिसे सीए से संपर्क करने पर इस बात की पुष्टि हुई थी।

खुद के साथ हुए धोखाधड़ी के मामले पर सुरेंद्र सलूजा ने कटनी कोतवाली तो हरनीत सिंह ने माधवनगर थाने पहुंचकर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ निवासी हिमांशु श्रीवास्तव, सनमति जैन, सुनील अग्रवाल और लाची मित्तल जो की कंपनी के तीन डायरेक्टर्स और एक सेक्रेटरी हैं। उनके विरुद्ध कूटरचित दस्तावेज़ तैयार कर फर्जी हस्ताक्षर बनाने सहित करोड़ों की एफडी तोड़ने के मामले पर विभिन्न धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कराया था।

हालांकि, पुलिस आरोपियों को हिरासत में ले पाती उससे पहले ही चारो आरोपी फरार को गए थे। वहीं, अब मुख्य आरोपी हिमांशु श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट जबलपुर में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने हिमांशु समेत अन्य तीन की अग्रिम जमानत याचिका को निरस्त कर दिया।

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