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हिजा खान और उसकी मां - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us सागर शहर के सदर इलाके में रहने वाली हिना पति इजरार खान इन दिनों अपनी 10 महीने की बच्ची के साथ कभी रिश्तेदारों के पास, कभी शासन प्रशासन के पास मदद की गुहार लगाती हुई दिखाई दे रही है। कारण है हिना की 10 महीने की बच्ची हिजा के दिल में छेद होना। Trending Videos बता दें कि एक साल से भी कम उम्र की इस मासूम को दिल में छेद होने जैसी गंभीर बीमारी से जूझना पड़ रहा है। बीमारी का पता चलते ही मजदूरी करने वाले बच्ची के पिता और उसकी मां ने बच्ची का इलाज कराने का प्रयास शुरू कर दिया। लेकिन शासकीय अस्पतालों से निराशा मिलने के बाद उन्हें बच्ची को निजी अस्पतालों में ले जाना पड़ा। गौरतलब है कि निजी अस्पतालों में इलाज तो ठीक मिल जाता है, लेकिन इतनी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए यहां जो रकम देनी होती है, वह किसी भी मध्यम वर्गीय परिवार के लिए मुश्किल की बात है। शुरुआती इलाज में हिना और पति इजरार ने कैसे भी कर्जे लेकर दो से 2.5 लाख रुपये बच्ची के इलाज में लगा दिए। लेकिन एक समय आया जब न तो कोई मदद करने वाला ही बचा न ही कोई कर्ज देने वाला। इलाज के लिए अब भी एक बड़ी रकम की जरूरत थी, तब और कोई रास्ता न पाकर बच्ची की मां ने प्रशासन का दरवाजा खटखटाया और मदद की गुहार लगाई। हिना ने सागर कलेक्टर दीपक आर्य को एक आवेदन के माध्यम से बच्ची के इलाज में मदद की गुहार लगाई है। फिलहाल, बच्ची का इलाज निजी चिकित्सालय भाग्योदय तीर्थ अस्पताल में चल रहा है और आगे इलाज के लिए अब भी बहुत से पैसों की जरूरत है। अब देखना यह है कि प्रशासनिक लोग इस मामले में कितनी संवेदनशीलता दिखाते हैं।

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हिजा खान और उसकी मां – फोटो : अमर उजाला

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सागर शहर के सदर इलाके में रहने वाली हिना पति इजरार खान इन दिनों अपनी 10 महीने की बच्ची के साथ कभी रिश्तेदारों के पास, कभी शासन प्रशासन के पास मदद की गुहार लगाती हुई दिखाई दे रही है। कारण है हिना की 10 महीने की बच्ची हिजा के दिल में छेद होना।

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बता दें कि एक साल से भी कम उम्र की इस मासूम को दिल में छेद होने जैसी गंभीर बीमारी से जूझना पड़ रहा है। बीमारी का पता चलते ही मजदूरी करने वाले बच्ची के पिता और उसकी मां ने बच्ची का इलाज कराने का प्रयास शुरू कर दिया। लेकिन शासकीय अस्पतालों से निराशा मिलने के बाद उन्हें बच्ची को निजी अस्पतालों में ले जाना पड़ा।

गौरतलब है कि निजी अस्पतालों में इलाज तो ठीक मिल जाता है, लेकिन इतनी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए यहां जो रकम देनी होती है, वह किसी भी मध्यम वर्गीय परिवार के लिए मुश्किल की बात है। शुरुआती इलाज में हिना और पति इजरार ने कैसे भी कर्जे लेकर दो से 2.5 लाख रुपये बच्ची के इलाज में लगा दिए। लेकिन एक समय आया जब न तो कोई मदद करने वाला ही बचा न ही कोई कर्ज देने वाला।

इलाज के लिए अब भी एक बड़ी रकम की जरूरत थी, तब और कोई रास्ता न पाकर बच्ची की मां ने प्रशासन का दरवाजा खटखटाया और मदद की गुहार लगाई। हिना ने सागर कलेक्टर दीपक आर्य को एक आवेदन के माध्यम से बच्ची के इलाज में मदद की गुहार लगाई है। फिलहाल, बच्ची का इलाज निजी चिकित्सालय भाग्योदय तीर्थ अस्पताल में चल रहा है और आगे इलाज के लिए अब भी बहुत से पैसों की जरूरत है। अब देखना यह है कि प्रशासनिक लोग इस मामले में कितनी संवेदनशीलता दिखाते हैं।

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