न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: दिनेश शर्मा Updated Sun, 30 Jul 2023 09: 37 PM IST
मन की बात के 103वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जैन के जिस त्रिवेणी संग्रहालय का जिक्र कर अपनी विरासत को स्वीकार कर विश्व के सामने प्रस्तुत करने की बात कही थी। उस संग्रहालय में देश की विरासत को विश्व के सामने प्रस्तुत करने का कार्य चल रहा है। यहां देशभर से आए 18 चित्रकार पुराणों के आधार पर चित्र कथाएं बना रहे हैं। उज्जैन में पहले से ही महाकाल लोक बना हुआ है, लेकिन अब त्रिवेणी संग्रहालय में भी आपको बेहतरीन कलाकारी देखने को मिलेगी।
वैसे तो इन दिनों इस संग्रहालय को रेनोवेट करने का काम जोरों-शोरों से चल रहा है, लेकिन फिर भी देशभर से आए लगभग 18 चित्रकार, पुराणों पर आधारित आकर्षक चित्रकथाएं बना रहे हैं। ये चित्र, बूंदी शैली, नाथद्वारा शैली, पहाड़ी शैली और अपभ्रंश शैली जैसी कई विशिष्ट शैलियों में बन रहे हैं। इन चित्रों को उज्जैन के त्रिवेणी संग्रहालय में शोकेस किया जाएगा। यानी कुछ समय बाद, जब आप उज्जैन आएंगे, तो, महाकाल महालोक के साथ-साथ एक और दिव्य स्थान के आप दर्शन कर सकेंगे।
संग्रहालय में है यह खास
कुंभ 2016 के मौके पर पुरातत्व, अभिलेखागार और संग्रहालय संचालनालय मप्र सरकार ने त्रिवेणी पुरातत्व संग्रहालय की स्थापना की थी। इसमें घूमने के लिए शैव, वैष्णव और शाक्त नाम की 3 दीर्घाएं हैं। इसका नाम भी इसी अवधारणा पर रखा गया था, यानि कि यह तीन पंथ विशेष शैवयान (शिव), कृष्णायन (वासुदेव कृष्ण) और दुर्गायन (देवी दुर्गा) की रचना पर आधारित है। इन गैलरी में पत्थर की मूर्तियां, सिक्के, लघु चित्रकला और अन्य सामग्री प्रदर्शित की गई है। भगवानों के बारे में इस संग्रहालय की दीवारों पर काफी जानकारी दी गई है। इसके अलावा उज्जैन में घूमने के लिए बनी अन्य जगहों के बारे में इसकी दीवारों पर पेंट किया गया है।
सुबह 8 से रात 10 तक देखा जा सकता है संग्रहालय
इस संग्रहालय को सुबह 8 से रात 10 बजे तक घूमा जा सकता है। मंगलवार और अन्य सरकारी छुट्टियों के दिन यह संग्रहालय बंद रहता है। इसकी एंट्री फीस 10 रुपए है।
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