विस्तार राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मंगलवार सुबह मध्यप्रदेश समेत पांच राज्यों के 17 ठिकानों पर छापे मारे हैं। प्रतिबंधित संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कनेक्शन की जांच करने के लिए यह कार्रवाई की गई है। NIA को PFI के कुछ सदस्यों की तलाश है। यह छापेमारी उत्तरप्रदेश और बिहार समेत अन्य राज्यों में भी की गई है।  अधिकृत सूत्रों के अनुसार मामला बिहार के फुलवारी शरीफ में दर्ज एफआईआर से जुड़ा है। बिहार में पीएफआई इतना एक्टिव क्यों है और उसे रसद कहां से मिल रही है, इसकी जांच की जा रही है। इस वजह से जिन स्थानों पर छापे मारे गए हैं, उनमें सबसे अधिक 12 स्थान बिहार के हैं। इसके अलावा उत्तरप्रदेश में दो, पंजाब और गोवा में एक-एक शहर में भी छापा मारा गया है।  खंडवा एसपी ने कहा- हमारे पास कोई इनपुट नहीं  खबरें आ रही थी कि मध्यप्रदेश के खंडवा में भी छापेमारी की गई है। हालांकि, खंडवा एसपी सत्येंद्र शुक्ला ने साफ किया कि सामान्य तौर पर जब इस तरह की कार्रवाई होती है तो लोकल पुलिस से संपर्क किया जाता है। अब तक हमारे पास कोई इनपुट नहीं है। हमसे किसी ने संपर्क नहीं किया है। अधिकृत तौर पर हम कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है।  मध्य प्रदेश के #खंडवा एसपी ने कहा- #NIARaids के संबंध में कोई इनपुट नहीं। अधिकृत तौर पर हम कुछ नहीं कह सकते। #MadhyaPradesh #Mpnews @drnarottammisrahttps://t.co/09oMat3Svq pic.twitter.com/p73i8xyben — Amar Ujala Madhya Pradesh (@AU_MPNews) April 25, 2023 गैरकानूनी और राष्ट्रविरोधी गतिविधियां एनआईए ने फुलवारी शरीफ मॉड्यूल के संबंध में जनवरी में पटना में चार्जशीट दाखिल की थी। एनआईए के एक प्रवक्ता ने उस समय बताया था कि चार सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ आईपीसी और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप हैं। 12 जुलाई 2022 को फुलवारी शरीफ पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था। 10 दिन बाद एनआईए ने फिर से मामला दर्ज किया और जांच अपने हाथ में ले ली। इस मामले में पीएफआई से जुड़े सदस्यों पर गैरकानूनी व देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप है। यह लोग पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में जुटे थे। एनआईए के मुताबिक आतंक और हिंसा के कृत्यों को अंजाम देने के इरादे से आपराधिक साजिश रची गई थी। इससे आतंक का माहौल बना और देश की एकता व अखंडता को खतरा पैदा हुआ।

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विस्तार राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मंगलवार सुबह मध्यप्रदेश समेत पांच राज्यों के 17 ठिकानों पर छापे मारे हैं। प्रतिबंधित संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कनेक्शन की जांच करने के लिए यह कार्रवाई की गई है। NIA को PFI के कुछ सदस्यों की तलाश है। यह छापेमारी उत्तरप्रदेश और बिहार समेत अन्य राज्यों में भी की गई है। 

अधिकृत सूत्रों के अनुसार मामला बिहार के फुलवारी शरीफ में दर्ज एफआईआर से जुड़ा है। बिहार में पीएफआई इतना एक्टिव क्यों है और उसे रसद कहां से मिल रही है, इसकी जांच की जा रही है। इस वजह से जिन स्थानों पर छापे मारे गए हैं, उनमें सबसे अधिक 12 स्थान बिहार के हैं। इसके अलावा उत्तरप्रदेश में दो, पंजाब और गोवा में एक-एक शहर में भी छापा मारा गया है। 

खंडवा एसपी ने कहा- हमारे पास कोई इनपुट नहीं 
खबरें आ रही थी कि मध्यप्रदेश के खंडवा में भी छापेमारी की गई है। हालांकि, खंडवा एसपी सत्येंद्र शुक्ला ने साफ किया कि सामान्य तौर पर जब इस तरह की कार्रवाई होती है तो लोकल पुलिस से संपर्क किया जाता है। अब तक हमारे पास कोई इनपुट नहीं है। हमसे किसी ने संपर्क नहीं किया है। अधिकृत तौर पर हम कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है। 

मध्य प्रदेश के #खंडवा एसपी ने कहा- #NIARaids के संबंध में कोई इनपुट नहीं। अधिकृत तौर पर हम कुछ नहीं कह सकते। #MadhyaPradesh #Mpnews @drnarottammisrahttps://t.co/09oMat3Svq pic.twitter.com/p73i8xyben

— Amar Ujala Madhya Pradesh (@AU_MPNews) April 25, 2023
गैरकानूनी और राष्ट्रविरोधी गतिविधियां
एनआईए ने फुलवारी शरीफ मॉड्यूल के संबंध में जनवरी में पटना में चार्जशीट दाखिल की थी। एनआईए के एक प्रवक्ता ने उस समय बताया था कि चार सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ आईपीसी और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप हैं। 12 जुलाई 2022 को फुलवारी शरीफ पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था। 10 दिन बाद एनआईए ने फिर से मामला दर्ज किया और जांच अपने हाथ में ले ली। इस मामले में पीएफआई से जुड़े सदस्यों पर गैरकानूनी व देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप है। यह लोग पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में जुटे थे। एनआईए के मुताबिक आतंक और हिंसा के कृत्यों को अंजाम देने के इरादे से आपराधिक साजिश रची गई थी। इससे आतंक का माहौल बना और देश की एकता व अखंडता को खतरा पैदा हुआ।

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