सोमवार को हो सकता है मंत्रिमंडल विस्तार। – फोटो : अमर उजाला
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मध्य प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल का पहला विस्तार कल सोमवार को हो सकता है। दो से तीन नए मंत्री बनाए जा सकते हैं। इसमें कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले विजयपुर से विधायक रामनिवास रावत भी मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। इसके अलावा मंत्रियों के नाम को लेकर भी फैसला जल्द होने की चर्चा है। देर शाम सीएम मोहन यादव ने राज्यपाल मंगूभाई पटेल से मुलाकात की है, हालांकि इसे सौजन्य भेंट बताया जा रहा है।
दरअसल, लोकसभा चुनाव के बीच विजयपुर से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक रामनिवास रावत और बीना से विधायक निर्मला सप्रे भाजपा में शामिल हुई थी। रावत कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक होने के साथ ही ग्वालियर-चंबल में अच्छा प्रभाव रखते हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद भी रावत और सप्रे ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है। इसको लेकर कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष से भी शिकायत की है। अब भाजपा रावत को मंत्री बनाकर इनाम दे सकती है। कैबिनेट विस्तार में जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों को भी साधा जाएगा। महिला कोर्ट से निर्मला सप्रे को भी मौका मिल सकता है। फिलहाल सोमवार को विजयपुर से विधायक रामनिवास रावत को मंत्री पद की शपथ दिलाने की चर्चा है।
राज्यपाल से मुलाकात
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की राज्यपाल से देर शाम मुलाकात की। इस सौजन्य भेंट बताया जा रहा है। हालांकि सूत्रों का कहना है सीएम ने रामनिवास रावत को मंत्री बनाने राज्यपाल का नाम सौंप दिया है। इस छोटे से कैबिनेट विस्तार से किसी मंत्री के विभाग में कोई परिवर्तन नहीं होगा। मुख्यमंत्री अपने पास से ही रामनिवास रावत को विभाग देंगे।
शाह भी बनाए जा सकते हैं मंत्री
लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 29 की 29 सीटें जीती हैं। इसमें सबसे बड़ी जीत छिंदवाड़ा की लोकसभा सीट है, जिसे कमलनाथ का गढ़ माना जाता था। छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा सीट से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह ने लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा ज्वाइन करने के बाद कमलनाथ को बड़ा झटका दिया था। इस सीट पर लोकसभा चुनाव में भाजपा को बड़ी लीड मिली थी। अब भाजपा शाह को मंत्री बनाकर ईनाम दे सकती है।
केंद्रीय लीडरों से हुई थी चर्चा
बता दें पिछले दिनों ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत कई दिग्गज नेताओं से दिल्ली में मुलाकात की थी। जिसमें उनके कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चा होने की बात कही जा रही है। पार्टी लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने वाले विधायक को भी इनाम दे सकती है।
कौन हैं रामनिवास रावत
श्योपुर की विजयपुर सीट से विधायक रामनिवास रावत छह बार के विधायक हैं। वे उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष बनाने से नाराज थे, जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली। रावत पहली बार 1990 में विधायक बने। इसके बाद वे 1993 में दिग्विजय सिंह सरकार में कैबिनेट में जगह मिली। रावत को दो बार विधानसभा चुनाव में हार का भी सामना करना पड़ा है। 64 वर्षीय रावत 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में लोकसभा का चुनाव भी लड़ा, लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा। उनके परिवार में पत्नी उमा रावत के अलावा दो बेटे और दो बेटियां हैं। उनका पेशा वकालत है। उन्होंने बीएससी, एमए, एलएलबी की पढ़ाई की है।
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