mp-news:-भोपाल-की-सड़कों-को-लेकर-कमलनाथ-का-तंज,-बोले-सड़क-में-गड्ढे-हैं-या-गड्ढे-में-सड़क-है,-पहचानना-मुश्किल
पूर्व सीएम कमलनाथ - फोटो : अमर उजाला विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राजधानी भोपाल की सड़कों को लेकर सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि मध्य प्रदेश में बड़े पैमाने पर सड़कों की हालत खराब हो गई है। प्रदेश के स्टेट हाईवे और शहर के अंदर की सड़कों की दशा दयनीय है। खुद राजधानी भोपाल का हाल ऐसा हो गया है कि सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढे में सड़क है, यह पहचानना मुश्किल है। उन्होंने आगे लिखा कि इसकी वजह सिर्फ़ यह नहीं है कि मानसून के कारण सड़कें उखड़ रही हैं बल्कि इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि ज़्यादातर सड़कें खराब गुणवत्ता की बनाई गईं। उखड़ी हुई सड़कें ख़ुद ही सड़क निर्माण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की गवाही दे रही हैं। बारिश में सड़कों का बह जाना बता रहा है कि प्रदेश की मोहन यादव सरकार में भी पिछली शिवराज सिंह सरकार के जमाने की "पैसा दो, काम लो" की नीति चल रही है और कमीशन और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। सिर्फ सरकारी धन की बर्बादी कमलनाथ ने लिखा कि मैं मुख्यमंत्री से निवेदन करता हूं कि सड़क निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाएं, क्योंकि यह न सिर्फ सरकारी धन की बर्बादी है, बल्कि बड़ी संख्या में सड़क दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण है। मध्य प्रदेश के नागरिकों के प्राणों की रक्षा के लिए सड़कों की बेहतर क्वालिटी आवश्यक है। स्कूल की घटनाओं को लेकर भी घेरा कमलनाथ ने दूसरे पोस्ट में लिखा कि प्रदेश में लगातार इस तरह की दुर्घटनाएं हो रही हैं जिनमें भवन या दीवार गिरने से मासूम बच्चों की मृत्यु हुई है। रीवा और सागर में बच्चों की मृत्यु की दुखद घटनाओं ने सबका दिल दहला दिया है। अब इस तरह की रिपोर्ट भी सामने आ रही है कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर सरकारी और निजी दोनों तरह के स्कूल कमजोर और पुरानी इमारतों में चल रहे हैं। कमजोर इमारतों में बच्चों को पढ़ाना भीषण जोखिम नाथ ने आगे लिखा कि भोपाल में ही 42 स्कूलों के जीर्ण-शीर्ण भवनों में चलने की रिपोर्ट सामने आई है। कमजोर इमारतों में बच्चों को पढ़ाना भीषण जोखिम को आमंत्रित करने के बराबर है। ऐसा प्रतीत होता है कि स्कूल भवनों पर किसी तरह का ध्यान न देकर सरकार बच्चों की सुरक्षा से गम्भीर खिलवाड़ कर रही है। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि पूरे प्रदेश में सभी तरह के सरकारी और निजी स्कूल की इमारतों की मजबूती की जांच कराई जाए और तत्काल उनकी मरम्मत शुरू की जाए। जब तक किसी स्कूल की मरम्मत का कार्य चलता है तब तक बच्चों को किसी दूसरे स्कूल में पढ़ने के लिए भेजा जाए ताकि उनकी सुरक्षा को कोई खतरा न हो।

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पूर्व सीएम कमलनाथ – फोटो : अमर उजाला

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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राजधानी भोपाल की सड़कों को लेकर सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि मध्य प्रदेश में बड़े पैमाने पर सड़कों की हालत खराब हो गई है। प्रदेश के स्टेट हाईवे और शहर के अंदर की सड़कों की दशा दयनीय है। खुद राजधानी भोपाल का हाल ऐसा हो गया है कि सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढे में सड़क है, यह पहचानना मुश्किल है।

उन्होंने आगे लिखा कि इसकी वजह सिर्फ़ यह नहीं है कि मानसून के कारण सड़कें उखड़ रही हैं बल्कि इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि ज़्यादातर सड़कें खराब गुणवत्ता की बनाई गईं। उखड़ी हुई सड़कें ख़ुद ही सड़क निर्माण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की गवाही दे रही हैं। बारिश में सड़कों का बह जाना बता रहा है कि प्रदेश की मोहन यादव सरकार में भी पिछली शिवराज सिंह सरकार के जमाने की “पैसा दो, काम लो” की नीति चल रही है और कमीशन और भ्रष्टाचार का बोलबाला है।

सिर्फ सरकारी धन की बर्बादी
कमलनाथ ने लिखा कि मैं मुख्यमंत्री से निवेदन करता हूं कि सड़क निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाएं, क्योंकि यह न सिर्फ सरकारी धन की बर्बादी है, बल्कि बड़ी संख्या में सड़क दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण है। मध्य प्रदेश के नागरिकों के प्राणों की रक्षा के लिए सड़कों की बेहतर क्वालिटी आवश्यक है।

स्कूल की घटनाओं को लेकर भी घेरा
कमलनाथ ने दूसरे पोस्ट में लिखा कि प्रदेश में लगातार इस तरह की दुर्घटनाएं हो रही हैं जिनमें भवन या दीवार गिरने से मासूम बच्चों की मृत्यु हुई है। रीवा और सागर में बच्चों की मृत्यु की दुखद घटनाओं ने सबका दिल दहला दिया है। अब इस तरह की रिपोर्ट भी सामने आ रही है कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर सरकारी और निजी दोनों तरह के स्कूल कमजोर और पुरानी इमारतों में चल रहे हैं।

कमजोर इमारतों में बच्चों को पढ़ाना भीषण जोखिम
नाथ ने आगे लिखा कि भोपाल में ही 42 स्कूलों के जीर्ण-शीर्ण भवनों में चलने की रिपोर्ट सामने आई है। कमजोर इमारतों में बच्चों को पढ़ाना भीषण जोखिम को आमंत्रित करने के बराबर है। ऐसा प्रतीत होता है कि स्कूल भवनों पर किसी तरह का ध्यान न देकर सरकार बच्चों की सुरक्षा से गम्भीर खिलवाड़ कर रही है। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि पूरे प्रदेश में सभी तरह के सरकारी और निजी स्कूल की इमारतों की मजबूती की जांच कराई जाए और तत्काल उनकी मरम्मत शुरू की जाए। जब तक किसी स्कूल की मरम्मत का कार्य चलता है तब तक बच्चों को किसी दूसरे स्कूल में पढ़ने के लिए भेजा जाए ताकि उनकी सुरक्षा को कोई खतरा न हो।

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