कांग्रेसियों ने भाजपा नेता भंवर सिंह के खिलाफ फूंका पुतला - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us मध्यप्रदेश के धार में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक उठा-पटक तेज हो गई है। भाजपा नेता भंवर सिंह की कांग्रेस में जाने की अटकलें तेज हो गई है। जिसको कांग्रेस के कार्यकर्ता में खासा रोष नजर आ रहा है। पिछले दिनों धार जिले की बदनावर विधानसभा में कांग्रेस में भाजपा के पूर्व विधायक कद्दावर नेता भंवर सिंह शेखावत की एंट्री को लेकर अटकलें तेज हो गई है। कांग्रेसियों में पोस्टर का विवाद अभी थमा भी नहीं कि अब कुछ युवको द्वारा बदनावर क्षेत्र में अनेक जगहों पर भाजपा के भंवर सिंह शेखावत के पुतले जलाकर कांग्रेस समर्थित नारेबाजी की। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कहा आयातित नेता नहीं चलेगा; कांग्रेस पार्टी होश में आओ के नारे लगने लगे है। सूत्रों के मुताबिक भंवर सिंह शेखावत की कांग्रेस में एंट्री तय मानी जा रही है। शेखावत खुद भी कांग्रेस की ओर से बदनावर से चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं। जिससे बदनावर विधानसभा चुनाव में घमासान देखने को मिलेगा। इधर, भाजपा को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है,क्योंकि कांग्रेस से भाजपा में आए बदनावर से विधायक प्रदेश मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव का लगातार विरोध करते हुए भाजपा से कांग्रेस में एंट्री लेने जा रहे भवर सिंह शेखावत से दत्तीगांव का विधानसभा चुनाव में सामना होना है। जो दत्तीगांव और भाजपा दोनों के लिए बड़ा मुश्किलों भरा होगा। बदनावर विधानसभा में कई वरिष्ठ भाजपाई कांग्रेस से भाजपा में आए और मंत्री बने; दत्तिगांव से पहले ही खफा चल रहे हैं। ऐसे में विधानसभा चुनाव के पहले ही घमासान मच गया है। भवरसिंह शेखावत को लेकर कांग्रेसियों के नाम पर हो रहा विरोध प्रदर्शन भी सोची समझी रणनीति बताया जा रहा है। इधर, क्षेत्रीय कांग्रेसी नेतागण पुरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। इस विरोध से पल्ला झाड़ते साजिश बता रहे हैं। भवरसिंह शेखावत की एंट्री पर समर्थन करते दिखें। उधर, भाजपा से मंत्री दत्तीगांव के लिए भी भंवर सिंह शेखावत एक बड़ी चुनौती के रूप में देखे जा रहे हैं। 2013 में विधानसभा चुनाव में भंवर सिंह ने दत्तीगांव को करीब साढ़े नौ हजार मतों से हरा दिया था। इसके बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में भितरघात के चलते भाजपा के उम्मीदवार भंवर सिंह तब के कांग्रेसी प्रतिद्वंदी दत्तीगांव से करीब 42000 मतों से हार गए थे। इधर, बदनावर क्षेत्र में कमजोर पड़ी कांग्रेस में भंवरसिंह शेखावत की एंट्री पर लगातार बढ़ते विरोध प्रदर्शनों को लेकर भी सवाल उठने लगे कि कोई जाना पहचाना कांग्रेसी सामने नहीं आ रहा तो यह सब करवा कौन रहा है? अब देखना होगा कि दोनों ही दलों के लिए क्या परिस्थितियां बनती है। फिलहाल ग्राम नागदा धारसीखेड़ा, गड़ी और कई ग्रामों में नारेबाजी करते हुए कुछ युवकों ने कांग्रेस के नाम पर भंवर सिंह शेखावत का विरोध किया गया और पुतले फुकें। इस तरह के विरोध प्रदर्शनों पर कई सारे साजिशी सवाल भी खड़े हो गए हैं।

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कांग्रेसियों ने भाजपा नेता भंवर सिंह के खिलाफ फूंका पुतला – फोटो : अमर उजाला

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मध्यप्रदेश के धार में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक उठा-पटक तेज हो गई है। भाजपा नेता भंवर सिंह की कांग्रेस में जाने की अटकलें तेज हो गई है। जिसको कांग्रेस के कार्यकर्ता में खासा रोष नजर आ रहा है।

पिछले दिनों धार जिले की बदनावर विधानसभा में कांग्रेस में भाजपा के पूर्व विधायक कद्दावर नेता भंवर सिंह शेखावत की एंट्री को लेकर अटकलें तेज हो गई है। कांग्रेसियों में पोस्टर का विवाद अभी थमा भी नहीं कि अब कुछ युवको द्वारा बदनावर क्षेत्र में अनेक जगहों पर भाजपा के भंवर सिंह शेखावत के पुतले जलाकर कांग्रेस समर्थित नारेबाजी की। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कहा आयातित नेता नहीं चलेगा; कांग्रेस पार्टी होश में आओ के नारे लगने लगे है।

सूत्रों के मुताबिक भंवर सिंह शेखावत की कांग्रेस में एंट्री तय मानी जा रही है। शेखावत खुद भी कांग्रेस की ओर से बदनावर से चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं। जिससे बदनावर विधानसभा चुनाव में घमासान देखने को मिलेगा। इधर, भाजपा को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है,क्योंकि कांग्रेस से भाजपा में आए बदनावर से विधायक प्रदेश मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव का लगातार विरोध करते हुए भाजपा से कांग्रेस में एंट्री लेने जा रहे भवर सिंह शेखावत से दत्तीगांव का विधानसभा चुनाव में सामना होना है। जो दत्तीगांव और भाजपा दोनों के लिए बड़ा मुश्किलों भरा होगा। बदनावर विधानसभा में कई वरिष्ठ भाजपाई कांग्रेस से भाजपा में आए और मंत्री बने; दत्तिगांव से पहले ही खफा चल रहे हैं।

ऐसे में विधानसभा चुनाव के पहले ही घमासान मच गया है। भवरसिंह शेखावत को लेकर कांग्रेसियों के नाम पर हो रहा विरोध प्रदर्शन भी सोची समझी रणनीति बताया जा रहा है। इधर, क्षेत्रीय कांग्रेसी नेतागण पुरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। इस विरोध से पल्ला झाड़ते साजिश बता रहे हैं। भवरसिंह शेखावत की एंट्री पर समर्थन करते दिखें। उधर, भाजपा से मंत्री दत्तीगांव के लिए भी भंवर सिंह शेखावत एक बड़ी चुनौती के रूप में देखे जा रहे हैं।

2013 में विधानसभा चुनाव में भंवर सिंह ने दत्तीगांव को करीब साढ़े नौ हजार मतों से हरा दिया था। इसके बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में भितरघात के चलते भाजपा के उम्मीदवार भंवर सिंह तब के कांग्रेसी प्रतिद्वंदी दत्तीगांव से करीब 42000 मतों से हार गए थे। इधर, बदनावर क्षेत्र में कमजोर पड़ी कांग्रेस में भंवरसिंह शेखावत की एंट्री पर लगातार बढ़ते विरोध प्रदर्शनों को लेकर भी सवाल उठने लगे कि कोई जाना पहचाना कांग्रेसी सामने नहीं आ रहा तो यह सब करवा कौन रहा है? अब देखना होगा कि दोनों ही दलों के लिए क्या परिस्थितियां बनती है। फिलहाल ग्राम नागदा धारसीखेड़ा, गड़ी और कई ग्रामों में नारेबाजी करते हुए कुछ युवकों ने कांग्रेस के नाम पर भंवर सिंह शेखावत का विरोध किया गया और पुतले फुकें। इस तरह के विरोध प्रदर्शनों पर कई सारे साजिशी सवाल भी खड़े हो गए हैं।

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