न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Tue, 25 Apr 2023 08: 37 PM IST सार लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें कैबिनेट की बैठक में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसल बर्बाद होने पर अनुदान सहायता राशि में प्रति हेक्टेयर 500 से 2000 रुपये की बढ़ोतरी की। इसके अलावा प्रदेश में गरीबों को 10 रुपये में भरपेट भोजन कराने के लिए 45 नए दीनदयाल रसोई केंद्र खोलने की भी स्वीकृति दी गई। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा - फोटो : अमर उजाला विस्तार चुनाव से पहले शिवराज सरकार ने किसानों, गरीबों, लाइनमेनों को लुभाने के लिए कैबिनेट में कई अहम निर्णय लिए गए। मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसल बर्बाद होने पर अनुदान सहायता राशि में प्रति हेक्टेयर 500 से 2000 रुपये की बढ़ोतरी की। इसके अलावा प्रदेश में गरीबों को 10 रुपये में भरपेट भोजन कराने के लिए 45 नए दीनदयाल रसोई केंद्र खोलने की भी स्वीकृति दी गई। इसी तरह 70 सीएम राइज स्कूल के लिए 2847 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई। कैबिनेट ने राजस्व पुस्तक परिपत्र खंड छ: क्रमांक 4 में संशोधन का अनुसमर्थन किया गया। जिसके अनुसार लघु एवं सीमांत 0 से 2 हेक्टेयर तक कृषि भूमि धारित करने वाले कृषक/खातेदार को वर्षा आधारित फसल के नुकसान पर (प्रति हेक्टेयर) नीचे दी राशि मिलेगी। -25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 5 हजार 500 रुपये -33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 8 हजार 500 रुपये -50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 17 हजार रुपये सिंचित फसल के लिए (प्रति हेक्टेयर) -प्रति हेक्टेयर 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 9 हजार 500 रुपये -33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 16 हजार रुपये - 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार 500 रुपये बारामाही (पैरीनियल) (बोवाई/रोपाई से 6 माह से कम अवधि में(प्रति हेक्टेयर) - 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर) फसल के लिए 9 हजार 500 रुपये - 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 19 हजार रुपये - 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रुपये बारामाही (पैरीनियल) (बोवाई/रोपाई से 6 माह से अधिक अवधि के बाद (प्रति हेक्टेयर) -25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर फसल के लिए 16 हजार रुपये - 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 21 हजार रुपये - 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रुपये सब्जी, मसाले तथा ईसबगोल की खेती के लिए (प्रति हेक्टेयर) -25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 19 हजार रुपये -33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 27 हजार रुपये -50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रुपये सेरीकल्चर (एरी. शहतूत और टसर) फसल के लिए (प्रति हेक्टेयर) -33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 6 हजार 500 रुपये तथा मूंग के लिए 8 हजार रुपये -50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 13 हजार रुपये तथा मूंग के लिए 16 हजार रुपये लघु एवं सीमांत कृषक से भिन्न कृषक-2 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि धारित करने वाले कृषक / खातेदार को वर्षा आधारित फसल के लिए (प्रति हेक्टेयर) - 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति पर 5 हजार रुपये - 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 7 हजार 300 रुपये - 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 14 हजार 600 रुपये सिंचित फसल के लिए प्रति हेक्टेयर (प्रति हेक्टेयर) -25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 7 हजार रुपये -33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति पर 14 हजार 500 रुपये -50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति पर 29 हजार रुपये बारामाही (पैरीनियल) (बोवाई/रोपाई से 6 माह से कम अवधि के बाद (प्रति हेक्टेयर) -25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर) फसल के लिये 7 हजार रुपये -33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 19 रुपये -50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रुपये बारामाही (पैरीनियल) (बोवाई/रोपाई से 6 माह से अधिक अवधि के बाद (प्रति हेक्टेयर) -25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर) फसल के लिए 13 हजार रुपये -33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 19 हजार रुपये -50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रुपये सब्जी, मसाले तथा ईसबगोल की खेती के लिए (प्रति हेक्टेयर) -25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 15 हजार रुपये -33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 19 हजार रुपये -50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रुपये 25 चलित और 20 स्थायी रसोई केंद्र बनेंगे मंत्रिमंडल ने दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना में तृतीय चरण को मंजूरी दी गई। इसमें 25 चलित और 20 नए स्थायी रसोई केंद्र बनेंगे। 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 4 नगरीय निकायों में 11 चलित रसोई केंद्र और शेष 12 नगर पालिक निगमों एवं पीथमपुर तथा मंडीदीप में एक-एक नवीन चलित रसोई केंद्र शुरू किए जाएंगे। कहां कितने रसोई केंद्र बनेंगे नगरपालिक निगम भोपाल में 4, इंदौर में 3, ग्वालियर और जबलपुर में 2-2, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, देवास, कटनी, खंडवा, मुरैना, रतलाम, रीवा, सागर, सिंगरौली एवं उज्जैन में एक-एक तथा नगरपालिका परिषद पीथमपुर और मंडीदीप में एक-एक चलित रसोई केंद्र शुरू होंगे। 20 हजार से 50 हजार जनसंख्या वाले नगरीय निकाय मंडीदीप, आष्टा, गंजबासौदा, सिरोंज, गोहद, राघौगढ़, डबरा, सारणी, इटारसी, सेंधवा, पीथमपुर, गाड़रवाड़ा, बीना, खुरई, मकरोनिया, बुजुर्ग, जावरा, शुजालपुर, नागदा, मालथौन और बुधनी में एक-एक नवीन रसोई केंद्र की स्थापना की जाएगी। कुल 100 रसोई केंद्र होंगे बता दें, जरूरतमंदों को किफायती दर पर पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए प्रथम चरण में प्रदेश के 51 जिला मुख्यालयों के 56 केन्द्रों में दीनदयाल अन्त्योदय रसोई योजना (प्रथम चरण) प्रारंभ की गई। द्वितीय चरण में 52 जिला मुख्यालयों में 94 एवं 6 धार्मिक नगरियों (मैहर, चित्रकूट ओंकारेश्वर, महेश्वर ओरछा एवं अमरकंटक) के कुल 100 रसोई केंद्रों में विस्तार किया गया। रियायती भोजन मिलेगा दीनदयाल अन्त्योदय रसोई में केवल स्थाई केंद्र संचालित होने से कई ऐसे जरूरतमंद लोग जो स्थाई केंद्र तक नहीं पहुंच पाते, इस योजना के लाभ से वंचित रह जाते हैं। तैयार भोजन चलित रसोई केंद्र में लेकर हितग्राहियों को वितरित किया जा सकेगा। दीनदयाल रसोई में रियायती दर पर जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराया जाता है। थाली में 160 ग्राम गेहूं की रोटी (लगभग 5) सब्जी, दाल, चावल रहता है। इन प्रस्तावों को भी दी गई मंजूरी -ग्वालियर मेडिकल कॉलेज में एक हजार बिस्तर के नवीन निर्मित अस्पताल के संचालन के लिए 488 पद और आउटसोर्स 484 पद अलग-अलग संवर्ग में मिलाकर कुल 972 पदों को सृजित करने की स्वीकृति दी। -सतना में नवीन शासकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए प्रथम चरण के निर्माण कार्य में 328.79 करोड़ की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की। -इंदौर में देवी अहिल्या की प्रतिमा स्थापित करने के के लिए 1.215 हेक्टेयर जमीन मुफ्त में देने को स्वीकृति दी गई। -इंदौर के नंदानगर में शासकीय नवीन महाविद्यालय खोलने को स्वीकृति दी गई। -राजस्व न्यायालयों की कम्प्यूटरीकरण परियोजना आरसीएमएस 4.0 का विकास करने पांच सालों के लिए तनकीनकी वित्तीय प्रस्ताव राशि 73 करोड़ 48 लाख 65 हजार के व्यय करने और आरसीएमएस परियोजना 3.0 को आगामी दो वर्षों के लिए 9.78 करोड़ रुपए व्यय की स्वीकृति दी गई। -प्रदेश के 10 जिलों में 6 उत्पादों के लिए एक जिला, एक उत्पाद योजना के चिन्हित किया गया है। कोदो-कुटकी जिला अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, सिंगरौली, तुअर दाल जिला-नरसिंहपुर, चना जिला-दमोह. बासमती चावल जिला रायसेन, चिन्नौर चावल जिला-बालाघाट एवं सरसों जिला भिण्ड एवं मुरैना को 'एक जिला-एक उत्पाद' हेतु प्रशिक्षण एवं मूल्य संवर्धन योजना लागू करने का निर्णय लिया। -विद्युत वितरण कंपनियों में आउटसोर्स पर काम कर रहे लाइनमेनों को प्रतिमाह एक हजार रुपए जोखिम भत्ता देने को स्वीकृति दी गई है। -70 सीएम राइज स्कूलों के लिए 2847.63 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई। -पन्ना जिले की रूंज मध्यम सिंचाई परियोजना और मझगांय सिंचाई परियोजना के लिए 1207 करोड़ रुपये के पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई।   रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Tue, 25 Apr 2023 08: 37 PM IST

सार

लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें

कैबिनेट की बैठक में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसल बर्बाद होने पर अनुदान सहायता राशि में प्रति हेक्टेयर 500 से 2000 रुपये की बढ़ोतरी की। इसके अलावा प्रदेश में गरीबों को 10 रुपये में भरपेट भोजन कराने के लिए 45 नए दीनदयाल रसोई केंद्र खोलने की भी स्वीकृति दी गई। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा – फोटो : अमर उजाला

विस्तार चुनाव से पहले शिवराज सरकार ने किसानों, गरीबों, लाइनमेनों को लुभाने के लिए कैबिनेट में कई अहम निर्णय लिए गए। मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसल बर्बाद होने पर अनुदान सहायता राशि में प्रति हेक्टेयर 500 से 2000 रुपये की बढ़ोतरी की। इसके अलावा प्रदेश में गरीबों को 10 रुपये में भरपेट भोजन कराने के लिए 45 नए दीनदयाल रसोई केंद्र खोलने की भी स्वीकृति दी गई। इसी तरह 70 सीएम राइज स्कूल के लिए 2847 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई।

कैबिनेट ने राजस्व पुस्तक परिपत्र खंड छ: क्रमांक 4 में संशोधन का अनुसमर्थन किया गया। जिसके अनुसार लघु एवं सीमांत 0 से 2 हेक्टेयर तक कृषि भूमि धारित करने वाले कृषक/खातेदार को वर्षा आधारित फसल के नुकसान पर (प्रति हेक्टेयर) नीचे दी राशि मिलेगी।

-25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 5 हजार 500 रुपये
-33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 8 हजार 500 रुपये
-50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 17 हजार रुपये

सिंचित फसल के लिए (प्रति हेक्टेयर)
-प्रति हेक्टेयर 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 9 हजार 500 रुपये
-33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 16 हजार रुपये
– 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार 500 रुपये
बारामाही (पैरीनियल) (बोवाई/रोपाई से 6 माह से कम अवधि में(प्रति हेक्टेयर)
– 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर) फसल के लिए 9 हजार 500 रुपये
– 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 19 हजार रुपये
– 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रुपये
बारामाही (पैरीनियल) (बोवाई/रोपाई से 6 माह से अधिक अवधि के बाद (प्रति हेक्टेयर)
-25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर फसल के लिए 16 हजार रुपये
– 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 21 हजार रुपये
– 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रुपये
सब्जी, मसाले तथा ईसबगोल की खेती के लिए (प्रति हेक्टेयर)
-25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 19 हजार रुपये
-33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 27 हजार रुपये
-50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रुपये

सेरीकल्चर (एरी. शहतूत और टसर) फसल के लिए (प्रति हेक्टेयर)

-33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 6 हजार 500 रुपये तथा मूंग के लिए 8 हजार रुपये
-50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 13 हजार रुपये तथा मूंग के लिए 16 हजार रुपये

लघु एवं सीमांत कृषक से भिन्न कृषक-2 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि धारित करने वाले कृषक / खातेदार को वर्षा आधारित फसल के लिए (प्रति हेक्टेयर)
– 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति पर 5 हजार रुपये
– 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 7 हजार 300 रुपये
– 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 14 हजार 600 रुपये
सिंचित फसल के लिए प्रति हेक्टेयर (प्रति हेक्टेयर)
-25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 7 हजार रुपये
-33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति पर 14 हजार 500 रुपये
-50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति पर 29 हजार रुपये
बारामाही (पैरीनियल) (बोवाई/रोपाई से 6 माह से कम अवधि के बाद (प्रति हेक्टेयर)
-25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर) फसल के लिये 7 हजार रुपये
-33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 19 रुपये
-50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रुपये
बारामाही (पैरीनियल) (बोवाई/रोपाई से 6 माह से अधिक अवधि के बाद (प्रति हेक्टेयर)
-25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर) फसल के लिए 13 हजार रुपये
-33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 19 हजार रुपये
-50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रुपये
सब्जी, मसाले तथा ईसबगोल की खेती के लिए (प्रति हेक्टेयर)
-25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 15 हजार रुपये
-33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 19 हजार रुपये
-50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रुपये

25 चलित और 20 स्थायी रसोई केंद्र बनेंगे

मंत्रिमंडल ने दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना में तृतीय चरण को मंजूरी दी गई। इसमें 25 चलित और 20 नए स्थायी रसोई केंद्र बनेंगे। 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 4 नगरीय निकायों में 11 चलित रसोई केंद्र और शेष 12 नगर पालिक निगमों एवं पीथमपुर तथा मंडीदीप में एक-एक नवीन चलित रसोई केंद्र शुरू किए जाएंगे।

कहां कितने रसोई केंद्र बनेंगे
नगरपालिक निगम भोपाल में 4, इंदौर में 3, ग्वालियर और जबलपुर में 2-2, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, देवास, कटनी, खंडवा, मुरैना, रतलाम, रीवा, सागर, सिंगरौली एवं उज्जैन में एक-एक तथा नगरपालिका परिषद पीथमपुर और मंडीदीप में एक-एक चलित रसोई केंद्र शुरू होंगे।
20 हजार से 50 हजार जनसंख्या वाले नगरीय निकाय मंडीदीप, आष्टा, गंजबासौदा, सिरोंज, गोहद, राघौगढ़, डबरा, सारणी, इटारसी, सेंधवा, पीथमपुर, गाड़रवाड़ा, बीना, खुरई, मकरोनिया, बुजुर्ग, जावरा, शुजालपुर, नागदा, मालथौन और बुधनी में एक-एक नवीन रसोई केंद्र की स्थापना की जाएगी।

कुल 100 रसोई केंद्र होंगे
बता दें, जरूरतमंदों को किफायती दर पर पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए प्रथम चरण में प्रदेश के 51 जिला मुख्यालयों के 56 केन्द्रों में दीनदयाल अन्त्योदय रसोई योजना (प्रथम चरण) प्रारंभ की गई। द्वितीय चरण में 52 जिला मुख्यालयों में 94 एवं 6 धार्मिक नगरियों (मैहर, चित्रकूट ओंकारेश्वर, महेश्वर ओरछा एवं अमरकंटक) के कुल 100 रसोई केंद्रों में विस्तार किया गया।

रियायती भोजन मिलेगा
दीनदयाल अन्त्योदय रसोई में केवल स्थाई केंद्र संचालित होने से कई ऐसे जरूरतमंद लोग जो स्थाई केंद्र तक नहीं पहुंच पाते, इस योजना के लाभ से वंचित रह जाते हैं। तैयार भोजन चलित रसोई केंद्र में लेकर हितग्राहियों को वितरित किया जा सकेगा। दीनदयाल रसोई में रियायती दर पर जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराया जाता है। थाली में 160 ग्राम गेहूं की रोटी (लगभग 5) सब्जी, दाल, चावल रहता है।

इन प्रस्तावों को भी दी गई मंजूरी
-ग्वालियर मेडिकल कॉलेज में एक हजार बिस्तर के नवीन निर्मित अस्पताल के संचालन के लिए 488 पद और आउटसोर्स 484 पद अलग-अलग संवर्ग में मिलाकर कुल 972 पदों को सृजित करने की स्वीकृति दी।
-सतना में नवीन शासकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए प्रथम चरण के निर्माण कार्य में 328.79 करोड़ की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की।
-इंदौर में देवी अहिल्या की प्रतिमा स्थापित करने के के लिए 1.215 हेक्टेयर जमीन मुफ्त में देने को स्वीकृति दी गई।
-इंदौर के नंदानगर में शासकीय नवीन महाविद्यालय खोलने को स्वीकृति दी गई।
-राजस्व न्यायालयों की कम्प्यूटरीकरण परियोजना आरसीएमएस 4.0 का विकास करने पांच सालों के लिए तनकीनकी वित्तीय प्रस्ताव राशि 73 करोड़ 48 लाख 65 हजार के व्यय करने और आरसीएमएस परियोजना 3.0 को आगामी दो वर्षों के लिए 9.78 करोड़ रुपए व्यय की स्वीकृति दी गई।
-प्रदेश के 10 जिलों में 6 उत्पादों के लिए एक जिला, एक उत्पाद योजना के चिन्हित किया गया है। कोदो-कुटकी जिला अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, सिंगरौली, तुअर दाल जिला-नरसिंहपुर, चना जिला-दमोह. बासमती चावल जिला रायसेन, चिन्नौर चावल जिला-बालाघाट एवं सरसों जिला भिण्ड एवं मुरैना को ‘एक जिला-एक उत्पाद’ हेतु प्रशिक्षण एवं मूल्य संवर्धन योजना लागू करने का निर्णय लिया।
-विद्युत वितरण कंपनियों में आउटसोर्स पर काम कर रहे लाइनमेनों को प्रतिमाह एक हजार रुपए जोखिम भत्ता देने को स्वीकृति दी गई है।
-70 सीएम राइज स्कूलों के लिए 2847.63 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई।
-पन्ना जिले की रूंज मध्यम सिंचाई परियोजना और मझगांय सिंचाई परियोजना के लिए 1207 करोड़ रुपये के पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई।
 

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