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मध्य प्रदेश में बाघ का सर काट कर ले जाने वाले शिकारयों को अब तक नहीं मिला सुराग - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us मध्य प्रदेश में शिकारियों के एक बाघ का सिर काटकर ले जाने की घटना ने बाघों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। हद तो यह है कि अधिकारियों ने इस घटना को तीन दिन तक दबाए रखा। अब मामला सामने आने के बाद वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो ने देश भर के बाघ संरक्षण क्षेत्रों और उससे जुड़े जंगल में शिकारियों से सुरक्षा को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। मध्य प्रदेश में सतपुड़ा, कान्हा, बांधवगढ़, पेंच और संजय दुबरी टाइगर रिजर्व हैं। मध्य प्रदेश में 2018 की जनगणना के अनुसार टाइगर की संख्या 526 थी। अब अनुमान लगाया जा रहा है कि यह संख्या बढ़कर 600 के पार पहुंच गई है। वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के पत्र के बाद मध्य प्रदेश में वन विभाग का अमला अलर्ट हो गया है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्टाफ को टाइगर रिजर्व के साथ ही बाघ मूवमेंट वाले इलाकों में गश्त बढ़ाने और अपने मुखबिरों को सक्रिय करने के लिए कहा गया है। इसमें जंगल से लगे डेरों की तलाशी, जंगल में संदिग्धों के मूवमेंट पर नजर रखने के साथ ही सक्रियता बढ़ाने को कहा गया है। अब तक शिकारियों का पता नहीं वन विभाग को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की चूरना रेंज के डबरा बीट में बाघ का शव मिला था। शिकारी बाघ का सिर काटकर ले गए। इस मामले में स्पेशल टाइगर फोर्स के साथ ही वन विभाग की टीम सर्चिंग कर रही है, लेकिन अब तक शिकारियों का न तो पता चला, ना उनके संबंध में कोई जानकारी मिली। वन विभाग के अधिकारियों के हाथ खाली ही हैं। 2023 के 6 माह में सबसे ज्यादा 26 मौत देश में 2023 में करीब 100 बाघों की मौत हुई है। इसमें सबसे ज्यादा मौत मध्य प्रदेश में 26 टाइगर की मौत हुई है। इससे पहले वर्ष 2022 में प्रदेश में सबसे ज्यादा 36 टाइगरों की मौत हुई थी। वहीं, शिकारियों ने 10 बाघों का शिकार किया था। इसमें से भी दो मामले में किसी की अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई। टाइगर का सर कटा तो नींद टूटी वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने मुख्यमंत्री से बाघों को बचाने की मांग की। उन्होंने कहा कि गैरजिम्मेदार और लापरवाह दोषी अधिकारियों को दंड दिया जाए। उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से मध्य प्रदेश बाघों की मौत में नंबर-1 बना हुआ है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में टाइगर का सिर काटा तो भारत सरकार की नींद टूटी और अलर्ट जारी किया। दिक्कत मध्य प्रदेश की वाइल्ड लाइफ के टॉप अफसरों की अक्षमता और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के भ्रष्ट अधिकारियों से है, जिनका इलाज मध्य प्रदेश सरकार जल्द करे। हमारी टीमें सक्रिय है पीसीसीएफ (वाइल्ड लाइफ) जसवीर सिंह चौहान ने रेड अलर्ट को लेकर कहा कि हमारी टीमें सक्रिय हैं। गश्त, संदिग्धों के ऊपर पहले से ही नजर रखी जा रही थी। अब इसे और सक्रियता से किया जा रहा है। जंगल से लगे घरों, डेरों, गांव में सर्चिंग के साथ ही संदिग्ध लोगों और वाहनों की जांच करने को कहा गया है। उन्होंने चूरना में बाघ के शिकार मामले में कहा कि टीमें शिकारियों की तलाश कर रही हैं। प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार बाघ की मौत के बाद उसका सिर काटा गया है। इसमें स्थानीय असामाजिक तत्वों की भूमिका होने का संदेह है। प्रदेश में बाघों की मौत पर चौहान ने कहा कि इसमें प्राकृतिक मौतें ज्यादा हैं। हमारा प्रयास है कि बाघ का शिकार और अप्राकृतिक मौत ना हो।

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मध्य प्रदेश में बाघ का सर काट कर ले जाने वाले शिकारयों को अब तक नहीं मिला सुराग – फोटो : अमर उजाला

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मध्य प्रदेश में शिकारियों के एक बाघ का सिर काटकर ले जाने की घटना ने बाघों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। हद तो यह है कि अधिकारियों ने इस घटना को तीन दिन तक दबाए रखा। अब मामला सामने आने के बाद वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो ने देश भर के बाघ संरक्षण क्षेत्रों और उससे जुड़े जंगल में शिकारियों से सुरक्षा को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है।

मध्य प्रदेश में सतपुड़ा, कान्हा, बांधवगढ़, पेंच और संजय दुबरी टाइगर रिजर्व हैं। मध्य प्रदेश में 2018 की जनगणना के अनुसार टाइगर की संख्या 526 थी। अब अनुमान लगाया जा रहा है कि यह संख्या बढ़कर 600 के पार पहुंच गई है। वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के पत्र के बाद मध्य प्रदेश में वन विभाग का अमला अलर्ट हो गया है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्टाफ को टाइगर रिजर्व के साथ ही बाघ मूवमेंट वाले इलाकों में गश्त बढ़ाने और अपने मुखबिरों को सक्रिय करने के लिए कहा गया है। इसमें जंगल से लगे डेरों की तलाशी, जंगल में संदिग्धों के मूवमेंट पर नजर रखने के साथ ही सक्रियता बढ़ाने को कहा गया है।

अब तक शिकारियों का पता नहीं
वन विभाग को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की चूरना रेंज के डबरा बीट में बाघ का शव मिला था। शिकारी बाघ का सिर काटकर ले गए। इस मामले में स्पेशल टाइगर फोर्स के साथ ही वन विभाग की टीम सर्चिंग कर रही है, लेकिन अब तक शिकारियों का न तो पता चला, ना उनके संबंध में कोई जानकारी मिली। वन विभाग के अधिकारियों के हाथ खाली ही हैं।

2023 के 6 माह में सबसे ज्यादा 26 मौत
देश में 2023 में करीब 100 बाघों की मौत हुई है। इसमें सबसे ज्यादा मौत मध्य प्रदेश में 26 टाइगर की मौत हुई है। इससे पहले वर्ष 2022 में प्रदेश में सबसे ज्यादा 36 टाइगरों की मौत हुई थी। वहीं, शिकारियों ने 10 बाघों का शिकार किया था। इसमें से भी दो मामले में किसी की अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई।

टाइगर का सर कटा तो नींद टूटी
वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने मुख्यमंत्री से बाघों को बचाने की मांग की। उन्होंने कहा कि गैरजिम्मेदार और लापरवाह दोषी अधिकारियों को दंड दिया जाए। उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से मध्य प्रदेश बाघों की मौत में नंबर-1 बना हुआ है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में टाइगर का सिर काटा तो भारत सरकार की नींद टूटी और अलर्ट जारी किया। दिक्कत मध्य प्रदेश की वाइल्ड लाइफ के टॉप अफसरों की अक्षमता और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के भ्रष्ट अधिकारियों से है, जिनका इलाज मध्य प्रदेश सरकार जल्द करे।

हमारी टीमें सक्रिय है
पीसीसीएफ (वाइल्ड लाइफ) जसवीर सिंह चौहान ने रेड अलर्ट को लेकर कहा कि हमारी टीमें सक्रिय हैं। गश्त, संदिग्धों के ऊपर पहले से ही नजर रखी जा रही थी। अब इसे और सक्रियता से किया जा रहा है। जंगल से लगे घरों, डेरों, गांव में सर्चिंग के साथ ही संदिग्ध लोगों और वाहनों की जांच करने को कहा गया है। उन्होंने चूरना में बाघ के शिकार मामले में कहा कि टीमें शिकारियों की तलाश कर रही हैं। प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार बाघ की मौत के बाद उसका सिर काटा गया है। इसमें स्थानीय असामाजिक तत्वों की भूमिका होने का संदेह है। प्रदेश में बाघों की मौत पर चौहान ने कहा कि इसमें प्राकृतिक मौतें ज्यादा हैं। हमारा प्रयास है कि बाघ का शिकार और अप्राकृतिक मौत ना हो।

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