mp-news:-बाओबाब-वृक्ष-मामले-में-अब-एक-सप्ताह-में-पेश-करना-होगा-जवाब,-सरकार-के-आग्रह-पर-हाईकोर्ट-ने-दी-मोहलत
बाओबाब वृक्ष - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार Follow Us मध्यप्रदेश के धार जिले में बाओबाब वृक्षों की कटाई, बिक्री तथा परिवहन पर हाईकोर्ट ने रोक बरकरार रखी है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने संज्ञान याचिका की सुनवाई की। इस दौरान सरकार को निर्देशित दिया है कि एक सप्ताह में जवाब पेश किया जाए। याचिका पर अगली सुनवाई 9 अगस्त को निर्धारित की गई है। गौरतलब है कि धार जिले में बाओबाब के पेड़ों को काटने, बिक्री करने तथा परिवहन की अनुमति दिए जाने संबंधित समाचार मीडिया में प्रकाशित हुआ था। खबर में कहा गया था कि क्षेत्रीय नागरिक बाओबाब वृक्ष काटने का विरोध कर रहे हैं। बाओबाब पेड़ को अफ्रीका में द वर्ल्ड ट्री की उपाधि दी गई है। अफ्रीका के आर्थिक विकास में इस पेड़ का बड़ा महत्व है। हैदराबाद के एक व्यापारी अपने फार्म में इन पेड़ों की खेती और आर्थिक लाभ के लिए उनकी कटाई कर बेच रहा है। एक पेड़ का मूल्य 10 लाख रुपये से अधिक है। इसके कारण दूसरे लोग भी अपने खेत में लगे पेड़ को बेचने के लिए काट रहे हैं। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेते हुए उसकी सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट ने संज्ञान याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद धार जिले में बाओबाब के पेड़ों की कटाई, बिक्री तथा परिवहन पर रोक लगाई थी। साथ ही प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, वन विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त तथा सीसीएफ इंदौर, कलेक्टर व सीईओ जिला पंचायत को नोटिस कर जवाब मांगा था। याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से जवाब पेश करने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया गया। युगलपीठ ने सरकार के आग्रह को स्वीकार करते हुए एक सप्ताह में जवाब पेश करने निर्देश जारी किए हैं।  

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बाओबाब वृक्ष – फोटो : सोशल मीडिया

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मध्यप्रदेश के धार जिले में बाओबाब वृक्षों की कटाई, बिक्री तथा परिवहन पर हाईकोर्ट ने रोक बरकरार रखी है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने संज्ञान याचिका की सुनवाई की। इस दौरान सरकार को निर्देशित दिया है कि एक सप्ताह में जवाब पेश किया जाए। याचिका पर अगली सुनवाई 9 अगस्त को निर्धारित की गई है।

गौरतलब है कि धार जिले में बाओबाब के पेड़ों को काटने, बिक्री करने तथा परिवहन की अनुमति दिए जाने संबंधित समाचार मीडिया में प्रकाशित हुआ था। खबर में कहा गया था कि क्षेत्रीय नागरिक बाओबाब वृक्ष काटने का विरोध कर रहे हैं। बाओबाब पेड़ को अफ्रीका में द वर्ल्ड ट्री की उपाधि दी गई है। अफ्रीका के आर्थिक विकास में इस पेड़ का बड़ा महत्व है। हैदराबाद के एक व्यापारी अपने फार्म में इन पेड़ों की खेती और आर्थिक लाभ के लिए उनकी कटाई कर बेच रहा है। एक पेड़ का मूल्य 10 लाख रुपये से अधिक है। इसके कारण दूसरे लोग भी अपने खेत में लगे पेड़ को बेचने के लिए काट रहे हैं।

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेते हुए उसकी सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट ने संज्ञान याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद धार जिले में बाओबाब के पेड़ों की कटाई, बिक्री तथा परिवहन पर रोक लगाई थी। साथ ही प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, वन विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त तथा सीसीएफ इंदौर, कलेक्टर व सीईओ जिला पंचायत को नोटिस कर जवाब मांगा था। याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से जवाब पेश करने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया गया। युगलपीठ ने सरकार के आग्रह को स्वीकार करते हुए एक सप्ताह में जवाब पेश करने निर्देश जारी किए हैं।
 

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