प्रदेश में जल्द आरसीएमएस 4.0 पर जनता को मिलेगी सुविधा – फोटो : अमर उजाला
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मध्य प्रदेश में अब लोगों को तहसील के चक्कर लगाने और राजस्व विभाग के भ्रष्टाचार से छुटकारा मिलने वाला है। राजस्व विभाग का रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम (आरसीएमएस) अगस्त 2024 से प्रदेश में पायलट बेस पर शुरू होने वाला है। इसके बाद इसे जल्द ही पूरे प्रदेश में लाइव कर दिया जाएगा। इससे सभी प्रक्रिया ऑनलाइन होने से मॉनीटरिंग से लेकर प्रकरणों का समाधान पारदर्शिता के साथ होगा।
मध्य प्रदेश के सभी 55 जिलों में साइबर तहसील लागू करने के बाद अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर राजस्व विभाग एक नई प्रक्रिया पर काम कर रहा है। इसमें रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम (आरसीएमएस) को अपडेट कर आरसीएमएस 4.0 लागू किया जा रहा है। इसमें जनता को तहसील आने की जरूरत ही नहीं होगी। सभी काम ऑनलाइन हो जाएंगे। अभी साइबर तहसील में आवेदन ऑनलाइन करने के बाद ऑर्डर की कॉपी को ऑनलाइन निकाला जा सकता है। इस बीच पूरी प्रक्रिया मेन्यूअल होती है। आरसीएमएस 4.0 लागू होने के बाद पूरी प्रक्रिया भी ऑनलाइन होगी। इसमें कोर्ट में केस चलने पर वीडियो कॉल पर ही सुनवाई होगी। आदेश भी वॉट्सएप पर मिल जाएगा। साथ ही केस की अपील भी ऑनलाइन की जा सकेगी। इसके बाद संबंधित प्रकरण वरिष्ठ अधिकारी को ट्रांसफर हो जाएगा। तहसील का सिस्टम पेपर लेस हो जाएगा। लोगों को तहसील के चक्कर लगाने की असुविधा से राहत मिलेगी।
पार्सल खसरा का नामांतरण भी ऑनलाइन होगा
अभी आरसीएमएस में होल खसरा में नामांतरण ऑनलाइन करने की प्रक्रिया है। अब आरसीएमएस 4.0 में पार्सल खसरा यानी कि दो लोगों के नाम पर जमीन है तो उसका भी नामांतरण हो सकेगा। अभी यह सुविधा नहीं है। इसका खसरा नक्शा भी टेक्नोलॉजी के माध्यम से नामांतरण के साथ ही हो जाएगा।
पटवारी का प्रतिवेदन भी होगा ऑनलाइन
अभी नामांकन, बंटवारा, सीमांकन, डायवर्जन से लेकर शासकीय केस में लगने वाले पटवारी के प्रतिवेदन भी ऑनलाइन जमा हो जाएंगे। इसमें आवेदक अपने प्रकरण को ऑनलाइन ट्रेक भी कर सकेगा। पटवारी ने प्रतिदिन दिया या नहीं दिया यह सबकुछ ऑनलाइन दिखेगा। यानी हर स्तर पर केस की ट्रेकिंग की जा सकेगी। इसमें पारदर्शिता के साथ ही समय-सीमा का पालन भी सुनिश्चित करना होगा। दोनों पक्ष केस और सुनवाई की तारीख भी ऑनलाइन देख करेंगे। पेशी की फीड भी ऑनलाइन की जाएगी।
71 हजार केस का निराकरण
प्रदेश में साइबर तहसील का शुभारंभ 29 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इसके बाद से अब तक 71 हजार प्रकरणाें का निराकरण किया जा सका है। इसमें 20 दिन में ऑर्डर हो रहे हैं। साथ ही ऑर्डर के साथ ही खसरे और नकल पर अमल हो रहा है। जानकारी के अनुसार अगस्त 2024 तक कुछ जिलों में आरसीएमएस-4.0 को पायलट बेस पर चलाया जाएगा। इसके बाद दिसंबर 2024 के अंत तक इसे प्रदेश में लाइव कर दिया जाएगा।
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