न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Mon, 13 Mar 2023 06: 54 PM IST सार लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम-1989 के तहत 2015 में हत्या, हत्या का प्रयास, बलात्कार, आगजनी समेत अन्य मामले 5001 दर्ज किए गए थे। जबकि वर्ष 2022 में अपराध की संख्या बढ़कर 11 हजार 384 पहुंच गई। अपराध - फोटो : पीटीआई विस्तार मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अपराध के मामले आठ साल में दोगुने हो गए है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम-1989 के तहत 2015 में हत्या, हत्या का प्रयास, बलात्कार, आगजनी समेत अन्य मामले 5001 दर्ज किए गए थे। जबकि वर्ष 2022 में अपराध की संख्या बढ़कर 11 हजार 384 पहुंच गई। इसमें अनुसूचित जाति के साथ 8293 और अनुसूचित जनजाति के साथ 3091 अपराध दर्ज दर्ज किए गए। यह जानकारी विधायक हर्ष विजय गेहलोत के सवाल पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के द्वारा दी गई। पिछले वर्ष से अपराध में 16% की वृद्धि गृह विभाग की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के साथ अपराध में 2021 की तुलना में 2022 में करीब 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। एसटी वर्ग के साथ 2022 में कुल 3091 अपराध दर्ज किए गए। इसमें हत्या के 57, हत्या के प्रयास के 40, बलात्कार के 403, आगजनी के 13, अन्य अपराध 2578 है।    हत्या और दुष्कर्म के केस में कमी आई वहीं, अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के साथ अपराध में 2021 की तुलना में 2022 में करीब 11.86 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। इसमें हत्या और बलात्कार के मामले में पिछले वर्ष की तुलना में कमी आई है। इस वर्ष एससी वर्ग के हत्या के 83, हत्या का प्रयास के 85, बलात्कार के 593, आगजनी के 20 और अन्य अपराध 7512 दर्ज किए गए।   रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Mon, 13 Mar 2023 06: 54 PM IST

सार

लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें

अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम-1989 के तहत 2015 में हत्या, हत्या का प्रयास, बलात्कार, आगजनी समेत अन्य मामले 5001 दर्ज किए गए थे। जबकि वर्ष 2022 में अपराध की संख्या बढ़कर 11 हजार 384 पहुंच गई। अपराध – फोटो : पीटीआई

विस्तार मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अपराध के मामले आठ साल में दोगुने हो गए है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम-1989 के तहत 2015 में हत्या, हत्या का प्रयास, बलात्कार, आगजनी समेत अन्य मामले 5001 दर्ज किए गए थे। जबकि वर्ष 2022 में अपराध की संख्या बढ़कर 11 हजार 384 पहुंच गई। इसमें अनुसूचित जाति के साथ 8293 और अनुसूचित जनजाति के साथ 3091 अपराध दर्ज दर्ज किए गए। यह जानकारी विधायक हर्ष विजय गेहलोत के सवाल पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के द्वारा दी गई।

पिछले वर्ष से अपराध में 16% की वृद्धि
गृह विभाग की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के साथ अपराध में 2021 की तुलना में 2022 में करीब 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। एसटी वर्ग के साथ 2022 में कुल 3091 अपराध दर्ज किए गए। इसमें हत्या के 57, हत्या के प्रयास के 40, बलात्कार के 403, आगजनी के 13, अन्य अपराध 2578 है। 

 
हत्या और दुष्कर्म के केस में कमी आई
वहीं, अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के साथ अपराध में 2021 की तुलना में 2022 में करीब 11.86 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। इसमें हत्या और बलात्कार के मामले में पिछले वर्ष की तुलना में कमी आई है। इस वर्ष एससी वर्ग के हत्या के 83, हत्या का प्रयास के 85, बलात्कार के 593, आगजनी के 20 और अन्य अपराध 7512 दर्ज किए गए।
 

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