न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Sun, 27 Aug 2023 08: 03 PM IST लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर झूठी घोषणाएं करने के साथ ही जनकल्याणकारी योजनाओं, पेंशन और छात्रवृत्ति का पैसा रोकने का आरोप लगाया। साथ ही कांग्रेस ने लाडली बहना योजना की राशि बढ़ाने को लेकर महिलाओं से सौदे बाजी करने का आरोप लगाया।  पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गए है।पूर्व वित्त मंत्री एवं विधायक तरूण भानोत ने रविवार को कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि शिवराज जी ने जो लाड़ली बहना योजना शुरू की है, उसमें 1 हजार रूपये प्रतिमाह देने का प्रावधान किया था। सौदे से बनी सरकार के मुखिया लाड़ली बहनों के साथ सौदा करना चाहते हैं। शिवराज सिंह एक हजार रूपये की राशि को बढ़ाकर 1250, 1500, 1750 करने की बात कह रहे हैं, 250-250 रूपये बढ़ाकर लाड़ली बहनों से सौदा करना चाहते हैं। यदि बहनों को तीन हजार रूपये देने की मंशा थी तो तीन हजार रूपये देने की योजना लेकर आते। लेकिन शिवराज सिंह की मंशा तो सौदे की है, इसलिए सौदेबाज सरकार बहनों से सौदा करना चाहती है। नोट के बदले वोट-राखी जैसे पावन पर्व पर मुख्यमंत्री जी सौदा करने के लिए तत्पर खड़े हैं। भनोत ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक तरफ घूम-घूम कर झूठी घोषणाएं कर रहे है। वहीं, दूसरी तरफ उन्होंने विधानसभा में स्वीकृत जनकल्याणकारी योजनाओं की धनराशि आवंटित नहीं कर रही है। उन्होंने कहा क प्रदेश में चल रही झूठ और लूट की सराकर ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन, कल्याणी पेंशन, दिव्यांग पेंशन तक में पैसा देना बंद कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि ढाई हजार से अधिक बेटियां ऐसी है, जिनका विवाह हो चुका है। लेकिन 50 प्रतिशत कमीशन वाले मामा की सरकार ने उनके कन्या विवाह योजना की सहायता राशि आज तक नहीं दी है। उन्होंने एक-एक कर योजना भी गिनाई।  तरुण भनोत ने दावा कि सामाजिक सुरक्ष पेंशन, कल्याणी पेंशन और दिव्यांग पेंशन की राशि दो महीने से लंबित है। इससे करीब 20 लाख से अधिक बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यागों को 600 रुपए प्रतिमाह की राशि नहीं मिल रही है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के पहली कक्षा से बारहवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को पिछले साल का छात्रवृत्ति का वितरण नहीं हुआ है। क्या शिवराज दलित और आदिवासी भांजे-भांजियों से उनके शिक्षा का अधिकार छीन रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष वर्ष 2022-23 व 2023-24 की अनुसूचित जाति पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति का केवल 40 प्रतिशत भुगतान छात्र-छात्राओं को किया गया है। छात्र-छात्राओं की शेष 60 प्रतिशत राशि का भुगतान नहीं हुआ हैं। 2021-22 के 30 हजार छात्र - छात्राओं की राशि भी रूकी हुई है। क्या शिवराज जी दलित भांजे-भांजियों से उच्च शिक्षा का हक छीन रहे हैं?  भनोत ने कहा कि अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम अंतर्गत उत्पीड़ितों को राहत दिये जाने का प्रावधान है। उत्पीड़ित-हत्या, बलात्कार, मारपीट, जानलेवा हमला आदि विषय इसके अंतर्गत आते हैं। प्रदेश में अप्रैल, 2023 से राहत राशि को बांटने के लिए बजट नहीं है। जनवरी-फरवरी, 2023 के राहत बांटने के प्रकरण लम्बित है। क्या शिवराज जी दलित और आदिवासी पीड़ितों को मिलने वाली राहत भी छीन रहे हैं?  मप्र में अप्रैल 2023 से लगभग 2500 बेटियों के विवाह में मिलने वाली कन्या विवाह योजना की राशि का भुगतान नहीं किया गया है। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Sun, 27 Aug 2023 08: 03 PM IST

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कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर झूठी घोषणाएं करने के साथ ही जनकल्याणकारी योजनाओं, पेंशन और छात्रवृत्ति का पैसा रोकने का आरोप लगाया। साथ ही कांग्रेस ने लाडली बहना योजना की राशि बढ़ाने को लेकर महिलाओं से सौदे बाजी करने का आरोप लगाया।  पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत – फोटो : अमर उजाला

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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गए है।पूर्व वित्त मंत्री एवं विधायक तरूण भानोत ने रविवार को कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि शिवराज जी ने जो लाड़ली बहना योजना शुरू की है, उसमें 1 हजार रूपये प्रतिमाह देने का प्रावधान किया था। सौदे से बनी सरकार के मुखिया लाड़ली बहनों के साथ सौदा करना चाहते हैं। शिवराज सिंह एक हजार रूपये की राशि को बढ़ाकर 1250, 1500, 1750 करने की बात कह रहे हैं, 250-250 रूपये बढ़ाकर लाड़ली बहनों से सौदा करना चाहते हैं। यदि बहनों को तीन हजार रूपये देने की मंशा थी तो तीन हजार रूपये देने की योजना लेकर आते। लेकिन शिवराज सिंह की मंशा तो सौदे की है, इसलिए सौदेबाज सरकार बहनों से सौदा करना चाहती है। नोट के बदले वोट-राखी जैसे पावन पर्व पर मुख्यमंत्री जी सौदा करने के लिए तत्पर खड़े हैं।

भनोत ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक तरफ घूम-घूम कर झूठी घोषणाएं कर रहे है। वहीं, दूसरी तरफ उन्होंने विधानसभा में स्वीकृत जनकल्याणकारी योजनाओं की धनराशि आवंटित नहीं कर रही है। उन्होंने कहा क प्रदेश में चल रही झूठ और लूट की सराकर ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन, कल्याणी पेंशन, दिव्यांग पेंशन तक में पैसा देना बंद कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि ढाई हजार से अधिक बेटियां ऐसी है, जिनका विवाह हो चुका है। लेकिन 50 प्रतिशत कमीशन वाले मामा की सरकार ने उनके कन्या विवाह योजना की सहायता राशि आज तक नहीं दी है। उन्होंने एक-एक कर योजना भी गिनाई। 

तरुण भनोत ने दावा कि सामाजिक सुरक्ष पेंशन, कल्याणी पेंशन और दिव्यांग पेंशन की राशि दो महीने से लंबित है। इससे करीब 20 लाख से अधिक बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यागों को 600 रुपए प्रतिमाह की राशि नहीं मिल रही है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के पहली कक्षा से बारहवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को पिछले साल का छात्रवृत्ति का वितरण नहीं हुआ है। क्या शिवराज दलित और आदिवासी भांजे-भांजियों से उनके शिक्षा का अधिकार छीन रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष वर्ष 2022-23 व 2023-24 की अनुसूचित जाति पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति का केवल 40 प्रतिशत भुगतान छात्र-छात्राओं को किया गया है। छात्र-छात्राओं की शेष 60 प्रतिशत राशि का भुगतान नहीं हुआ हैं। 2021-22 के 30 हजार छात्र – छात्राओं की राशि भी रूकी हुई है। क्या शिवराज जी दलित भांजे-भांजियों से उच्च शिक्षा का हक छीन रहे हैं? 

भनोत ने कहा कि अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम अंतर्गत उत्पीड़ितों को राहत दिये जाने का प्रावधान है। उत्पीड़ित-हत्या, बलात्कार, मारपीट, जानलेवा हमला आदि विषय इसके अंतर्गत आते हैं। प्रदेश में अप्रैल, 2023 से राहत राशि को बांटने के लिए बजट नहीं है। जनवरी-फरवरी, 2023 के राहत बांटने के प्रकरण लम्बित है। क्या शिवराज जी दलित और आदिवासी पीड़ितों को मिलने वाली राहत भी छीन रहे हैं?  मप्र में अप्रैल 2023 से लगभग 2500 बेटियों के विवाह में मिलने वाली कन्या विवाह योजना की राशि का भुगतान नहीं किया गया है।

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