दो दोस्त बने आर्मी और नेवी के चीफ – फोटो : अमर उजाला
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विंध्य की माटी में जन्मे सतना जिले के दिनेश त्रिपाठी भारतीय नौसेना में रियर एडमिरल के पद पर पदस्थ थे। उन्हें बीते कुछ महीने पहले नौसेना का प्रमुख बनाया गया था। दिनेश त्रिपाठी को नौसेना प्रमुख बनाए जाने के बाद समूचे विंध्य के लोगों ने खुद को गौरवान्वित माना। अब रीवा जिले के रहने वाले भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को उप सेना प्रमुख के पद से पदोन्नत करके सेना प्रमुख बनाया गया है। नौसेना प्रमुख दिनेश त्रिपाठी और सेना प्रमुख उपेंद्र द्ववेदी सैनिक स्कूल के छात्र थे। दोनों एक ही कक्षा में अध्यनरत थे।
भारत के सैन्य इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि सेना और नौसेना प्रमुख एक ही राज्य, स्कूल और बैच से हैं। वास्तव में वे कक्षा में एक ही बेंच पर बैठते थे। रविवार को कार्यभार संभालने वाले थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी और एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी सैनिक स्कूल रीवा (1973 बैच) के पूर्व छात्र हैं। उनकी कहानी खून के रिश्ते से परे भाइयों जैसी है।
जनरल रैंक के हैं 25 छात्र
रीवा सैनिक स्कूल ने 700 से अधिक सैन्य अधिकारी तैयार किए हैं, जिनमें कम से कम 25 जनरल रैंक के हैं, जिनमें से दो अब चार सितारा सेवा प्रमुख हैं। सैनिक स्कूल रीवा के सीनियर मास्टर डॉ. आरएस पांडे ने कहा कि यह हमारे लिए, हमारे स्कूल और हमारे राज्य के लिए बहुत गर्व का क्षण है। यह पहली बार है कि सशस्त्र बलों के दो विंग के प्रमुख सहपाठी और स्कूल के साथी हैं और एक ही राज्य से हैं।
स्कूल के प्रिंसिपल को मिला न्योता
वहीं, स्कूल के प्रिंसिपल को उस समारोह में आमंत्रित किया गया था। जहां जनरल द्विवेदी ने भारत की 1.3 मिलियन की मजबूत आर्मी का कार्यभार संभाला था। उनके कई सहपाठी भी वहां मौजूद थे। जनरल और एडमिरल के सहपाठी प्रोफेसर अमित तिवारी ने बताया कि हमारा बैच बहुत ही घनिष्ठ परिवार है। यहां तक कि आज भी हममें से 18 लोग यहां हैं। क्योंकि हमारे बैचमेट और मित्र जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सेनाध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला है।
931 था सेना प्रमुख का रोल नंबर
उन्होंने कहा कि मेरा रोल नंबर 829 था, उपेंद्र का 931 और दिनेश का 938 था। रीवा में स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज के पूर्व डीन और वर्तमान में टीआरएस कॉलेज-रीवा में कार्यरत प्रोफेसर तिवारी ने कहा कि वे दोनों बहुत अनुशासित, अत्यधिक केंद्रित और विवादों से दूर रहते थे। वे कभी किसी गुटबाजी का हिस्सा नहीं रहे, जो स्कूल के दिनों में सामान्य बात है। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी के स्कूल रिकॉर्ड के अनुसार वे एक औसत छात्र थे। बचपन में शरारती और जम्मू-कश्मीर राइफल्स में एक युवा इन्फैंट्री अधिकारी के रूप में आक्रामक लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने अपने शानदार सैन्य करियर में बहुत महत्वपूर्ण पद संभाले, ऑपरेशन रक्षक में एक बटालियन की कमान संभाली और डायरेक्टर जनरल-इन्फैंट्री बनने से पहले ऑपरेशन राइनो में एक सेक्टर की कमान संभाली।
बेटी जबलपुर के शासकीय अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ
श्रीकृष्ण द्विवेदी की इकलौती बेटी डॉ. पुष्पा पांडेय हैं, जो जबलपुर के जिला अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ के पद पर पदस्थ हैं। उपेंद्र द्विवेदी वर्तमान में भारतीय थल सेना में लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर पदस्थ हैं।
एमपी के पहले माइनिंग अफसर के बेटों ने पिता का सपना किया साकार
दरअसल, नए सेना प्रमुख बनने वाले उपेंद्र द्विवेदी रीवा जिले के गढ़ स्थित मुडिला गांव के रहने वाले हैं। उपेंद्र द्विवेदी के पिता श्रीकृष्ण द्विवेदी प्रदेश के पहले माइनिंग अफसर थे। उनका सपना था उनके तीन बेटों में एक बेटा डॉक्टर, दूसरा बेटा इंजिनियर और तीसरा बेटा सेना में अफसर बने। तीनों बेटों ने ऐसा करके भी दिखा दिया। श्रीकृष्ण के बड़े बेटे डॉ. पीसी द्विवेदी रीवा मेडिकल कॉलेज के डीन बनकर सेवानिवृत्त हुए हैं। दूसरे बेटे पीएस द्विवेदी भोपाल में स्थित सिंचाई विभाग में चीफ इंजीनियर रहकर सेवा निवृत्त हुए और तीसरे बेटे उपेंद्र द्विवेदी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे।
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