mp-news:-नाथ-समाज-से-cm-बोले-अंतिम-संस्कार-की-परंपरा-में-बदलाव-की-जरूरत,-समाधि-के-स्थान-पर-दाह-संस्कार-अपनाएं
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Sat, 31 Aug 2024 07: 39 PM IST विमुक्त समाज के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने की नाथ समुदाय से नई सोच अपनाने की अपील की। उन्होंने पारंपरिक परंपराओं में सुधार की जरूरत पर जोर दिया।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us भोपाल के रविंद्र भवन में आयोजित विमुक्त दिवस के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नाथ समाज को अपनी अंतिम संस्कार की परंपरा में बदलाव करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि समाधि बनाने की परंपरा के स्थान पर दाह संस्कार को अपनाना आवश्यक है, जिससे समाज को भविष्य में होने वाली समस्याओं से बचाया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि "आप समाधि बना देते हो, और बाद में लोग वहां चादर चढ़ाकर अपना फायदा उठा लेते हैं। यह हमारे पुरखों का सम्मान नहीं है, हमें इस परंपरा में सुधार की जरूरत है।" समय के साथ परंपराओं में सुधार की आवश्यकता मुख्यमंत्री ने कहा कि नाथ समुदाय को अब समय के साथ चलना होगा। उन्होंने नाथ समाज के लोगों से अपील की कि वे समाधि की जगह दाह संस्कार की परंपरा को अपनाएं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस समाज के लोगों को स्थायी रूप से घरों में रहकर अपने व्यवसायों में ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार हो सके। विमुक्त समाज के लिए सरकार की योजनाएं कार्यक्रम में विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ समाज के लिए मुख्यमंत्री ने कई घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि थानों में विमुक्त समाज के लोगों को अपराधी मानकर बनाई गई सूचियों को हटवा दिया जाएगा।  पहले किसी एक व्यक्ति के अपराध करने पर पूरे समाज का नाम थाने में दर्ज कर दिया जाता था, जो अब नहीं होगा। इसके साथ ही, इन जातियों की जनगणना में मूल स्थान का प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ वर्ग में जो जातियां शामिल नहीं हैं, उन्हें भी इस दायरे में लाया जाएगा। सेना, अग्निवीर के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था मुख्यमंत्री ने इस समाज के युवक-युवतियों के लिए पुलिस, सेना, प्रतियोगी परीक्षाओं और अग्निवीर के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था करने की भी घोषणा की। इसके अलावा, संभागीय स्तर पर केंद्र खोलने और मांगलिक भवन के निर्माण के लिए 20 लाख रुपए देने की भी बात कही। उन्होंने विमुक्त समाज की महिलाओं और पुरुषों से सीधा संवाद करते हुए उनकी मांगों को सुना और उन्हें भरोसा दिलाया कि उनकी सभी मांगों को पूरा किया जाएगा। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Sat, 31 Aug 2024 07: 39 PM IST

विमुक्त समाज के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने की नाथ समुदाय से नई सोच अपनाने की अपील की। उन्होंने पारंपरिक परंपराओं में सुधार की जरूरत पर जोर दिया।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव – फोटो : अमर उजाला

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भोपाल के रविंद्र भवन में आयोजित विमुक्त दिवस के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नाथ समाज को अपनी अंतिम संस्कार की परंपरा में बदलाव करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि समाधि बनाने की परंपरा के स्थान पर दाह संस्कार को अपनाना आवश्यक है, जिससे समाज को भविष्य में होने वाली समस्याओं से बचाया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि “आप समाधि बना देते हो, और बाद में लोग वहां चादर चढ़ाकर अपना फायदा उठा लेते हैं। यह हमारे पुरखों का सम्मान नहीं है, हमें इस परंपरा में सुधार की जरूरत है।”

समय के साथ परंपराओं में सुधार की आवश्यकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि नाथ समुदाय को अब समय के साथ चलना होगा। उन्होंने नाथ समाज के लोगों से अपील की कि वे समाधि की जगह दाह संस्कार की परंपरा को अपनाएं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस समाज के लोगों को स्थायी रूप से घरों में रहकर अपने व्यवसायों में ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार हो सके।

विमुक्त समाज के लिए सरकार की योजनाएं
कार्यक्रम में विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ समाज के लिए मुख्यमंत्री ने कई घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि थानों में विमुक्त समाज के लोगों को अपराधी मानकर बनाई गई सूचियों को हटवा दिया जाएगा।  पहले किसी एक व्यक्ति के अपराध करने पर पूरे समाज का नाम थाने में दर्ज कर दिया जाता था, जो अब नहीं होगा। इसके साथ ही, इन जातियों की जनगणना में मूल स्थान का प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ वर्ग में जो जातियां शामिल नहीं हैं, उन्हें भी इस दायरे में लाया जाएगा।

सेना, अग्निवीर के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने इस समाज के युवक-युवतियों के लिए पुलिस, सेना, प्रतियोगी परीक्षाओं और अग्निवीर के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था करने की भी घोषणा की। इसके अलावा, संभागीय स्तर पर केंद्र खोलने और मांगलिक भवन के निर्माण के लिए 20 लाख रुपए देने की भी बात कही। उन्होंने विमुक्त समाज की महिलाओं और पुरुषों से सीधा संवाद करते हुए उनकी मांगों को सुना और उन्हें भरोसा दिलाया कि उनकी सभी मांगों को पूरा किया जाएगा।

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
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