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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में नर्सिंग मान्यता फर्जीवाड़े से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आईएनसी) ने यह स्पष्ट किया कि सत्र 2023-24 में प्रवेश की कट-ऑफ तिथि नहीं बढ़ाई जा सकती। आईएनसी ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि चूंकि सत्र 2024-25 की मान्यता प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, इसलिए पिछले सत्र के लिए कट-ऑफ तिथि बढ़ाना संभव नहीं है। जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस एके पालीवाल की युगलपीठ ने आईएनसी को इस संबंध में लिखित जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।
लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता विशाल बघेल द्वारा दायर जनहित याचिका में प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश और मान्यता में हुई गंभीर अनियमितताओं को उजागर किया गया था। इसके साथ ही, पीपुल्स यूनिवर्सिटी भोपाल और अरविंदो मेडिकल यूनिवर्सिटी ने सत्र 2023-24 की मान्यता के लिए याचिका दायर की थी। उनकी याचिका में तर्क दिया गया कि चल रहे कोर्ट केस और सीबीआई जांच के कारण उन्हें सत्र 2023-24 की मान्यता नहीं दी गई, जिससे निजी विश्वविद्यालयों को नुकसान हुआ है। उन्होंने मांग की कि उन्हें सत्र 2023-24 की मान्यता प्रदान की जाए।
याचिकाकर्ता की ओर से न्यायालय को सूचित किया गया कि सत्र 2023-24 के लिए आईएनसी द्वारा घोषित कट-ऑफ तिथि अब समाप्त हो चुकी है। शासन की सत्र 2024-25 की मान्यता प्रक्रिया सितंबर माह में ही पूरी की जानी है। यह भी बताया गया कि उक्त निजी विश्वविद्यालयों ने बिना मान्यता प्राप्त किए सत्र 2023-24 में अवैध रूप से छात्रों को प्रवेश दिया है। ऐसी परिस्थितियों में उन्हें सत्र 2023-24 में प्रवेश की अनुमति देना नियमों के विरुद्ध होगा। सुनवाई के बाद न्यायालय ने संबंधित निर्देश जारी किए।
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