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अशोकनगर की ग्राम पंचायत ने इस तरह के पोस्टर लगाए थे। - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार Follow Us मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले की एक ग्राम पंचायत में धर्म विशेष के लोगों की एंट्री पर रोक लगाने का मामला सामने आया है। इसके लिए बकायदा बैनर-पोस्टर लगाए गए थे। हालांकि पुलिस ने इन बैनर-पोस्टर को हटा दिया है।  जानकारी के मुताबिक मामला अशोकनगर जिले की धौरा पंचायत का है। यहां लगे बैनर-पोस्टर में स्पष्ट उल्लेख किया गया कि धर्म विशेष व्यापारियों का ग्राम पंचायत धौरा में प्रवेश करना प्रतिबंधित है। कृपया अपना आधार कार्ड लेकर ही प्रवेश करें। मामले में आज प्रशासन ने एक्शन लेते हुए गांव की दीवारों पर लगे बैनर और पोस्टर हटा दिए हैं। साथ ही प्रशासन बैनर-पोस्टर जब्त करके अपने साथ ले गई है। सरपंच का प्रस्ताव, गांववालों की सहमति दरअसल ग्राम पंचायत धौरा में बीती रात पंचायत की बैठक में सरपंच बबलू यादव द्वारा धर्म विशेष व्यापारियों का गांव में प्रतिबंध लगाने को लेकर प्रस्ताव बनाया गया। जिस पर ग्रामीणों ने अपनी सहमति जताई। इसके बाद गांव में धर्म विशेष लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी गई। इतना ही नहीं गांव की मुख्य सड़कों पर धर्म विशेष व्यापारियों के गांव में प्रवेश को लेकर प्रतिबंध लगाने के बैनर-पोस्टर भी लगाए गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में प्रवेश करने वाले व्यापारियों के धर्म का पता लगाने आधार कार्ड चेक किए जाएंगे।  क्या है कारण गांव के सरपंच एवं भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष बबलू यादव का कहना है जिस तरह हम देश का माहौल देख रहे हैं। इसाई मिशनरी और मुस्लिमों द्वारा लगातार लव जिहाद और धर्मांतरण जैसे मामले देशभर में सामने आ रहे हैं। इसके कारण हम सभी हिंदुओं को जागरूक होना चाहिए। इन सभी मामलों को देखते हुए पंचायत में प्रस्ताव लाया गया। इस पर ग्रामीणों की सहमति के बाद निर्णय लिया गया कि धर्म विशेष के लोगों को गांव में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। पुलिस ने गांववालों को समझाया थाना प्रभारी सतेंद्र कुशवाहा का कहना है कि गांव में पोस्टर लगाए गए थे। सूचना मिलने पर नायब तहसीलदार के साथ गांव में जाकर ग्रामीणों को समझाइश दी है। ग्रामीणों को बोला है कि इस तरह के पोस्टर गांव में न लगाएं। प्रशासन ने गांव में पहुंचकर बैनर-पोस्टर हटा दिए हैं। साथ ही राजस्व टीम द्वारा गांव से पंचनामा तैयार कर ग्रामीणों को समझाइश दी गई है। ताकि आपस में वैमनस्यता न फैले।  हम नहीं मानेंगे गांव के सरपंच बबलू यादव का कहना है कि प्रशासन द्वारा भले ही बैनर पोस्टर हटा दिए गए हैं, लेकिन ग्रामीण और हम मिलकर जन जागरण अभियान चलाएंगे। इसमें बाहर के व्यक्तियों का गांव में प्रवेश आधार कार्ड देखकर ही दिया जाएगा। सरपंच और ग्रामीणों ने बताया कि पूरी पंचायत में धोड़की पिटवाकर जन जागरण अभियान चलाया जाएगा। गांव की बहन-बेटी और आमजन को जागरूक किया जाएगा कि किस तरह ऐसे लोग बहला-फुसलाकर धर्मांतरण और लव जिहाद जैसी संगीन घटनाओं को अंजाम देते हैं। इसके लिए लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जाएगा। यह प्रयास सबसे पहले इस गांव से शुरू किया गया है। गांव की बहन-बेटियों और बच्चों का भविष्य सुरक्षित करने की नैतिक जिम्मेदारी हमारी है। इसी दिशा में ही कदम उठाया गया है। 

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अशोकनगर की ग्राम पंचायत ने इस तरह के पोस्टर लगाए थे। – फोटो : सोशल मीडिया

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मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले की एक ग्राम पंचायत में धर्म विशेष के लोगों की एंट्री पर रोक लगाने का मामला सामने आया है। इसके लिए बकायदा बैनर-पोस्टर लगाए गए थे। हालांकि पुलिस ने इन बैनर-पोस्टर को हटा दिया है। 

जानकारी के मुताबिक मामला अशोकनगर जिले की धौरा पंचायत का है। यहां लगे बैनर-पोस्टर में स्पष्ट उल्लेख किया गया कि धर्म विशेष व्यापारियों का ग्राम पंचायत धौरा में प्रवेश करना प्रतिबंधित है। कृपया अपना आधार कार्ड लेकर ही प्रवेश करें। मामले में आज प्रशासन ने एक्शन लेते हुए गांव की दीवारों पर लगे बैनर और पोस्टर हटा दिए हैं। साथ ही प्रशासन बैनर-पोस्टर जब्त करके अपने साथ ले गई है।

सरपंच का प्रस्ताव, गांववालों की सहमति
दरअसल ग्राम पंचायत धौरा में बीती रात पंचायत की बैठक में सरपंच बबलू यादव द्वारा धर्म विशेष व्यापारियों का गांव में प्रतिबंध लगाने को लेकर प्रस्ताव बनाया गया। जिस पर ग्रामीणों ने अपनी सहमति जताई। इसके बाद गांव में धर्म विशेष लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी गई। इतना ही नहीं गांव की मुख्य सड़कों पर धर्म विशेष व्यापारियों के गांव में प्रवेश को लेकर प्रतिबंध लगाने के बैनर-पोस्टर भी लगाए गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में प्रवेश करने वाले व्यापारियों के धर्म का पता लगाने आधार कार्ड चेक किए जाएंगे। 

क्या है कारण
गांव के सरपंच एवं भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष बबलू यादव का कहना है जिस तरह हम देश का माहौल देख रहे हैं। इसाई मिशनरी और मुस्लिमों द्वारा लगातार लव जिहाद और धर्मांतरण जैसे मामले देशभर में सामने आ रहे हैं। इसके कारण हम सभी हिंदुओं को जागरूक होना चाहिए। इन सभी मामलों को देखते हुए पंचायत में प्रस्ताव लाया गया। इस पर ग्रामीणों की सहमति के बाद निर्णय लिया गया कि धर्म विशेष के लोगों को गांव में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

पुलिस ने गांववालों को समझाया
थाना प्रभारी सतेंद्र कुशवाहा का कहना है कि गांव में पोस्टर लगाए गए थे। सूचना मिलने पर नायब तहसीलदार के साथ गांव में जाकर ग्रामीणों को समझाइश दी है। ग्रामीणों को बोला है कि इस तरह के पोस्टर गांव में न लगाएं। प्रशासन ने गांव में पहुंचकर बैनर-पोस्टर हटा दिए हैं। साथ ही राजस्व टीम द्वारा गांव से पंचनामा तैयार कर ग्रामीणों को समझाइश दी गई है। ताकि आपस में वैमनस्यता न फैले। 

हम नहीं मानेंगे
गांव के सरपंच बबलू यादव का कहना है कि प्रशासन द्वारा भले ही बैनर पोस्टर हटा दिए गए हैं, लेकिन ग्रामीण और हम मिलकर जन जागरण अभियान चलाएंगे। इसमें बाहर के व्यक्तियों का गांव में प्रवेश आधार कार्ड देखकर ही दिया जाएगा। सरपंच और ग्रामीणों ने बताया कि पूरी पंचायत में धोड़की पिटवाकर जन जागरण अभियान चलाया जाएगा। गांव की बहन-बेटी और आमजन को जागरूक किया जाएगा कि किस तरह ऐसे लोग बहला-फुसलाकर धर्मांतरण और लव जिहाद जैसी संगीन घटनाओं को अंजाम देते हैं। इसके लिए लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जाएगा। यह प्रयास सबसे पहले इस गांव से शुरू किया गया है। गांव की बहन-बेटियों और बच्चों का भविष्य सुरक्षित करने की नैतिक जिम्मेदारी हमारी है। इसी दिशा में ही कदम उठाया गया है। 

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