mp-news:-ट्रेन-की-चपेट-में-आए-बाघ-के-तीन-शावक,-एक-की-मौत,-दो-घायल,-इस-साल-27-टाइगर-की-हो-गई-मौत
बुधनी मिडघाट पर ट्रेन की चपेट में आने से शावक की मौत - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us मध्य प्रदेश में बाघ की मौत के मामले नहीं रुक नहीं रहे हैं। सोमवार रात को सीहोर के बुधनी मिडघाट खंड में ट्रेन की चपेट में तीन शावक आ गए। इसमें एक शावक की मौत हो गई और दो घायल हो गए। बाघिन के पास में होने के चलते वन विभाग का अमला दो घायल शावक को रेस्क्यू भी नहीं कर पाया है। वहीं, एनटीसीए के आंकड़े के अनुसार इस वर्ष छह माह में 25 बाघों की मौत हो चुकी है। इसमें रायसेन और सीहोर के बाघ और शावक को शामिल करें तो संख्या 27 हो जाती है। यह देश में अब तक सबसे ज्यादा है।  भोपाल सीसीएफ राजेश खरे ने बताया कि घटना की सूचना सुबह रेलवे के कर्मचारियों की तरफ से दी गई। घटना बुधनी चौका मिटघाट की पहाड़ी के नाले के  सोमवार रात को बाघिन अपने तीन शावकों के साथ रेलवे पटरी पार कर रही थी। बाघिन तो आगे निकल गई, लेकिन तीनों शावक ट्रेन की चपेट में आ गए। वन विभाग की टीम शावकों को रेस्क्यू करने पहुंची, तभी बाघिन आ गई। उन्होंने बताया कि दोनों शावकों को कमर के नीचे चोट आई है। इसकी वजह से वे उठ नहीं पा रहे हैं।  लगातार रखी जाएगी शावकों पर नजर सीसीएफ ने बताया कि सुबह से शाम तक स्टाफ मॉनीटिंग करेगा। बाघिन के दूर जाने के बाद शावकों को रेस्क्यू कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि हादसा किस ट्रेन से हुआ इसकी जानकारी नहीं है। यह घटना सुबह 3 बजे से 4 बजे के आसपास की है। एनटीसीए के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 9 जनवरी 2024 से लेकर 13 जुलाई 2024 तक 25 बाघों की मौत रिपोर्ट हो चुकी है। इसमें रायसेन और सीहोर में बाघ और शावक की मौत को जोड़ने पर यह आंकड़ा 27 हो गया।  एनटीसीए की रिपोर्ट के अनुसार 6 जुलाई से 13 जुलाई तक देश में 75 से ज्यादा बाघों की मौत हो चुकी है। इसमें सबसे ज्यादा मौत मध्य प्रदेश में हुई हैं। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र और कर्नाटक में बाघों की मौत हुई है। यहां पर क्रमश: 14 और 11 मौतें हुईं।

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बुधनी मिडघाट पर ट्रेन की चपेट में आने से शावक की मौत – फोटो : अमर उजाला

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मध्य प्रदेश में बाघ की मौत के मामले नहीं रुक नहीं रहे हैं। सोमवार रात को सीहोर के बुधनी मिडघाट खंड में ट्रेन की चपेट में तीन शावक आ गए। इसमें एक शावक की मौत हो गई और दो घायल हो गए। बाघिन के पास में होने के चलते वन विभाग का अमला दो घायल शावक को रेस्क्यू भी नहीं कर पाया है। वहीं, एनटीसीए के आंकड़े के अनुसार इस वर्ष छह माह में 25 बाघों की मौत हो चुकी है। इसमें रायसेन और सीहोर के बाघ और शावक को शामिल करें तो संख्या 27 हो जाती है। यह देश में अब तक सबसे ज्यादा है। 

भोपाल सीसीएफ राजेश खरे ने बताया कि घटना की सूचना सुबह रेलवे के कर्मचारियों की तरफ से दी गई। घटना बुधनी चौका मिटघाट की पहाड़ी के नाले के  सोमवार रात को बाघिन अपने तीन शावकों के साथ रेलवे पटरी पार कर रही थी। बाघिन तो आगे निकल गई, लेकिन तीनों शावक ट्रेन की चपेट में आ गए। वन विभाग की टीम शावकों को रेस्क्यू करने पहुंची, तभी बाघिन आ गई। उन्होंने बताया कि दोनों शावकों को कमर के नीचे चोट आई है। इसकी वजह से वे उठ नहीं पा रहे हैं। 

लगातार रखी जाएगी शावकों पर नजर
सीसीएफ ने बताया कि सुबह से शाम तक स्टाफ मॉनीटिंग करेगा। बाघिन के दूर जाने के बाद शावकों को रेस्क्यू कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि हादसा किस ट्रेन से हुआ इसकी जानकारी नहीं है। यह घटना सुबह 3 बजे से 4 बजे के आसपास की है। एनटीसीए के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 9 जनवरी 2024 से लेकर 13 जुलाई 2024 तक 25 बाघों की मौत रिपोर्ट हो चुकी है। इसमें रायसेन और सीहोर में बाघ और शावक की मौत को जोड़ने पर यह आंकड़ा 27 हो गया।  एनटीसीए की रिपोर्ट के अनुसार 6 जुलाई से 13 जुलाई तक देश में 75 से ज्यादा बाघों की मौत हो चुकी है। इसमें सबसे ज्यादा मौत मध्य प्रदेश में हुई हैं। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र और कर्नाटक में बाघों की मौत हुई है। यहां पर क्रमश: 14 और 11 मौतें हुईं।

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