जीएमसी में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी – फोटो : अमर उजाला
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भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज की 27 वर्षीय डॉ. बाला सरस्वती की आत्महत्या के मामले में प्रबंधन की मुसीबतें बढ़ रही हैं। जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी समर्थन दिया है। इस बीच, केरल के सांसद बेनी बेहनन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर गंभीर आरोप लगाए हैं। सांसद ने पत्र में लिखा है कि गायनेकोलॉजी विभाग में डॉक्टरों को ओटी के उपकरणों से मारा जाता है। उन्हें फेकल्टी शारीरिक और मौखिक तौर पर अपमानित करते हैं।
सांसद ने लिखा कि जूनियर डॉक्टरों को बीमार होने पर भी छुट्टी नहीं दी जाती है। उनसे ओवरटाइम कराया जाता है। इस वजह से उन्हें पर्याप्त भोजन भी नहीं मिल पाता है। सांसद ने पेरेंट्स की तरफ से मिली जानकारी के आधार पर लिखा कि शिकायत करने पर उन्हें फेल करने, परीक्षा से वंचित करने का परिणाम भुगतने की धमकी दी जाती है।
14 सप्ताह की गर्भवती थी जूनियर डॉक्टर
गांधी मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती आंध्र प्रदेश की रहने वाली थी। वह गायनेकोलॉजी (स्त्री एवं महिला रोग) विभाग में स्नातकोत्तर तृतीय वर्ष की रेजिडेंट थी। 27 वर्षीय डॉक्टर बाला सरस्वती 14 सप्ताह की गर्भवती थी। सोमवार को डॉ. सरस्वती ने विभाग के डॉक्टरों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया और आत्महत्या कर ली। सांसद ने केंद्रीय मंत्री से डॉक्टर को न्याय दिलाने की मांग की है। सांसद ने साफ लिखा कि कॉलेज स्टूडेंट्स ने डॉ. सरस्वती की आत्महत्या मामले में डॉ. अरुणा कुमार की भूमिका का आरोप लगाया है। डॉ. अरुणा ने सरस्वती की थिसीस पर साइन नहीं किए। उसे मैटरनिटी अवकाश भी नहीं दिया गया। सांसद ने मंत्री से डॉ. अरुणा कुमार समेत जांच होने तक घटना के लिए जिम्मेदार सभी को निलंबित करने की मांग की है।
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