mp-news:-जालसाज-को-110-साल-का-कारावास,-हाईकोर्ट-में-नौकरी-लगवाने-के-नाम-पर-किया-था-फर्जीवाड़ा
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (फाइल फोटो) - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us हाईकोर्ट में नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों से जालसाजी करने वाले शख्स को न्यायालय ने 110 साल की सजा से दंडित किया है। अपर सत्र न्यायाधीश ने दोषी को 15 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है। अभियोजन के अनुसार बिरहली निवासी पुरुषोत्तम पासी ने हाईकोर्ट में नौकरी लगवाने के नाम पर 100 व्यक्तियों से 5 हजार से लेकर 30 हजार रुपये लिये थे। आरोपी ने अपनी एक महिला सहयोगी के साथ मिलकर फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार कर पीड़ित व्यक्तियों को दिए थे। नियुक्ति पत्र लेकर जब पीड़ित व्यक्ति हाईकोर्ट पहुंचे तो इस जालसाजी का खुलासा हुआ। पीड़ितों ने 18 दिसंबर 2013 को इस संबंध में केंट थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 तथा 34 के तहत प्रकरण दर्ज किया था। अभियोजन के दौरान न्यायालय को बताया गया कि आरोपी के पास मप्र हाईकोर्ट जबलपुर के नाम से सील थी। न्यायालय ने पेश किए गए साक्ष्य के आधार पर आरोपी पुरुषोत्तम को दोषी करार देकर सजा से दंडित किया। न्यायालय ने आदेश जारी किए हैं कि सभी प्रकरणों में सजा पृथक-पृथक भुगतनी होगी। सजा का निर्धारण आरोपी को 15 प्रकरणों में धारा 420 के तहत 5-5 साल की सजा से दंडित किया गया है। इस प्रकार कुल सजा 75 साल होगी। न्यायालय ने धारा 467 तथा 471 के तहत प्रत्येक प्रकरण में 3-3 साल कुल सजा 30 साल भुगतनी होगी। धारा 468 के तहत एक-एक साल का कारावास कुल सजा पांच साल भुगतनी होगी। 

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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (फाइल फोटो) – फोटो : अमर उजाला

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हाईकोर्ट में नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों से जालसाजी करने वाले शख्स को न्यायालय ने 110 साल की सजा से दंडित किया है। अपर सत्र न्यायाधीश ने दोषी को 15 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है।

अभियोजन के अनुसार बिरहली निवासी पुरुषोत्तम पासी ने हाईकोर्ट में नौकरी लगवाने के नाम पर 100 व्यक्तियों से 5 हजार से लेकर 30 हजार रुपये लिये थे। आरोपी ने अपनी एक महिला सहयोगी के साथ मिलकर फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार कर पीड़ित व्यक्तियों को दिए थे। नियुक्ति पत्र लेकर जब पीड़ित व्यक्ति हाईकोर्ट पहुंचे तो इस जालसाजी का खुलासा हुआ। पीड़ितों ने 18 दिसंबर 2013 को इस संबंध में केंट थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 तथा 34 के तहत प्रकरण दर्ज किया था।

अभियोजन के दौरान न्यायालय को बताया गया कि आरोपी के पास मप्र हाईकोर्ट जबलपुर के नाम से सील थी। न्यायालय ने पेश किए गए साक्ष्य के आधार पर आरोपी पुरुषोत्तम को दोषी करार देकर सजा से दंडित किया। न्यायालय ने आदेश जारी किए हैं कि सभी प्रकरणों में सजा पृथक-पृथक भुगतनी होगी।

सजा का निर्धारण
आरोपी को 15 प्रकरणों में धारा 420 के तहत 5-5 साल की सजा से दंडित किया गया है। इस प्रकार कुल सजा 75 साल होगी। न्यायालय ने धारा 467 तथा 471 के तहत प्रत्येक प्रकरण में 3-3 साल कुल सजा 30 साल भुगतनी होगी। धारा 468 के तहत एक-एक साल का कारावास कुल सजा पांच साल भुगतनी होगी। 

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