अमित शाह को भगवान परशुराम की प्रतिमा भेंट किया गया। – फोटो : सोशल मीडिया
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देश के गृहमंत्री अमित शाह रविवार को इंदौर दौरे पर थे। वे सबसे पहले भगवान परशुराम की जन्मस्थली जानापाव पहुंचे। यहां उनका स्वागत किया गया। राष्ट्रीय परशुराम परिषद एवं श्री परशुराम राष्ट्रीय शोध पीठ के पदाधिकारियों ने जानापाव (इंदौर) में भगवान परशुराम एकात्म विश्वविद्यालय का प्रस्ताव शाह जी सौंपा।
राष्ट्रीय परशुराम परिषद के संस्थापक संरक्षक पंडित सुनील भराला, केवी कृष्णन (राष्ट्रीय महामंत्री श्री परशुराम राष्ट्रीय शोध) व डॉ. राजाराम यादव (राष्ट्रीय महामंत्री श्री परशुराम राष्ट्रीय शोध पीठ व पूर्व कुलपति वीर बहादुर सिंह विश्वविद्यालय) ने अमित शाह से भेंट की। अमित शाह ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि उपेक्षा और अज्ञानता के शाप से ग्रसित जिस जानापाव को देश तो क्या मध्य प्रदेश राज्य के जिला स्तर पर भी वह मान-सम्मान और पहचान प्राप्त नहीं थी, वही पुन्यस्थली जानापाव को अब पूरा देश जान गया है। शीघ्र ही विश्व स्तर पर ख्याति प्राप्त करेगा। जानापाव देश की दूसरी अयोध्या हो गई है, एक भगवान् राम की जन्म-स्थली, दूसरी विष्णु के छठें अवतार भगवान श्री परशुराम का विस्मृत पुन्य जन्म-स्थान।
श्री परशुराम राष्ट्रीय शोध पीठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष केवी कृष्णन ने बताया कि आज से आठ वर्ष पूर्व मेरठ में पंडित सुनील भराला, संस्थापक संरक्षक राष्ट्रीय परशुराम परिषद व निर्वतमान अध्यक्ष /राज्यमंत्री श्रम कल्याण परिषद उत्तर प्रदेश सरकार व पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ भाजपा की पहल पर परशुराम स्वाभिमान सेना का जन्म हुआ। सेना के प्रमुख संस्थापकों में डीडी शर्मा, डीवी कपिल, अजय भरद्वाज और धर्मपाल शर्मा की भूमिका महत्वपूर्ण रही। परशुराम स्वाभिमान सेना द्वारा मेरठ में आयोजित महाकुंभ में करीब 20 हजार व्यक्तियों ने भाग लिया। कालांतर में सेना के सहयोग से राष्ट्रीय परशुराम परिषद का गठन हुआ। परिषद् ने राष्ट्रीय महत्व की अनेक उपलब्धियों के अतिरिक्त श्री परशुराम राष्ट्रीय शीच पीठ की स्थापना भी की है।
बताया गया कि मध्य प्रदेश का ग्राम जनापाव अचानक तब सुर्खियों में छा गया, जब भगवान परशुराम के अवतरण दिवस 22 अप्रैल 2023 को पंडित सुनील भराला के विशेष आमंत्रण पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने वरिष्ठ साथी राजनेताओं और प्रशंसकों के साथ यहां आयोजित महायज्ञ में आहुति देने पहुंचे। अब 30 जुलाई को भारत सरकार के वरिष्ठ और यशस्वी गृह मंत्री माननीय अमित शाह के प्रस्तावित आगमन से जानापाव को वैश्विक पहचान मिलेगी। उपेक्षा और विस्मृति के शाप से मुक्त होकर जानापाव उछल कर वैश्विक ऊंचाई पर स्थापित होगा।
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