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मप्र के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस - फोटो : social media विस्तार मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को छह महीने का एक्सटेंशन मिल गया है। उनका कार्यकाल इसी महीने खत्म होने वाला था। यह विस्तार एक जून से 30 नवंबर 2023 की अवधि के लिए मान्य रहेगा। मध्य प्रदेश में नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में साफ है कि चुनावों की तारीखों की घोषणा हो चुकी होगी और 30 नवंबर 2023 को राज्य में आदर्श आचार संहिता प्रभावी होगी। तब तक इकबाल सिंह बैंस ही प्रदेश के प्रशासनिक मुखिया बने रहेंगे।  केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने 17 मई को सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को सूचना दी कि राज्य सरकार ने 6 मई को पत्र लिखकर 1985 बैच के आईएएस अफसर और मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के कार्यकाल को बढ़ाने का अनुरोध किया था। इसे मान्य कर लिया गया है। साफ है कि अब 30 नवंबर 2023 तक इकबाल सिंह बैंस मुख्य सचिव बने रहेंगे। यह एक्सटेंशन एआईएस (सीएस-आरएम) रूल्स 1960 के तहत एआईएस (डीसीआरबी) रूल्स 1958 के नियम 16(1) को शिथिल करते हुए दिया गया है।  नवंबर में मिला था पहला एक्सटेंशन इकबाल सिंह बैंस का रिटायरमेंट 30 नवंबर 2022 को हुआ था। तब तक राज्य सरकार ने किसी और अधिकारी को मुख्य सचिव के तौर पर नहीं चुना था। जिस दिन बैंस रिटायर हो रहे थे, उसी दिन छह महीने का एक्सटेंशन दिया गया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वयं इकबाल सिंह बैंस के एक्स्टेंशन को लेकर प्रयास किए थे।   सीहोर में हुई थी बैंस की पहली पोस्टिंग इकबाल सिंह बैंस का जन्म पंजाब में 13 नवंबर 1962 को हुआ था। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स में प्रथम श्रेणी में ग्रेजुएशन किया है। आईएएस में सिलेक्शन के बाद बैंस की पहली पोस्टिंग जनवरी 1993 में सीहोर में हुई थी, जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला भी है। इसी जिले की बुधनी सीट का प्रतिनिधित्व शिवराज विधानसभा में करते हैं। बैंस को अगस्त 1993 में गुना कलेक्टर बनाया गया था। इसके बाद वे भोपाल कलेक्टर बने थे। वे गुना और सीहोर में भी कलेक्टर रहे। 1999 और 2000 में लॉ एंड जस्टिस डिपार्टमेंट में जॉइंट चीफ इलेक्टोरल डायरेक्टर बनाए गए थे। मुख्य सचिव बनने से पहले बैंस कृषि, उद्यानिकी, ऊर्जा, विमानन, आबकारी आयुक्त , पंचायत एवं ग्रामीण विकास, संसदीय कार्य जैसे विभाग संभाल चुके हैं। साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय में सचिव, प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव भी रहे हैं।   सख्त मिजाज प्रशासक हैं बैंस इकबाल सिंह बैंस को मिले एक्स्टेंशन से कई वरिष्ठ अधिकारी सीएस बनने से चूक गए हैं। बैंस का एक्स्टेंशन खत्म होने तक वे रिटायर हो चुके होंगे। इकबाल सिंह बैंस को सख्त मिजाज का प्रशासक समझा जाता है। उन्होंने ही लोक सेवा गारंटी कानून लागू करवाया। आनंद विभाग का गठन भी उनकी पहल पर हुआ था। जुलाई 2013 में वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर संयुक्त सचिव बनकर दिल्ली गए थे। भाजपा सरकार बनने के बाद 2014 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें वापस मध्य प्रदेश में बुलवाया।    अब तक 5 सीएस को मिला एक्सटेंशन इकबाल सिंह बैंस- एक दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 (दो एक्सटेंशन) बीपी सिंह - 1 जुलाई से 31 दिसंबर 2018 तक आर परशुराम - 2012-13 में 6 माह हरीश खन्ना - 1989- 90 में 4 महीने आरपी कपूर - 1990-91 में 6 माह

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मप्र के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस – फोटो : social media

विस्तार मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को छह महीने का एक्सटेंशन मिल गया है। उनका कार्यकाल इसी महीने खत्म होने वाला था। यह विस्तार एक जून से 30 नवंबर 2023 की अवधि के लिए मान्य रहेगा। मध्य प्रदेश में नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में साफ है कि चुनावों की तारीखों की घोषणा हो चुकी होगी और 30 नवंबर 2023 को राज्य में आदर्श आचार संहिता प्रभावी होगी। तब तक इकबाल सिंह बैंस ही प्रदेश के प्रशासनिक मुखिया बने रहेंगे। 

केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने 17 मई को सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को सूचना दी कि राज्य सरकार ने 6 मई को पत्र लिखकर 1985 बैच के आईएएस अफसर और मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के कार्यकाल को बढ़ाने का अनुरोध किया था। इसे मान्य कर लिया गया है। साफ है कि अब 30 नवंबर 2023 तक इकबाल सिंह बैंस मुख्य सचिव बने रहेंगे। यह एक्सटेंशन एआईएस (सीएस-आरएम) रूल्स 1960 के तहत एआईएस (डीसीआरबी) रूल्स 1958 के नियम 16(1) को शिथिल करते हुए दिया गया है। 

नवंबर में मिला था पहला एक्सटेंशन
इकबाल सिंह बैंस का रिटायरमेंट 30 नवंबर 2022 को हुआ था। तब तक राज्य सरकार ने किसी और अधिकारी को मुख्य सचिव के तौर पर नहीं चुना था। जिस दिन बैंस रिटायर हो रहे थे, उसी दिन छह महीने का एक्सटेंशन दिया गया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वयं इकबाल सिंह बैंस के एक्स्टेंशन को लेकर प्रयास किए थे।  

सीहोर में हुई थी बैंस की पहली पोस्टिंग
इकबाल सिंह बैंस का जन्म पंजाब में 13 नवंबर 1962 को हुआ था। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स में प्रथम श्रेणी में ग्रेजुएशन किया है। आईएएस में सिलेक्शन के बाद बैंस की पहली पोस्टिंग जनवरी 1993 में सीहोर में हुई थी, जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला भी है। इसी जिले की बुधनी सीट का प्रतिनिधित्व शिवराज विधानसभा में करते हैं। बैंस को अगस्त 1993 में गुना कलेक्टर बनाया गया था। इसके बाद वे भोपाल कलेक्टर बने थे। वे गुना और सीहोर में भी कलेक्टर रहे। 1999 और 2000 में लॉ एंड जस्टिस डिपार्टमेंट में जॉइंट चीफ इलेक्टोरल डायरेक्टर बनाए गए थे। मुख्य सचिव बनने से पहले बैंस कृषि, उद्यानिकी, ऊर्जा, विमानन, आबकारी आयुक्त , पंचायत एवं ग्रामीण विकास, संसदीय कार्य जैसे विभाग संभाल चुके हैं। साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय में सचिव, प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव भी रहे हैं।  

सख्त मिजाज प्रशासक हैं बैंस
इकबाल सिंह बैंस को मिले एक्स्टेंशन से कई वरिष्ठ अधिकारी सीएस बनने से चूक गए हैं। बैंस का एक्स्टेंशन खत्म होने तक वे रिटायर हो चुके होंगे। इकबाल सिंह बैंस को सख्त मिजाज का प्रशासक समझा जाता है। उन्होंने ही लोक सेवा गारंटी कानून लागू करवाया। आनंद विभाग का गठन भी उनकी पहल पर हुआ था। जुलाई 2013 में वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर संयुक्त सचिव बनकर दिल्ली गए थे। भाजपा सरकार बनने के बाद 2014 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें वापस मध्य प्रदेश में बुलवाया। 
 
अब तक 5 सीएस को मिला एक्सटेंशन

इकबाल सिंह बैंस- एक दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 (दो एक्सटेंशन) बीपी सिंह – 1 जुलाई से 31 दिसंबर 2018 तक आर परशुराम – 2012-13 में 6 माह हरीश खन्ना – 1989- 90 में 4 महीने आरपी कपूर – 1990-91 में 6 माह

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