खंडवा में वन मंत्री शाह ने चीतों की मौत का कारण बताया है। – फोटो : सोशल मीडिया
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मध्यप्रदेश में चीतों की लगातार मौत का कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है, पर प्रदेश के वनमंत्री ने बताया है कि तेज गर्मी से चीतों की मौत हुई है। इनमें से किसी भी चीते की मौत भूख से नहीं बल्कि उनके कॉलर आईडी पर मक्खी के बैठने से हुई थी।
बता दें कि मध्य प्रदेश को लगातार तीसरी बार टाइगर स्टेट होने का दर्जा प्राप्त हुआ है। इतना ही नहीं इस समय मध्य प्रदेश टाइगर प्रोटेक्शन ही नहीं बल्कि उसकी जनसंख्या में भी सबसे अव्वल है। मंत्री विजय शाह जब से वन मंत्री हैं उनके कार्यकाल में यह तीसरी बार है जब मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा मिला है। खंडवा प्रवास पर वन मंत्री शाह ने कूनो में हो रही चीतों की मौत पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उनके अनुसार तेज गर्मी के चलते चीतों की मौत हुई थी। जिससे वे प्रेरणा लेकर अब उनके लिए और बेहतर इंतजाम करेंगे। और इसको लेकर उन्होंने अपने कुछ सुझाव भी दिए थे। मंत्री शाह ने बताया कि इनमे से किसी भी चीते की मौत भूख से नहीं बल्कि उनके कॉलर आईडी पर मक्खी के बैठने से हुई थी लेकिन इस मामले में विशेषज्ञ ही कुछ बता सकते हैं।
चीतों का सर्वाइवल रेट है 50 प्रतिशत
मंत्री विजय शाह ने कहा कि भारत आए चीतों का सर्वाइवल रेट 50 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि दुनिया में यह पहली बार हुआ है जब चीते एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में गए हैं। सामान्यतः चीते किसी अन्य जगह भी जाते हैं तो उनका सर्वाइवल रेट 50% ही होता है। वहीं चीतों के जो बच्चे तेज गर्मी में मर गए उस समय टेंपरेचर 48 के करीब था।
नहीं माने गए वन मंत्री शाह के सुझाव
वन मंत्री ने इशारों-इशारों में कहा कि उनके सुझाव माने नहीं गए। उन्होंने कहा कि ज्यादा लोग हो जाते हैं देखरेख करने वाले तो, मुझे लगता है कि हमारे जो लोकल सुझाव है उसे तरजीह नहीं दी जाती। हम विशेषज्ञ नहीं हैं, जिन्होंने सुझाव दिए वे दुनिया के विशेषज्ञ हैं इसलिए मैं कुछ बोलूं और दुनिया के विशेषज्ञों पर टीका टिप्पणी करूं। जो भारत सरकार, मध्य प्रदेश सरकार के मापदंडों पर कार्य कर रहे हैं तो मेरा बोलना उचित नहीं होगा। लेकिन हमारा मानना है कि तेज गर्मी के कारण उनकी मौत हुई थी। अब हम भविष्य में इस घटना से प्रेरणा लेकर हमने विभाग से कहा था कि वहां बोरे लगा दो, टट्टे लगा दो ताकि छाया हो जाए। लेकिन विशेषज्ञों के आगे हमारी नहीं चलती।
जितनी चीतों की सुरक्षा उतनी मंत्री की भी नहीं
वन मंत्री ने कहा कि हाल ही में जो चीते के तीन शावक जो खत्म हुए हैं उन्हें हम गिनती में नहीं लेते। बाकी जो कॉलर आईडी लगा है जिस पर मक्खी बैठ गई है। किसी भी चीते की मौत भूख से नहीं हुई, ना ही किसी चीते की मौत एक्सीडेंट से हुई है। ना ही किसी चीते की मौत हमारी लापरवाही से हुई है। हर एक चीते की सुरक्षा पर एक सुबह एक शाम को गाड़ी लगी हुई है जो पूरा उसको मॉनिटरिंग करती है। उन्होंने कहा कि जितनी सुरक्षा उनकी है उतनी मेरी भी नहीं है। जल्दी ही हम चीतों को शिफ्ट करने का प्लान भी बना रहे हैं।
प्रदेश में हैं 1000 से ज्यादा टाइगर
मंत्री विजय शाह ने कहा कि 785 टाइगर होना बड़े गर्व की बात है। लेकिन मेरा दावा है कि प्रदेश में 1000 से ज्यादा टाइगर हैं। उन्होंने कहा कि होता यह है कि एक तरफ का फोटो आया एक तरफ का नहीं तो उसे गिनती में नहीं लिया जाता। कई बार शावकों की उम्र को लेकर भी कंफ्यूजन के चलते उन्हें गिनती में नहीं लिया जाता। मंत्री विजय शाह ने विपक्ष पर भी निशाना साधा और कहा कि हम पर आरोप लगाते थे कि इतने टाइगर मर गए उतने टाइगर मर गए, लेकिन हमने कहा था कि हम अपने काम से जवाब देंगे। मोबाइल से जवाब नहीं देंगे। आज टाइगर के मामले में हम अपना कॉलर ऊंचा कर उन लोगों को जवाब दे रहे हैं। वन मंत्री विजय शाह ने कहा कि हमारे कर्मचारी अधिकारी जी जान की बाजी लगाकर काम कर रहे हैं। हम उन्हें भी भोपाल बुलाकर पुरस्कृत करने का काम करेंगे। मंत्री ने कहा कि हम हमारे वन्यजीवों की केयर कैसे करते हैं यह आपको पार्क में देखना चाहिए। बच्चों से ज्यादा हम हमारे वन्यजीवों की केयर करते हैं।
खंडवा जिले में बनेंगे 3 नए वन अभयारण्य
मध्य प्रदेश में इंदिरा सागर बांध बनाने के बाद बड़ी संख्या में विस्थापन हुआ है। इसके बाद यहां पर नेशनल पार्क बनने की संभावना व्यक्त की जा रही थी। ऐसे में रिजर्व फॉरेस्ट बुरहानपुर, रिजर्व फॉरेस्ट ओंकारेश्वर और रिज़र्व फॉरेस्ट नर्मदा नगर आने वाले समय में हमारी योजना है कि हम इन्हें अभयारण्य बनाएंगे। वन मंत्री ने कहा कि अभी भी वे अभयारण्य ही हैं सिर्फ नाम ही उनका अलग है। वहां रिजर्व फॉरेस्ट के नाम पर सभी प्रकार की व्यवस्थाएं हैं। उन्होंने कहा कि वन्य अभयारण्य बनाने जैसा बड़ा निर्णय बिना जिला पंचायत अध्यक्ष, विधायक और सांसद के मंजूरी के नहीं लिया जा सकता। हम सब की राय लेकर आने वाले 2024 में इस काम को पूरा करेंगे।
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