सांकेतिक तस्वीर। – फोटो : अमर उजाला
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गुमनाम शिकायत पर बिना सुनवाई के अवसर दिए स्थानांतरण किया जाना दंड के स्वरूप है। जस्टिस एमएस भट्टी की एकलपीठ ने दायर याचिका की सुनवाई करते हुए स्थानातंरण पर रोक लगा दी है, साथ ही अनावेदकों को नोटिस जारी किए हैं। याचिका पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की गई है।
याचिकाकर्ता जितेन्द्र कुमार गौड़ की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि वह स्कूल शिक्षा विभाग में ग्रेड 3 के पद पर पदस्थ है। उसका स्थानांतरण संभागायुक्त सागर के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी ने छतरपुर से नवगांव कर दिया। आदेश में इस बात का उल्लेख किया गया कि विभिन्न संगठनों की शिकायत पर उसका स्थानांतरण किया जा रहा है।
याचिका की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता पंकज दुबे ने न्यायालय को बताया कि गुमनाम शिकायत पर स्थानांतरण किया जाना दंड के स्वरूप है। प्राकृतिक न्याय के तहत स्थानांतरण के पूर्व याचिकाकर्ता को पक्ष प्रस्तुत करने के लिए सुनवाई का अवसर प्रदान किया जाना चाहिए था। याचिका में आयुक्त स्कूल शिक्षा विभाग, संभागायुक्त, जिला कलेक्टर तथा डीईओ को अनावेदक बनाया गया है। एकलपीठ ने सुनवाई के बाद स्थानांतरण आदेश पर स्टे जारी करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
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