न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Thu, 29 Aug 2024 10: 48 PM IST
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दिल्ली प्रवास पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। इसमें दौधन बांध एवं लिंक नहर के भू-अर्जन एवं पुनर्विस्थापन हेतु 1150 करोड़ रुपये शीघ्र जारी होंगे। कान्ह और गंभीर नदियों को जोड़ने के प्रस्ताव पर भी विचार होगा। सीएम डॉ. मोहन यादव ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री से दिल्ली में की मुलाकात – फोटो : अमर उजाला
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को दिल्ली प्रवास के दौरान केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल से उनके कार्यालय सीजीओ कॉम्प्लेक्स में सौजन्य भेंट कर उनके मंत्रालय से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर सार्थक चर्चा की। बैठक के दौरान नदी जोड़ो परियोजनाओं, विशेषकर केन-बेतवा लिंक परियोजना के संबंध में विस्तृत चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री पाटिल को बताया कि मध्य प्रदेश नदी-जोड़ो अभियान में बड़ी भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश शासन महत्वाकांक्षी केन-बेतवा लिंक परियोजना पर काम कर रहे हैं, जो विश्व में अपने प्रकार की अद्वितीय परियोजना है। बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास के लिए इस परियोजना से प्रदेश के 10 जिलों को सिंचाई और पेयजल आपूर्ति की सुविधा प्राप्त होगी। बुंदेलखंड एक ऐसा क्षेत्र है जिसने कभी भी अपनी संप्रभुता दिल्ली सल्तनत अथवा मुगल शासकों के अधीन नहीं की परंतु पानी के अभाव में दुर्भाग्यवश यह क्षेत्र संसाधनहीन हो गया। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केन-बेतवा परियोजना के माध्यम से इस क्षेत्र का चहुंमुखी विकास होगा। मुख्यमंत्री यादव ने आग्रह किया कि राज्य को दौधन बांध एवं लिंक नहर के भू-अर्जन एवं पुनर्विस्थापन हेतु 1150 करोड़ रुपये की राशि केंद्र से प्राप्त होना शेष है, जिसे केंद्रीय मंत्री ने शीघ्र जारी करवाने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अनुरोध किया कि स्वीकृत केन-बेतवा लिंक परियोजना के अंतर्गत वर्तमान में प्रावधानित दमोह-पन्ना उद्वहन सिंचाई योजना से 90,100 हेक्टेयर सिंचाई के स्थान पर लगभग 2,50,000 हैक्टेयर की पत्ने एवं ब्यरमा सिंचाई परियोजना को शामिल किया जाना उचित होगा। इस संबंध में संशोधित डीपीआर राज्य शासन द्वारा भेजी जा रही है, जिस पर केंद्रीय मंत्री ने सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने राजस्थान राज्य के साथ भारत सरकार द्वारा स्वीकृत 70,000 करोड़ रुपये की पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना के संबंध में भी विस्तृत चर्चा की।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने बताया कि मध्य प्रदेश ऐसा पहला राज्य है जो समीपवर्ती राज्यों के साथ नदियां जोड़ने के अलावा अंतरराज्यीय नदियों को जोड़ने पर भी विचार कर रहा है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया कि कान्ह और गंभीर नदियों को जोड़ने का प्रारंभिक तौर पर प्रस्ताव बनाया जा रहा है, जिसे केंद्रीय मंत्री ने सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की है। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री यादव ने जानकारी दी कि प्रदेश में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत 21 में से 17 योजनाएं सबसे पहले पूर्ण कर ली गई हैं। इसके लिए केंद्रीय मंत्री पाटिल ने प्रदेश शासन की सराहना की। मुख्यमंत्री ने उज्जैन में वर्ष 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ पर्व के संबंध में घाट निर्माण और नदी सफाई से संबंधित प्रस्ताव भी केंद्रीय मंत्री पाटिल को दिए।
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