mp-news:-केंद्र-में-डेपुटेशन-पर-गए-ips-से-मांगा-था-हलफनामा,-सरकार-ने-जवाब-में-बताया-mphc-ने-आदेश-पर-लगाई-रोक
सांकेतिक तस्वीर। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us डीजीपी के माध्यम से रॉ में पदस्थ आईपीएस से हलफनामा बुलाए जाने का आदेश हाईकोर्ट की युगलपीठ ने निरस्त कर दिया है। याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से उक्त जानकारी पेश की गई। जस्टिस विवेक अग्रवाल ने याचिका की सुनवाई से खुद को अलग करते हुए किसी अन्य पीठ के समक्ष प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए हैं। गौरतलब है कि नरसिंहपुर निवासी अभिषेक राय की तरफ से दायर याचिका में सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायत का निराकरण नरसिंहपुर पुलिस द्वारा जबरदस्ती किए को चुनौती दी गई थी। याचिका में आरोप लगाते हुए कहा गया था कि थाना प्रभारी अमित कुमार डांगी ने अवैधानिक तरीके से अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उनसा मोबाइल जब्त किया। खुद अभिषेक बनकर उसके मोबाइल से सीएम हेल्पलाइन में फोन कर शिकायत बंद करवा दी। याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया था कि इंस्पेक्टर एवं एक अन्य आरक्षक को निलंबित किया गया है और विभागीय जांच जारी है। याचिकाकर्ता ने एकलपीठ को बताया कि इंस्पेक्टर को सिर्फ दिखावटी कार्रवाई के लिए निलंबित किया गया था। लगभग 15 दिन बाद उसका निलंबन निरस्त कर दिया गया है। इंस्पेक्टर को बचाने के लिए पुलिस तंत्र जुटा हुआ है। जिसे गंभीरता से लेते हुए एकलपीठ ने नरसिंहपुर पुलिस अधीक्षक को निलंबन व बहाल किए जाने संबंधित रिकॉर्ड के साथ तलब किया था। पिछली सुनवाई के दौरान पुलिस अधीक्षक नरसिंहपुर अजय सिंह ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर जानकारी दी थी कि तत्कालीन पुलिस अधीक्षक विपुल श्रीवास्तव द्वारा 12 दिसंबर 2022 को निलंबन आदेश जारी किया गया था। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने 30 दिसंबर 2022 को निलंबन आदेश निरस्त कर दिया था। निलंबन आदेश निरस्त करने के लिए इंस्पेक्टर अमित कुमार डांगी ने आवेदन किया था। आवेदन में मानसिक दवाब व स्वास्थ्य का हवाला दिया गया था। एकलपीठ ने जिसे गंभीरता से लेते हुए कहा था कि बिना मेडिकल प्रमाण-पत्र के आधार पर निलंबन कैसे रद्द कर दिया गया। पुलिस महानिदेशक को निर्देशित किया कि केन्द्र पर डेपुटेशन में पदस्थ तत्कालीन पुलिस अधीक्षक का हलफनामा पेश किया जाए। याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि उक्त आदेश को खिलाफ युगलपीठ के समक्ष याचिका दायर की गई थी। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद उक्त आदेश को निरस्त कर दिया है। एकलपीठ ने सुनवाई के बाद उक्त आदेश जारी किए।

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डीजीपी के माध्यम से रॉ में पदस्थ आईपीएस से हलफनामा बुलाए जाने का आदेश हाईकोर्ट की युगलपीठ ने निरस्त कर दिया है। याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से उक्त जानकारी पेश की गई। जस्टिस विवेक अग्रवाल ने याचिका की सुनवाई से खुद को अलग करते हुए किसी अन्य पीठ के समक्ष प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए हैं।

गौरतलब है कि नरसिंहपुर निवासी अभिषेक राय की तरफ से दायर याचिका में सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायत का निराकरण नरसिंहपुर पुलिस द्वारा जबरदस्ती किए को चुनौती दी गई थी। याचिका में आरोप लगाते हुए कहा गया था कि थाना प्रभारी अमित कुमार डांगी ने अवैधानिक तरीके से अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उनसा मोबाइल जब्त किया। खुद अभिषेक बनकर उसके मोबाइल से सीएम हेल्पलाइन में फोन कर शिकायत बंद करवा दी। याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया था कि इंस्पेक्टर एवं एक अन्य आरक्षक को निलंबित किया गया है और विभागीय जांच जारी है।

याचिकाकर्ता ने एकलपीठ को बताया कि इंस्पेक्टर को सिर्फ दिखावटी कार्रवाई के लिए निलंबित किया गया था। लगभग 15 दिन बाद उसका निलंबन निरस्त कर दिया गया है। इंस्पेक्टर को बचाने के लिए पुलिस तंत्र जुटा हुआ है। जिसे गंभीरता से लेते हुए एकलपीठ ने नरसिंहपुर पुलिस अधीक्षक को निलंबन व बहाल किए जाने संबंधित रिकॉर्ड के साथ तलब किया था। पिछली सुनवाई के दौरान पुलिस अधीक्षक नरसिंहपुर अजय सिंह ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर जानकारी दी थी कि तत्कालीन पुलिस अधीक्षक विपुल श्रीवास्तव द्वारा 12 दिसंबर 2022 को निलंबन आदेश जारी किया गया था। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने 30 दिसंबर 2022 को निलंबन आदेश निरस्त कर दिया था। निलंबन आदेश निरस्त करने के लिए इंस्पेक्टर अमित कुमार डांगी ने आवेदन किया था। आवेदन में मानसिक दवाब व स्वास्थ्य का हवाला दिया गया था। एकलपीठ ने जिसे गंभीरता से लेते हुए कहा था कि बिना मेडिकल प्रमाण-पत्र के आधार पर निलंबन कैसे रद्द कर दिया गया। पुलिस महानिदेशक को निर्देशित किया कि केन्द्र पर डेपुटेशन में पदस्थ तत्कालीन पुलिस अधीक्षक का हलफनामा पेश किया जाए। याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि उक्त आदेश को खिलाफ युगलपीठ के समक्ष याचिका दायर की गई थी। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद उक्त आदेश को निरस्त कर दिया है। एकलपीठ ने सुनवाई के बाद उक्त आदेश जारी किए।

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