न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Tue, 13 Aug 2024 03: 45 PM IST
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीमारमण ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान भोपाल के 11वें दीक्षांत समारोह का शुभारंभ किया। इस अवसर पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश की चुनौतियों और अनुसंधान के लिए कराधान प्रणाली आवश्यक है। सीएम डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण – फोटो : अमर उजाला
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सीएम डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को भोपाल में भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER) परिसर में शैक्षणिक भवन और व्याख्यान कक्ष का शिलान्यास किया। इसके अलावा दोनों ने संस्थान के 11वें दीक्षांत समारोह का शुभारंभ किया। इस दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई और उनकी उपलब्धियों पर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के 11वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए देश की वर्तमान कर प्रणाली को जायज ठहराया। उन्होंने कहा कि देश को विभिन्न चुनौतियों से निपटने और अनुसंधान एवं विकास (R&D) गतिविधियों के लिए संसाधनों की आवश्यकता है। सीतारमण ने छात्रों से नवीकरणीय ऊर्जा के भंडारण पर अधिक शोध करने की अपील की।
उन्होंने कहा कि दुनिया ने जीवाश्म ईंधन से नवीकरणीय ऊर्जा में बदलाव के लिए काफी पैसा देने का वादा किया है। लेकिन वह पैसा अभी तक नहीं आया है। उन्होंने कहा, लेकिन भारत ने इंतजार नहीं किया। पेरिस समझौते में जो वादे किए गए थे, उन्हें हमने अपने संसाधनों से पूरा किया। उन्होंने कहा कि बतौर वित्त मंत्री मैं कहना चाहती हूं कि किसी व्यक्ति से टैक्स न लिया जाए, लेकिन देश की तरक्की के लिए यह जरूरी है। कई बार लोगों के सवाल होते हैं कि हमारे कर ऐसे क्यों हैं? हम इसे और कम क्यों नहीं कर सकते? उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूं कि इसे शून्य तक ला सकूं, लेकिन भारत की चुनौतियां गंभीर हैं और इन्हें दूर करना होगा।
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार ने वैज्ञानिक अनुसंधान में भारी निवेश किया है। उन्होंने कहा, मैं यहां उपस्थित स्नातक, पीएचडी धारकों से आग्रह करती हूं कि वे भारत की चुनौतियों को समझें। सीतारमण ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के छात्रों से नवाचार करने का आह्वान करते हुए कहा कि भारत अपनी ताकत के बल पर जीवाश्म ईंधन से नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढ़ रहा है। क्योंकि देश कहीं और से पैसा आने का इंतजार नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, सरकार सिर्फ बातें नहीं कर रही है। वह अनुसंधान एवं विकास में पैसा लगा रही है। यह पैसा कराधान से आता है। यह मेरा काम है, इसलिए मैं आपको यह बता रही हूं। मेरा काम राजस्व एकत्रित करना है, लेकिन लोगों को परेशानी में डालने के बिना, मैं आपको यह आश्वासन देती हूं। लेकिन, पैसा भी चाहिए क्योंकि हमें अनुसंधान को भी वित्त पोषित करना है।
सीतारमण ने कहा कि बनारस से लेकर केरला तक इंडियन ट्रेडिशन है, दक्षिण भारत में अच्छी यूनिवर्सिटी हैं। आईआईएसईआर ने तीन हजार पेपर पब्लिश किए हैं, देश भर में रैकिंग भी अच्छी है। यहां के छात्रों की मेहनत से आठ से नौ पेटेंट रिसर्च हैं। उन्होनें कि हमें नई तकनीक के साथ रिसर्च करने की जरूरत है। डेटा साइंस के क्षेत्र में ज्यादा रिसर्च करने की जरूरत है। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, भोपाल के लोकसभा सांसद आलोक शर्मा और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि संपूर्ण विश्व तेजी से ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में परिवर्तित हो रहा है। पेट्रोल, औद्योगिक क्रांति की धुरी रहा है, परंतु नॉलेज अर्थात ज्ञान ही 21वीं सदी की अर्थव्यवस्था का आधार है। ऐतिहासिक रूप से भारतीय ज्ञान परंपरा बहुत समृद्ध रही है। इसी का परिणाम रहा कि आक्रांताओं ने हमेशा हमारे ज्ञान के केन्द्रों को निशाना बनाया और उन्हें नष्ट करने की कोशिश की। भारत अपनी ज्ञान परंपरा का अनुसरण करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्व गुरु बनने के मार्ग पर अग्रसर है। विज्ञान शिक्षा के प्रसार के साथ-साथ शोध, अनुसंधान और नवाचार को भी देश में बहुत महत्व दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अकादमिक क्षेत्र में मध्य प्रदेश में आईआईटी, आईआईएम, आईसर, ट्रिपल आईटी, एनआईटी और आईआईएफएम जैसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान विद्यमान है। भोपाल में स्थापित हो रहा राष्ट्रीय फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी का परिसर राष्ट्रीय महत्व का है। भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान की भोपाल में उपस्थिति प्रदेश के लिए गौरव का विषय है। राज्य सरकार उच्च शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में अपने स्तर पर प्रयास करने के साथ-साथ निजी भागीदारी को भी प्रोत्साहित कर रही है। प्रदेश में आरंभ हुए पीएम कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस निश्चित ही उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। मुख्यमंत्री ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आइसर) भोपाल के 11वें दीक्षांत समारोह के शुभारंभ अवसर पर यह विचार व्यक्त किए।
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