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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Fri, 30 Jun 2023 12: 02 AM IST लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार की अटकलों के साथ प्रदेश में क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण साध कर प्रदेश से दो नए चेहरों को मौका मिलने की चर्चा तेज हो गई है। वहीं, एक मंत्री को संगठन के काम में लगाने के लिए हटाया जा सकता है।   केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों के साथप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) - फोटो : PTI विस्तार Follow Us मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा हर वर्ग को साधने में जुटी है। इसी बीच, केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार की अटकलों के बीच मध्य प्रदेश से कुछ नेताओं को जगह मिलने और कुछ को वापस भेजकर संगठन की जिम्मेदारी देने की चर्चा तेज हो गई है। इसमें आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए क्षेत्रीय और जातीय संतुलन को बनाए रखने की कोशिश होगी।  प्रदेश से अभी केंद्र में नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रह्लाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, वीरेद्र खटीक ये पांच मंत्री हैं। इनके अलावा केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और एल. मुरुगन भी मध्य प्रदेश से राज्यसभा सदस्य हैं, लेकिन वे यहां के रहने वाले नहीं हैं। इनको मिलने पर मप्र से केंद्र में मंत्रियों की संख्या सात है। प्रदेश के ग्वालियर.चंबल से दो मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं। वहीं, बुंदेलखड से प्रह्लाद पटेल और वीरेंद्र खटीक मंत्री हैं। इसके अलावा महाकौशल से फग्गन सिंह कुलस्ते मंत्री हैं।  दो नए चेहरों की उम्मीद केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार की अटकलों के साथ प्रदेश में क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण साध कर प्रदेश से दो नए चेहरों को मौका मिलने की चर्चा तेज हो गई है। वहीं, एक मंत्री को संगठन के काम में लगाने के लिए हटाया जा सकता है। इसलिए विंध्य व महाकौशल पर जोर जानकारों का कहना कि भाजपा महाकौशल में कमजोर है। वहीं, विंध्य की अनदेखी करने से जनता नाराज है। इसके लिए प्रदेश के साथ ही केंद्रीय नेतृत्व विंध्य और महाकौशल में जोर लगा रहा है। ऐसे में चर्चा है कि प्रदेश में बुंदेलखंड से मंत्री ओबीसी सांसद प्रह्लाद पटेल, अनुसूचित जाति सांसद वीरेद्र खटीक में से किसी एक को हटाया जा सकता है। यदि प्रहलाद पटेल को हटाया जाता है तो उनको संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। इनकी जगह पर विंध्य से सांसद गणेश सिंह या देवास से सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी को संगठन में लिया जा सकता है। इसके अलावा यह भी चर्चा है कि महाकौशल से राकेश सिंह को भी केंद्र में जगह मिल सकती है। हालांकि, यहां से अभी फग्गन सिंह कुलस्ते केंद्रीय कैबिनेट में शामिल हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद धर्मेंद्र प्रधान को भी वापस भेजने की चर्चा है।  बिगड़े समीकरण साध रही भाजपा भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व महाकौशल में बिगड़े समीकरण को साधने में जुटा हुआ है। यही वजह है कि हाल में केंद्रीय मंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ आए। इसके बाद उनको बालाघाट दौरा था, लेकिन खराब मौसम की वजह से वे कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। यहां पर पार्टी आदिवासी वोट बैंक को साधने पर जोर लगा रही है। यहां पर पार्टी नगर निगम का चुनाव हार गई है। वहीं, क्षेत्र को प्रदेश सरकार में भी पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से जनता नाराज है। विंध्य में पार्टी को भले ही पिछली बार से ज्यादा सीटें मिली हों, लेकिन अब भाजपा की स्थिति ठीक नहीं है। सिंगरौली नगर निगम में आम आदमी पार्टी ने महापौर का चुनाव जीत लिया। भाजपा के सर्वे में भी यहां पर रिपोर्ट अच्छी नहीं मिली थी। यही वजह है कि पार्टी का फोकस अब क्षेत्र के मतदाताओं को साधने पर है। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Fri, 30 Jun 2023 12: 02 AM IST

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केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार की अटकलों के साथ प्रदेश में क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण साध कर प्रदेश से दो नए चेहरों को मौका मिलने की चर्चा तेज हो गई है। वहीं, एक मंत्री को संगठन के काम में लगाने के लिए हटाया जा सकता है।
  केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों के साथप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) – फोटो : PTI

विस्तार Follow Us

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा हर वर्ग को साधने में जुटी है। इसी बीच, केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार की अटकलों के बीच मध्य प्रदेश से कुछ नेताओं को जगह मिलने और कुछ को वापस भेजकर संगठन की जिम्मेदारी देने की चर्चा तेज हो गई है। इसमें आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए क्षेत्रीय और जातीय संतुलन को बनाए रखने की कोशिश होगी। 

प्रदेश से अभी केंद्र में नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रह्लाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, वीरेद्र खटीक ये पांच मंत्री हैं। इनके अलावा केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और एल. मुरुगन भी मध्य प्रदेश से राज्यसभा सदस्य हैं, लेकिन वे यहां के रहने वाले नहीं हैं। इनको मिलने पर मप्र से केंद्र में मंत्रियों की संख्या सात है। प्रदेश के ग्वालियर.चंबल से दो मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं। वहीं, बुंदेलखड से प्रह्लाद पटेल और वीरेंद्र खटीक मंत्री हैं। इसके अलावा महाकौशल से फग्गन सिंह कुलस्ते मंत्री हैं। 

दो नए चेहरों की उम्मीद
केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार की अटकलों के साथ प्रदेश में क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण साध कर प्रदेश से दो नए चेहरों को मौका मिलने की चर्चा तेज हो गई है। वहीं, एक मंत्री को संगठन के काम में लगाने के लिए हटाया जा सकता है।

इसलिए विंध्य व महाकौशल पर जोर
जानकारों का कहना कि भाजपा महाकौशल में कमजोर है। वहीं, विंध्य की अनदेखी करने से जनता नाराज है। इसके लिए प्रदेश के साथ ही केंद्रीय नेतृत्व विंध्य और महाकौशल में जोर लगा रहा है। ऐसे में चर्चा है कि प्रदेश में बुंदेलखंड से मंत्री ओबीसी सांसद प्रह्लाद पटेल, अनुसूचित जाति सांसद वीरेद्र खटीक में से किसी एक को हटाया जा सकता है। यदि प्रहलाद पटेल को हटाया जाता है तो उनको संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। इनकी जगह पर विंध्य से सांसद गणेश सिंह या देवास से सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी को संगठन में लिया जा सकता है। इसके अलावा यह भी चर्चा है कि महाकौशल से राकेश सिंह को भी केंद्र में जगह मिल सकती है। हालांकि, यहां से अभी फग्गन सिंह कुलस्ते केंद्रीय कैबिनेट में शामिल हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद धर्मेंद्र प्रधान को भी वापस भेजने की चर्चा है। 

बिगड़े समीकरण साध रही भाजपा
भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व महाकौशल में बिगड़े समीकरण को साधने में जुटा हुआ है। यही वजह है कि हाल में केंद्रीय मंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ आए। इसके बाद उनको बालाघाट दौरा था, लेकिन खराब मौसम की वजह से वे कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। यहां पर पार्टी आदिवासी वोट बैंक को साधने पर जोर लगा रही है। यहां पर पार्टी नगर निगम का चुनाव हार गई है। वहीं, क्षेत्र को प्रदेश सरकार में भी पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से जनता नाराज है। विंध्य में पार्टी को भले ही पिछली बार से ज्यादा सीटें मिली हों, लेकिन अब भाजपा की स्थिति ठीक नहीं है। सिंगरौली नगर निगम में आम आदमी पार्टी ने महापौर का चुनाव जीत लिया। भाजपा के सर्वे में भी यहां पर रिपोर्ट अच्छी नहीं मिली थी। यही वजह है कि पार्टी का फोकस अब क्षेत्र के मतदाताओं को साधने पर है।

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