मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (फाइल फोटो) – फोटो : अमर उजाला
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अनूपपुर जिले में नियमों को ताक में रखकर संचालित हो रहे चार पैरामेडिकल कॉलेज के संचालन संबंधी का मामला हाईकोर्ट में लंबित है। मामले में अनावेदकों ने लगभग 9 माह का समय गुजर जाने के बावजूद भी जवाब पेश नहीं किया है। आज हुई सुनवाई के दौरान अनावेदकों ने समय देने का आग्रह किया था। इस पर हाईकोर्ट ने जवाब पेश करने चार सप्ताह का समय प्रदान किया है।
बता दें कि अनूपपुर जिले में नियमों को ताक में रखकर संचालित हो रहे चार पैरामेडिकल कॉलेज के संचालन चुनौती देते हुए याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि कॉलेजों के पास आधारभूत संरचना तथा आवश्यक उपकरण तक नहीं हैं। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने जवाब पेश करने चार सप्ताह का समय प्रदान किया है।
क्यों दी गई चुनौती
अनूपपुर निवासी अजय मिश्रा की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि अनूपपुर जिले में सिर्फ कागजी खानापूर्ति पूर्ण कर चार पैरामेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। वास्तव में कॉलेजों के पास आधारभूत संरचना, आवश्यक उपकरण तथा फैक्टरी तक नहीं हैं। आयोग्य फैकल्टी व उपकरण के अभाव में छात्रों को पैरामेडिकल कोर्स करवाया जा रहा है। ऐसी शिक्षा उनके भविष्य तथा अन्य व्यक्ति की जिंदगी के साथ खिलवाड़ है।
आग्रह पर हाईकोर्ट ने फिर दिया समय
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ब्रह्मेंद्र प्रसाद पाठक ने युगलपीठ को बताया कि न्यायालय ने याचिका की सुनवाई करते हुए नवंबर 2022 में अनावेदकों को नोटिस जारी किए थे। अनावेदकों ने लगभग 9 माह का समय गुजर जाने के बावजूद जवाब पेश नहीं किया है। याचिका में प्रदेश सरकार के विधि विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, डीएमई, मप्र पैरामेडिकल काउंसिल सहित कॉलेजों को अनावेदक बनाया गया था। याचिका की सुनवाई के दौरान जवाब पेश करने के लिए अनावेदकों ने समय प्रदान करने का आग्रह किया। हाईकोर्ट ने आग्रह को स्वीकार करते हुए उक्त आदेश जारी किए।
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