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ओरछा का रामराजा मंदिर - फोटो : अमर उजाला विस्तार मध्यप्रदेश के निवाड़ी जिले के ओरछा में स्थित प्रसिद्ध श्रीरामराजा मंदिर को आयकर विभाग का नोटिस मिला है। विभाग ने मंदिर प्रबंधन से 1.22 करोड़ रुपये का हिसाब मांगा है। यह पहला मौका नहीं है जब श्री रामराजा मंदिर को आयकर विभाग ने नोटिस भेजा हो। इससे पहले 2010 और 2020 में भी ऐसा हो चुका है। प्रशासन अब आयकर विभाग को समझाने में लगा है कि मंदिर का प्रबंधन सरकार संभालती है। यह कोई निजी संपत्ति नहीं है।  आयकर विभाग ने 23 मार्च को मंदिर के व्यवस्थापक को नोटिस जारी किया है। आयकर रिटर्न दाखिल करने को कहा है। दरअसल, प्रशासन 2010 से ही आयकर विभाग को समझा रहा है कि मंदिर सरकार के अधीन है और आयकर से मुक्त है। इसके बाद भी आयकर विभाग इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है। इस नोटिस में आयकर विभाग ने कहा है कि 2015-16 के दौरान मंदिर के खाते में 1.22 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। इसका हिसाब-किताब दीजिए। आयकर विभाग ने इसके विवरण के साथ ही मंदिर की बैलेंस शीट, ऑडिट रिपोर्ट, पीएंडएल खाता के साथ ही आय-व्यय का ब्यौरा एवं अन्य खातों की जानकारी मांगी है। इस नोटिस के जवाब में प्रशासन ने मंदिर के शासकीय होने एवं इस नाते मंदिर के आयकर की श्रेणी से बाहर होने की बात कही है। आयकर विभाग प्रशासन के इस उत्तर से संतुष्ट न होते हुए इसका पुख्ता प्रमाण मांग रहा है। मंदिर व्यस्थापक ओरछा तहसीलदार मनीष जैन ने बताया कि जो नोटिस आयकर विभाग द्वारा रामराजा मंदिर को प्राप्त हुआ था, वह एक सामान्य प्रक्रिया है। वर्ष 2015-2016 में भक्तों द्वारा दान राशि प्राप्त हुई थी, उसमें लगभग 1.22 करोड़ रुपये की एफडी बनाई थी। इसे आयकर विभाग ने संज्ञान में लिया। 23 मार्च को 48 लाख रुपये रिकवरी का नोटिस मंदिर प्रबंधन को जारी किया था। चूंकि, आयकर विभाग रामराजा मंदिर को निजी स्वामित्व समझता आ रहा है। इसे लेकर मंदिर प्रबंधन ने 1947 के सरकार के मंदिर को शासकीय संपत्ति बनाने सूची आयकर विभाग को भेज दी है। उसे आयकर विभाग ने स्वीकार कर लिया है।  पहला नहीं है यह मामला 2010 में आयकर विभाग ने मंदिर की आय पर नोटिस जारी किया था। उस समय ओरछा टीकमगढ़ जिले में आता था। तब कलेक्टर ने धर्मस्व विभाग की सूची का हवाला देकर कहा था कि मंदिर शासकीय मंदिरों की सूची में 53वें नंबर पर है। प्रशासन ने 1999 में धर्मस्व विभाग की ओर से तैयार सूची का हवाला भी दिया था। इसी आधार पर प्रशासन ने इस बार भी आयकर विभाग को जवाब भेजा है। 2019 में भी आयकर विभाग ने श्री रामराजा मंदिर ओरछा को 46 लाख रुपए टैक्स जमा करने का नोटिस जारी किया था।  

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ओरछा का रामराजा मंदिर – फोटो : अमर उजाला

विस्तार मध्यप्रदेश के निवाड़ी जिले के ओरछा में स्थित प्रसिद्ध श्रीरामराजा मंदिर को आयकर विभाग का नोटिस मिला है। विभाग ने मंदिर प्रबंधन से 1.22 करोड़ रुपये का हिसाब मांगा है। यह पहला मौका नहीं है जब श्री रामराजा मंदिर को आयकर विभाग ने नोटिस भेजा हो। इससे पहले 2010 और 2020 में भी ऐसा हो चुका है। प्रशासन अब आयकर विभाग को समझाने में लगा है कि मंदिर का प्रबंधन सरकार संभालती है। यह कोई निजी संपत्ति नहीं है। 

आयकर विभाग ने 23 मार्च को मंदिर के व्यवस्थापक को नोटिस जारी किया है। आयकर रिटर्न दाखिल करने को कहा है। दरअसल, प्रशासन 2010 से ही आयकर विभाग को समझा रहा है कि मंदिर सरकार के अधीन है और आयकर से मुक्त है। इसके बाद भी आयकर विभाग इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है। इस नोटिस में आयकर विभाग ने कहा है कि 2015-16 के दौरान मंदिर के खाते में 1.22 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। इसका हिसाब-किताब दीजिए। आयकर विभाग ने इसके विवरण के साथ ही मंदिर की बैलेंस शीट, ऑडिट रिपोर्ट, पीएंडएल खाता के साथ ही आय-व्यय का ब्यौरा एवं अन्य खातों की जानकारी मांगी है। इस नोटिस के जवाब में प्रशासन ने मंदिर के शासकीय होने एवं इस नाते मंदिर के आयकर की श्रेणी से बाहर होने की बात कही है। आयकर विभाग प्रशासन के इस उत्तर से संतुष्ट न होते हुए इसका पुख्ता प्रमाण मांग रहा है।

मंदिर व्यस्थापक ओरछा तहसीलदार मनीष जैन ने बताया कि जो नोटिस आयकर विभाग द्वारा रामराजा मंदिर को प्राप्त हुआ था, वह एक सामान्य प्रक्रिया है। वर्ष 2015-2016 में भक्तों द्वारा दान राशि प्राप्त हुई थी, उसमें लगभग 1.22 करोड़ रुपये की एफडी बनाई थी। इसे आयकर विभाग ने संज्ञान में लिया। 23 मार्च को 48 लाख रुपये रिकवरी का नोटिस मंदिर प्रबंधन को जारी किया था। चूंकि, आयकर विभाग रामराजा मंदिर को निजी स्वामित्व समझता आ रहा है। इसे लेकर मंदिर प्रबंधन ने 1947 के सरकार के मंदिर को शासकीय संपत्ति बनाने सूची आयकर विभाग को भेज दी है। उसे आयकर विभाग ने स्वीकार कर लिया है। 

पहला नहीं है यह मामला
2010 में आयकर विभाग ने मंदिर की आय पर नोटिस जारी किया था। उस समय ओरछा टीकमगढ़ जिले में आता था। तब कलेक्टर ने धर्मस्व विभाग की सूची का हवाला देकर कहा था कि मंदिर शासकीय मंदिरों की सूची में 53वें नंबर पर है। प्रशासन ने 1999 में धर्मस्व विभाग की ओर से तैयार सूची का हवाला भी दिया था। इसी आधार पर प्रशासन ने इस बार भी आयकर विभाग को जवाब भेजा है। 2019 में भी आयकर विभाग ने श्री रामराजा मंदिर ओरछा को 46 लाख रुपए टैक्स जमा करने का नोटिस जारी किया था।  

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