एनएचएम भोपाल – फोटो : social media
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राजधानी भोपाल स्थित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) में एक बड़ी गाड़ी गड़बड़ी सामने आई है। यहां अधिकारियों को आवंटित की गई गाड़ियों का कोई ब्योरा या टेंडर की जानकारी उपलब्ध नहीं है। जानकारी के लिए बता दें कि एनएचएम में 100 से ज्यादा निजी गाड़ियां अधिकारियों के उपयोग के लिए लगाई गई है, लेकिन जब इसकी जानकारी एक आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा मांगी गई तो लोग सूचना अधिकारी द्वारा कहा गया की जानकारी निरंक है। ऐसे में अब इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक में की गई है।
अपात्र लोगों को गाड़ी अलॉट करने की जानकारी
जानकारी के अनुसार एनएचएम में अधिकारियों से साठ गांठ कर कई अपात्र लोगों को भी गाड़ियां आवंटित की गई हैं। वहीं कई गाड़ियों के फर्जी बिल लगाए जाने की भी जानकारी सामने आई है। यही वजह है कि सूचना के अधिकार में मांगी गई जानकारी अधिकारियों ने देना उचित नहीं समझा। शिकायतकर्ता ने कहा है कि इससे पहले एनएचएम के अधिकारियों से इस मामले की शिकायत की थी, लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की इसलिए अब इसकी शिकायत मुख्यमंत्री सभी बड़े अधिकारियों और प्रधानमंत्री कार्यालय में की गई है।
मांगी गई जानकारी और एनएचएम द्वारा दिया गया जवाब
जबलपुर निवासी भैया लाल साहू द्वारा एनएचएम से मांगी गई जानकारी और एनएचएम के लोक सूचना अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी इस प्रकार है।
1- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मप्र. मुख्यालय के कार्यालय द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में ट्रांसपोर्ट व्यवस्था हेतु स्वीकृत किए गए वाहन टेंडर की सत्यापित छाया प्रति प्रदान करें।
जवाब- जानकारी निरंक
2-राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मप्र. मुख्यालय द्वारा माह दिसंबर 2023 की स्थिति में अपने अधिकारियों एवं विभिन्न शाखों को आवंटित किए गए वाहनों के आवंटन रजिस्टर की सत्यापित छायाप्रति प्रदान करें।
जवाब- संधारित नहीं की जाती
गाड़ी और डीजल के माध्यम से भ्रष्टाचार का आरोप
शिकायतकर्ता भैया लाल साहू ने बताया कि यह एक सरकारी संस्थान है, जो शासन के नियमों के अनुसार चलता है। किसी भी शासकीय कार्यालय में अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जब वहन आवंटित किया जाता है तो आवंटन किए गए वहन की जानकारी को शासकीय कार्यालय द्वारा लिखित रूप से अपने कार्यालीन रजिस्टर नोट किया जाता है। वहन से जुड़ी समस्त जानकारी को दर्ज कर संधारित कर सुरक्षित रखा जाता है, और इसी आधार पर ट्रैवल्स एजेंसियों को भुगतान किया जाता है। जिस ड्राइवर को जो वहन आवंटित होता है ड्राइवर द्वारा लॉग बुक भर कर संधारित की जाती है, जिससे वहन में खपत हुए ईंधन की राशि का भुगतान किया जाता है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि यहां बैठे अधिकारी केके रावत द्वारा कानून के नियमों का उल्लंघन कर करोड़ों रुपए गाड़ी एवं डीजल के माध्यम से लूटे जा रहा है। और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को आर्थिक क्षति पहुंचाई जा रही है।
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