mp-news:-उमा-भारती-का-परमानेंट-हेलीपैड-तो-बना-है,-पर-बच्चों-के-पीने-के-लिए-स्कूलों-में-नहीं-है-पानी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, टीकमगढ़ Published by: दिनेश शर्मा Updated Fri, 19 Jul 2024 08: 14 PM IST भाजपा की फायर ब्रांड नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के गांव डूडा में बच्चे पीने के पानी के लिए परेशान हैं। गांव में उमा भारती के उतरने के लिए स्थाई हेलीपैड तो है, लेकिन सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को पीने के लिए पानी नहीं है। पीएचई विभाग ने यहां पर करोड़ों रुपये की योजनाएं कागजों में पूरी कर दी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का गांव टीकमगढ़ जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर है। यहां पर दो प्राथमिक स्कूलों में बच्चे पानी पीने के लिए एक किलोमीटर का सफर तय कर रहे हैं। यहां पर पीएचई विभाग द्वारा करोड़ों रुपए की योजना नल जल को भी लागू किया गया है, लेकिन एक साल बाद किसी नल से दो बूंद पानी यहां के लोगों को नसीब नहीं हुआ। उमा भारती पहुंचती हैं तो इसी गांव में जिले के कलेक्टर और पूरा प्रशासन हेलीपैड पर उनको सलामी देता है, लेकिन यहां प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में पानी का इंतजाम करने की सुध नहीं लेता। डूडा गांव की हरिजन बस्ती में प्राथमिक स्कूल है और दूसरा स्कूल गांव में कन्या प्राथमिक स्कूल है। हरिजन बस्ती के स्कूल की बात करें यहां पर पीएचई विभाग द्वारा जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2022-23 में स्कूल में बोर, टंकी और नलों की फिटिंग करके देना थी, लेकिन विभाग द्वारा सिर्फ स्कूल की छत पर टंकियां रख दी गईं। ना ही नल लगाए गए और ना ही बोर किया गया। स्कूल के छात्र बताते हैं कि अब उनको पानी पीने के लिए स्कूल से करीब एक किलोमीटर दूर स्थित हैंडपंप पर जाना पड़ता है।  कोई सुनने वाला नहीं : हेड मास्टर स्कूल के हेड मास्टर हरिशंकर कहते हैं कि इस संबंध में उन्होंने कई बार पीएचई विभाग को शिकायती पत्र भी लिखा, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा टंकी रखी गई, लेकिन न तो नल फिटिंग की गई और ना ही बोर किया गया। टंकी रखने के बाद ठेकेदार दूसरी बार देखने नहीं आए।   वहीं, कन्या प्राथमिक विद्यालय की हेड मास्टर सलमा कहती हैं कि उनके स्कूल में पीएचई विभाग ने दो साल पहले बोर किया था और टंकी भी रखी थी। नल भी लगाए थे, लेकिन दो दिन ही चल पाए। इसके बाद मोटर नीचे चली गई, क्योंकि घटिया किस्म का सामान सप्लाई किया गया था। इसके बाद उन्होंने पीएचई विभाग के कार्यपालन यंत्री को कई पत्र लिखे। दूरभाष पर समस्या से अवगत कराया, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है।   नल-जल योजना में भी भ्रष्टाचार  भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन के तहत पीएचई विभाग द्वारा डूडा गांव में एक साल पूर्व टंकी बना दी गई। नियम अनुसार पाइप लाइन को एक मीटर गहरा खोदना था, लेकिन ठेकेदार द्वारा मात्र 6 इंची गहरी लाइन बिछाई गई, जिस कारण से लाइन कई जगह टूट गई है। अब लोगों तक पानी नहीं पहुंच रहा है।  उच्च स्तर पर शिकायत करेंगे : लोधी जब टीकमगढ़ जिले के पीएचई विभाग के कार्यपालन यंत्री अनिल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि आपने इस मामले को संज्ञान में लाया है, वे मामले को देखेंगे। उमा भारती के भतीजे और जिला पंचायत सदस्य अनिल लोधी कहते हैं कि निश्चित ही पीएचई विभाग द्वारा गड़बड़ी की गई है। इस मामले को लेकर हम उच्च स्तर पर शिकायत करेंगे।  

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, टीकमगढ़ Published by: दिनेश शर्मा Updated Fri, 19 Jul 2024 08: 14 PM IST

भाजपा की फायर ब्रांड नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के गांव डूडा में बच्चे पीने के पानी के लिए परेशान हैं। गांव में उमा भारती के उतरने के लिए स्थाई हेलीपैड तो है, लेकिन सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को पीने के लिए पानी नहीं है। पीएचई विभाग ने यहां पर करोड़ों रुपये की योजनाएं कागजों में पूरी कर दी हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का गांव टीकमगढ़ जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर है। यहां पर दो प्राथमिक स्कूलों में बच्चे पानी पीने के लिए एक किलोमीटर का सफर तय कर रहे हैं। यहां पर पीएचई विभाग द्वारा करोड़ों रुपए की योजना नल जल को भी लागू किया गया है, लेकिन एक साल बाद किसी नल से दो बूंद पानी यहां के लोगों को नसीब नहीं हुआ। उमा भारती पहुंचती हैं तो इसी गांव में जिले के कलेक्टर और पूरा प्रशासन हेलीपैड पर उनको सलामी देता है, लेकिन यहां प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में पानी का इंतजाम करने की सुध नहीं लेता।

डूडा गांव की हरिजन बस्ती में प्राथमिक स्कूल है और दूसरा स्कूल गांव में कन्या प्राथमिक स्कूल है। हरिजन बस्ती के स्कूल की बात करें यहां पर पीएचई विभाग द्वारा जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2022-23 में स्कूल में बोर, टंकी और नलों की फिटिंग करके देना थी, लेकिन विभाग द्वारा सिर्फ स्कूल की छत पर टंकियां रख दी गईं। ना ही नल लगाए गए और ना ही बोर किया गया। स्कूल के छात्र बताते हैं कि अब उनको पानी पीने के लिए स्कूल से करीब एक किलोमीटर दूर स्थित हैंडपंप पर जाना पड़ता है। 

कोई सुनने वाला नहीं : हेड मास्टर
स्कूल के हेड मास्टर हरिशंकर कहते हैं कि इस संबंध में उन्होंने कई बार पीएचई विभाग को शिकायती पत्र भी लिखा, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा टंकी रखी गई, लेकिन न तो नल फिटिंग की गई और ना ही बोर किया गया। टंकी रखने के बाद ठेकेदार दूसरी बार देखने नहीं आए।
 

वहीं, कन्या प्राथमिक विद्यालय की हेड मास्टर सलमा कहती हैं कि उनके स्कूल में पीएचई विभाग ने दो साल पहले बोर किया था और टंकी भी रखी थी। नल भी लगाए थे, लेकिन दो दिन ही चल पाए। इसके बाद मोटर नीचे चली गई, क्योंकि घटिया किस्म का सामान सप्लाई किया गया था। इसके बाद उन्होंने पीएचई विभाग के कार्यपालन यंत्री को कई पत्र लिखे। दूरभाष पर समस्या से अवगत कराया, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है।
 

नल-जल योजना में भी भ्रष्टाचार 
भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन के तहत पीएचई विभाग द्वारा डूडा गांव में एक साल पूर्व टंकी बना दी गई। नियम अनुसार पाइप लाइन को एक मीटर गहरा खोदना था, लेकिन ठेकेदार द्वारा मात्र 6 इंची गहरी लाइन बिछाई गई, जिस कारण से लाइन कई जगह टूट गई है। अब लोगों तक पानी नहीं पहुंच रहा है। 

उच्च स्तर पर शिकायत करेंगे : लोधी
जब टीकमगढ़ जिले के पीएचई विभाग के कार्यपालन यंत्री अनिल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि आपने इस मामले को संज्ञान में लाया है, वे मामले को देखेंगे। उमा भारती के भतीजे और जिला पंचायत सदस्य अनिल लोधी कहते हैं कि निश्चित ही पीएचई विभाग द्वारा गड़बड़ी की गई है। इस मामले को लेकर हम उच्च स्तर पर शिकायत करेंगे।
 

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