न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: लोकेंद्र सिंह चंपावत Updated Sat, 02 Sep 2023 09: 15 AM IST
मध्यप्रदेश के उज्जैन में बहुत ही कम लोग यह जानते हैं कि शहर में एक ऐसा पर्व भी धूमधाम से मनाया जाता है जिसमें गोगादेव महाराज छड़ियो के माध्यम से बाबा महाकाल को नमन करने पहुंचते हैं फिर धूमधाम से यह उत्सव मनाया जाता है। श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर श्री क्षेत्र वाल्मीकि धाम अवंतिका पुरी उज्जैन द्वार श्री गोगादेव महाराज एवं भगवान श्री महाकालेश्वर जी का मिलन गोगा देव जी की छड़ियों का 26 वा मेला धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया गया।
सबसे पहले राष्ट्रीय संत बालयोगी उमेशनाथ महाराज ने श्री गोगा जी महाराज का चित्र पूजन किया। जिसके बाद छड़ियो के इस चल समारोह की शुरुआत हुई जो की विभिन्न मार्गों से होते हुए महाकाल मंदिर पहुंचा जहां गोगा जी और महाकाल भगवान का मिलन हुआ। इस मेले में लगभग 12 से 13 प्रांतों की छड़िया (निशानो) ने भाग लिया। 121 झंडो की विशाल शोभायात्रा भगवान महाकालेश्वर जी को प्रणाम करने के बाद प्रारंभ हुई, जो कि शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई श्री क्षेत्र वाल्मीकि धाम पहुंची।
इस दौरान महंत विनीत गिरी महाराज, पंडित दिनेश त्रिवेदी और महाकाल मंदिर के प्रमुख पुजारी पंडित राजेन्द्र शर्मा गुरूजी, राम शर्मा एवं पुरोहित, पुजारीगणों के आचार्यत्व में पूजन अर्चन किया गया। उसके पश्चात संपूर्ण देश से आए हुए निशानों का पूज्य संत उमेशनाथ महाराज और महाकालेश्वर मंदिर के गादीपति, महंत विनीत गिरी महाराज, नेता प्रतिपक्ष रवि राय व शहर के प्रबुद्ध गणमान्य नागरिकों और प्रशासनिक अधिकारी द्वारा पूजन कर शोभायात्रा प्रारंभ की गई।
चल समारोह में विशेष रूप से झांसी उत्तर प्रदेश, राजस्थान जयपुर, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, उड़ीसा, हरियाणा और पंजाब के भक्तजनों ने भाग लिया। श्री क्षेत्र वाल्मीकि धाम की ओर से सभी निशानों के उस्ताद खलीफा का शॉल श्रीफल भेंट कर सम्मान किया गया।
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