mp-news:-इंदौर-से-महाकाल-नगरी-तक-रेलवे-ट्रैक-पर-चलेगी-वंदे-मेट्रो,-एमपी-में-सबसे-पहले-इंदौर-में-दौड़ेगी-मेट्रो
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Sat, 22 Jun 2024 07: 51 PM IST मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इंदौर और उज्जैन के बीच वंदे मेट्रो ट्रेन का संचालन किया जाएगा। इसको लेकर उनकी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से चर्चा हुई है। ये रेलवे ट्रैक पर ही चलेंगी और दिन में कई फेरे लेगी।  सीएम मोहन यादव ने भोपाल-इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट प्रगति की समीक्षा की - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us मध्य प्रदेश के बड़े शहरों में नया ट्रैफिक प्लान लागू होगा। इसको लेकर सरकार बड़े कदम उठाने जा रही है। इंदौर और उज्जैन के बीच रेलवे के सहयोग से वंदे मेट्रो ट्रेन के संचालन का भी फैसला किया गया है। यह मौजूदा रेलवे ट्रैक पर चलेगी और दिन में कई फेरे लगाएगी। वहीं, प्रदेश में सबसे पहले इंदौर में मेट्रो दौड़ेगी। यह संभवत: इसी साल दिसंबर से शुरू हो जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में हुई बैठक में भोपाल और इंदौर के मेट्रो प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा की। इसके बाद उन्होंने कहा कि सुगम यातायात के लिए प्रदेश के बड़े नगरों जैसे भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में वंदे मेट्रो ट्रेनें, रोप-वे, इलेक्ट्रिक-बसें और केबल-कार जैसे साधनों का उपयोग किया जाएगा। आगामी आवश्यकताओं की दृष्टि से स्थानीय जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर आवश्यक प्रबंध किए जाएंगे। यातायात के विकल्पों के अंतर्गत उज्जैन से ओंकारेश्वर रुट, भोपाल से इंदौर, जबलपुर से ग्वालियर के लिए भी विचार कर जरूरी निर्णय लिए जाएंगे। वंदे मेट्रो सर्किल ट्रेन चलेगी मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से हाल ही में हुई चर्चा के अनुसार मध्य प्रदेश में विभिन्न नगरों के लिए वंदे मेट्रो चलाने पर सहमति हुई है। पुरानी मेट्रो के स्थान पर वंदे मेट्रो सर्किल ट्रेन मौजूदा रेलवे ट्रैक का इस्तेमाल कर के ही चलाई जाएंगी, इससे नागरिकों के लिए एक बड़ी सौगात होगी। ऐसे नगरों में जहां यातायात का दबाव बढ़ रहा है, वहां मेट्रो ट्रेन संचालन की दृष्टि से समेकित रूप से योजना बनाने के लिए सर्किल ट्रेन की सुविधा प्रारंभ करने पर सहमति हुई है।  मेट्रो से ज्यादा स्पीड होगी वंदे मेट्रो की  मुख्यमंत्री डॉ. यादव की रेल मंत्री से मेट्रो की स्पीड से अधिक स्पीड से चलने वाली वंदे मेट्रो ट्रेन के संचालन, अत्याधुनिक तकनीक के प्रयोग और पीथमपुर-देवास जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को लाभांवित करने के संबंध में भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में कुछ नगरों में उपलब्ध नैरो-गेज एवं अन्य रेल लाइन का उपयोग करने के संबंध में कहा कि इसका सर्वे एवं अध्ययन पूर्ण किया जाए ताकि वर्तमान में उपयोग में नहीं आ रहे रेलवे ट्रेक का उपयोग किया जा सके सिंहस्थ के पहले मिलेगी सौगात  इंदौर-उज्जैन के मध्य मेट्रो चलाने से संबंधित फिजिबिलिटी सर्वे की रिपोर्ट प्राप्त हो गई है। आने वाले समय में इंदौर एयरपोर्ट से महाकाल मंदिर तक वंदे मेट्रो की सुविधा प्रदेशवासियों और देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं के लिए एक अहम सौगात होगी। इससे उज्जैन में 2028 में होने वाले सिंहस्थ में श्रद्धालुओं को आवाजाही में सुविधा होगी। बैठक में भोपाल के आसपास के शहरों के बीच भी वंदे मेट्रो ट्रेन चलाने को लेकर चर्चा हुई। इसके संचालन के लिए एक सर्किल बनाया जाएगा। इसमें भोपाल से सीहोर, रायसेन, विदिशा, होशंगाबाद, बैतूल को जोड़ा जाएगा।   भोपाल मेट्रो जून 2025 में होगी शुरू  भोपाल में एम्स से करोंद चौराहे तक कुल 16.74 किलोमीटर की लंबाई में मेट्रो की लाइन तैयार करने का कार्य तीन चरणों में पूरा होगा। प्रथम चरण सात किलोमीटर का है, जिसमें सुभाष नगर से भोपाल एम्स तक 8 स्टेशन (एलिवेटेड) शामिल हैं। इनके बीच मेट्रो का कमर्शियल संचालन जून 2025 तक शुरू होगा। यहां पर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के आगे आरओबी का काम बाकी है। जिसको पूरा होने के बाद सात किमी में मेट्रो का संचालन किया जाएगा। भोपाल मेट्रो की ऑरेंज लाइन में कुल 16 स्टेशन बनेंगे, जिसमें 14 एलीवेटेड और 2 भूमिगत होंगे।  भोपाल में दूसरे चरण में 14.21 किमी की लाइन  द्वितीय चरण में भदभदा चौराहे से रत्नागिरी तिराहा लंबाई 14.21 किलोमीटर (ब्लू लाइन) में कुल 14 एलीवेटेड स्टेशन बनेंगे। तृतीय चरण में सुभाष नगर से करोंद चौराहा 9.74 किलोमीटर का कार्य शामिल है। सुभाष नगर में संयुक्त मेट्रो रेल डिपो और दोनों लाइन के मध्य पुल बोगदा एक इंटरचेंज स्टेशन है। प्रथम चरण में सिविल और सिस्टम कार्य प्रगति पर है। द्वितीय चरण में सिविल कार्य के लिए शीघ्र अनुबंध किया जा रहा है, जबकि तृतीय चरण के एलिवेटेड और भूमिगत कार्य संबंधी अनुबंध संपन्न हो चुके हैं। द्वितीय और तृतीय चरण का कार्य कमर्शियल परिचालन की दृष्टि से वर्ष 2027 में पूरा होगा। इंदौर में दिसंबर में दौड़ेगी मेट्रो इंदौर मेट्रो की प्रगति पर भी बताया गया कि कुल 31.32 किलोमीटर में कार्य हो रहा है। इंदौर में कुल 28 स्टेशन बनेंगे। जानकारी के अनुसार प्रदेश में सबसे पहले इंदौर में मेट्रो दौड़ेगी। यहां पर मेट्रो का संचालन दिसंबर 2024 में शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। शुरुआत में गांधी नगर से सुपर कॉरिडोर होते हुए आईएसबीटी तक पांच किमी में मेट्रो का कमर्शियल संचालन शुरू करने की तैयारी की जा रही है।  मेट्रो ट्रेन में मिलेगी ये सुविधाएं  मेट्रो स्टेशन पर अनेक जनसुविधाएं रहेंगी। इसमें सामान सुरक्षा जांच, यात्री सुरक्षा जांच, पेयजल, वॉशरूम, प्राथमिक चिकित्सा, व्हीलचेयर, स्ट्रेचर, मैनुअल कॉल पाइंट, अग्निशामक उपकरण, लिफ्ट, स्वचलित सीढ़ियां, प्लेटफार्म स्क्रीन डोर, यात्री मार्ग नक्शा, यात्री सूचना प्रणाली, आपातकालीन स्टॉप पलंजर, आपातकालीन ट्रिप प्रणाली, आपातकालीन सहायता बटन, प्रतीक्षा बेंच शामिल हैं। इसी तरह ट्रेन में उपलब्ध सुविधाओं में एयर कंडीशनर, ग्रैब पोल और ग्रैब हैंडल, बैठक व्यवस्था, मार्गदर्शिका, यात्री उद्वघोषणा, कैमरा एवं मोबाइल चार्जिंग पाइंट, आपातकालीन संचार प्रणाली, आपातकालीन निकासी द्वार, धुआं/आग डिटेक्शन शामिल हैं। महिलाओं, दिव्यांग जन का विशेष ध्यान रखा जाएगा। शिशु देखभाल कक्ष भी रहेगा। दिव्यांग जन के लिए शौचालय में कॉल बटन, सहायता कर्मी, सड़क से लिफ्ट तक रैंप, स्पर्श पथ और व्हीलचेयर की सुविधा रहेगी। केंद्रीयकृत नियंत्रण कक्ष से संपूर्ण मॉनीटरिंग की व्यवस्था रहेगी। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Sat, 22 Jun 2024 07: 51 PM IST

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इंदौर और उज्जैन के बीच वंदे मेट्रो ट्रेन का संचालन किया जाएगा। इसको लेकर उनकी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से चर्चा हुई है। ये रेलवे ट्रैक पर ही चलेंगी और दिन में कई फेरे लेगी।  सीएम मोहन यादव ने भोपाल-इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट प्रगति की समीक्षा की – फोटो : अमर उजाला

विस्तार Follow Us

मध्य प्रदेश के बड़े शहरों में नया ट्रैफिक प्लान लागू होगा। इसको लेकर सरकार बड़े कदम उठाने जा रही है। इंदौर और उज्जैन के बीच रेलवे के सहयोग से वंदे मेट्रो ट्रेन के संचालन का भी फैसला किया गया है। यह मौजूदा रेलवे ट्रैक पर चलेगी और दिन में कई फेरे लगाएगी। वहीं, प्रदेश में सबसे पहले इंदौर में मेट्रो दौड़ेगी। यह संभवत: इसी साल दिसंबर से शुरू हो जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में हुई बैठक में भोपाल और इंदौर के मेट्रो प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा की। इसके बाद उन्होंने कहा कि सुगम यातायात के लिए प्रदेश के बड़े नगरों जैसे भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में वंदे मेट्रो ट्रेनें, रोप-वे, इलेक्ट्रिक-बसें और केबल-कार जैसे साधनों का उपयोग किया जाएगा। आगामी आवश्यकताओं की दृष्टि से स्थानीय जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर आवश्यक प्रबंध किए जाएंगे। यातायात के विकल्पों के अंतर्गत उज्जैन से ओंकारेश्वर रुट, भोपाल से इंदौर, जबलपुर से ग्वालियर के लिए भी विचार कर जरूरी निर्णय लिए जाएंगे।

वंदे मेट्रो सर्किल ट्रेन चलेगी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से हाल ही में हुई चर्चा के अनुसार मध्य प्रदेश में विभिन्न नगरों के लिए वंदे मेट्रो चलाने पर सहमति हुई है। पुरानी मेट्रो के स्थान पर वंदे मेट्रो सर्किल ट्रेन मौजूदा रेलवे ट्रैक का इस्तेमाल कर के ही चलाई जाएंगी, इससे नागरिकों के लिए एक बड़ी सौगात होगी। ऐसे नगरों में जहां यातायात का दबाव बढ़ रहा है, वहां मेट्रो ट्रेन संचालन की दृष्टि से समेकित रूप से योजना बनाने के लिए सर्किल ट्रेन की सुविधा प्रारंभ करने पर सहमति हुई है। 

मेट्रो से ज्यादा स्पीड होगी वंदे मेट्रो की 
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की रेल मंत्री से मेट्रो की स्पीड से अधिक स्पीड से चलने वाली वंदे मेट्रो ट्रेन के संचालन, अत्याधुनिक तकनीक के प्रयोग और पीथमपुर-देवास जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को लाभांवित करने के संबंध में भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में कुछ नगरों में उपलब्ध नैरो-गेज एवं अन्य रेल लाइन का उपयोग करने के संबंध में कहा कि इसका सर्वे एवं अध्ययन पूर्ण किया जाए ताकि वर्तमान में उपयोग में नहीं आ रहे रेलवे ट्रेक का उपयोग किया जा सके

सिंहस्थ के पहले मिलेगी सौगात 

इंदौर-उज्जैन के मध्य मेट्रो चलाने से संबंधित फिजिबिलिटी सर्वे की रिपोर्ट प्राप्त हो गई है। आने वाले समय में इंदौर एयरपोर्ट से महाकाल मंदिर तक वंदे मेट्रो की सुविधा प्रदेशवासियों और देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं के लिए एक अहम सौगात होगी। इससे उज्जैन में 2028 में होने वाले सिंहस्थ में श्रद्धालुओं को आवाजाही में सुविधा होगी। बैठक में भोपाल के आसपास के शहरों के बीच भी वंदे मेट्रो ट्रेन चलाने को लेकर चर्चा हुई। इसके संचालन के लिए एक सर्किल बनाया जाएगा। इसमें भोपाल से सीहोर, रायसेन, विदिशा, होशंगाबाद, बैतूल को जोड़ा जाएगा।  

भोपाल मेट्रो जून 2025 में होगी शुरू 
भोपाल में एम्स से करोंद चौराहे तक कुल 16.74 किलोमीटर की लंबाई में मेट्रो की लाइन तैयार करने का कार्य तीन चरणों में पूरा होगा। प्रथम चरण सात किलोमीटर का है, जिसमें सुभाष नगर से भोपाल एम्स तक 8 स्टेशन (एलिवेटेड) शामिल हैं। इनके बीच मेट्रो का कमर्शियल संचालन जून 2025 तक शुरू होगा। यहां पर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के आगे आरओबी का काम बाकी है। जिसको पूरा होने के बाद सात किमी में मेट्रो का संचालन किया जाएगा। भोपाल मेट्रो की ऑरेंज लाइन में कुल 16 स्टेशन बनेंगे, जिसमें 14 एलीवेटेड और 2 भूमिगत होंगे। 

भोपाल में दूसरे चरण में 14.21 किमी की लाइन 
द्वितीय चरण में भदभदा चौराहे से रत्नागिरी तिराहा लंबाई 14.21 किलोमीटर (ब्लू लाइन) में कुल 14 एलीवेटेड स्टेशन बनेंगे। तृतीय चरण में सुभाष नगर से करोंद चौराहा 9.74 किलोमीटर का कार्य शामिल है। सुभाष नगर में संयुक्त मेट्रो रेल डिपो और दोनों लाइन के मध्य पुल बोगदा एक इंटरचेंज स्टेशन है। प्रथम चरण में सिविल और सिस्टम कार्य प्रगति पर है। द्वितीय चरण में सिविल कार्य के लिए शीघ्र अनुबंध किया जा रहा है, जबकि तृतीय चरण के एलिवेटेड और भूमिगत कार्य संबंधी अनुबंध संपन्न हो चुके हैं। द्वितीय और तृतीय चरण का कार्य कमर्शियल परिचालन की दृष्टि से वर्ष 2027 में पूरा होगा।

इंदौर में दिसंबर में दौड़ेगी मेट्रो
इंदौर मेट्रो की प्रगति पर भी बताया गया कि कुल 31.32 किलोमीटर में कार्य हो रहा है। इंदौर में कुल 28 स्टेशन बनेंगे। जानकारी के अनुसार प्रदेश में सबसे पहले इंदौर में मेट्रो दौड़ेगी। यहां पर मेट्रो का संचालन दिसंबर 2024 में शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। शुरुआत में गांधी नगर से सुपर कॉरिडोर होते हुए आईएसबीटी तक पांच किमी में मेट्रो का कमर्शियल संचालन शुरू करने की तैयारी की जा रही है। 

मेट्रो ट्रेन में मिलेगी ये सुविधाएं 
मेट्रो स्टेशन पर अनेक जनसुविधाएं रहेंगी। इसमें सामान सुरक्षा जांच, यात्री सुरक्षा जांच, पेयजल, वॉशरूम, प्राथमिक चिकित्सा, व्हीलचेयर, स्ट्रेचर, मैनुअल कॉल पाइंट, अग्निशामक उपकरण, लिफ्ट, स्वचलित सीढ़ियां, प्लेटफार्म स्क्रीन डोर, यात्री मार्ग नक्शा, यात्री सूचना प्रणाली, आपातकालीन स्टॉप पलंजर, आपातकालीन ट्रिप प्रणाली, आपातकालीन सहायता बटन, प्रतीक्षा बेंच शामिल हैं। इसी तरह ट्रेन में उपलब्ध सुविधाओं में एयर कंडीशनर, ग्रैब पोल और ग्रैब हैंडल, बैठक व्यवस्था, मार्गदर्शिका, यात्री उद्वघोषणा, कैमरा एवं मोबाइल चार्जिंग पाइंट, आपातकालीन संचार प्रणाली, आपातकालीन निकासी द्वार, धुआं/आग डिटेक्शन शामिल हैं। महिलाओं, दिव्यांग जन का विशेष ध्यान रखा जाएगा। शिशु देखभाल कक्ष भी रहेगा। दिव्यांग जन के लिए शौचालय में कॉल बटन, सहायता कर्मी, सड़क से लिफ्ट तक रैंप, स्पर्श पथ और व्हीलचेयर की सुविधा रहेगी। केंद्रीयकृत नियंत्रण कक्ष से संपूर्ण मॉनीटरिंग की व्यवस्था रहेगी।

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