mp-news:-अतिथि-शिक्षकों-के-लिए-की-गई-घोषणा-एक-साल-बाद-भी-अधूरी,-भोपाल-में-बैठक-कर-बनाई-रणनीति,घेरेंगे-cm-हाउस
भोपाल में बैठक के बाद अतिथि शिक्षक - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधानसभा चुनाव से पहले सभी संगठनों को अलग-अलग मुख्यमंत्री निवास भोपाल में बुलाकर उनकी मांगों को पूरा करने का वादा किया था। इसी कड़ी में प्रदेश भर के स्कूलों में पढ़ने वाले अतिथि शिक्षकों की महापंचायत बुलाई और इस दौरान उन्होंने कई घोषणाएं की थी। घोषणा को 2 सितंबर को 1 साल पूरे हो रहे हैं लेकिन अभी तक इन पर किसी प्रकार की कोई चर्चा होती नहीं दिख रही है। इसे लेकर प्रदेश भर के अतीत शिक्षक लामबंद हो गए हैं। रविवार को राजधानी भोपाल में अतिथि शिक्षकों के संगठन ने बैठक बुलाई और आगे की रणनीति तैयार की है। जिसमे तय किया गया है कि महापंचायत में हुई घोषणाओं को पूरा कराने और स्कूलों में जल्द से जल्द अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर अतिथि शिक्षक प्रदेशभर में प्रदर्शन करेंगे। 2 सितंबर को हर जिले में अतिथि शिक्षक रैली निकालने वाले हैं। वहीं 5 सितंबर, शिक्षक दिवस पर सीएम हाउस का घेराव करेंगे। राजधानी भोपाल में हुई बैठक आंदोलन की रणनीति बनाने 25 अगस्त, रविवार को अतिथियों से जुड़े अलग अलग संगठन के पदाधिकारी भोपाल में एकजुट हुए। यहां 2 और 5 सितंबर के आंदोलन की रणनीति बनाई गई। अतिथियों ने कहा कि उनके लिये ये अब आर या पार की लड़ाई की तरह है। उनका शोषण बहुत हुआ, अब सरकार उनके बारे में क्या सोचती है ये स्पष्ट उन्हें करना ही होगा। शिक्षक दिवस पर भोपाल में बड़ा प्रदर्शन अतिथि शिक्षकों ने कहा कि यदि 4 सितंबर तक उनकी मांगों का निराकरण नहीं हुआ तो 5 सितंबर, शिक्षक दिवस पर बड़ी संख्या में प्रदेशभर में अतिथि शिक्षक भोपाल पहुंचेंगे और यहां रोशनपुरा चौराहे से सीएम हाउस घेरने के लिए कूच करेंगे।बता दें कि प्रदेश में अतिथि शिक्षकों के अलग अलग संगठन चल रहे हैं। 5 सितंबर को राजधानी भोपाल में होने वाले प्रदर्शन को सफल बनाने सभी अतिथि संगठन एक साथ आ गए हैं। अतिथि शिक्षकों की ये है मांगें 1. खाली पदों पर अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति के आदेश तत्काल जारी हों। 2. अनुभव-वरिष्ठता के आधार पर विभागीय पात्रता परीक्षा आयोजित कर नियमित शिक्षक बनाया जाए। 3. अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर अतिथियों का पूरे एक साल का अनुबंध किया जाए। 4. शिक्षक भर्ती में 50% आरक्षण और हर साल 4 अंक या अधिकतम 20 अंक बोनस दिया जाए। 5. महीने की निश्चित तारीख को अतिथि शिक्षकों को मानदेय देने का आदेश जारी किया जाए।  

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भोपाल में बैठक के बाद अतिथि शिक्षक – फोटो : अमर उजाला

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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधानसभा चुनाव से पहले सभी संगठनों को अलग-अलग मुख्यमंत्री निवास भोपाल में बुलाकर उनकी मांगों को पूरा करने का वादा किया था। इसी कड़ी में प्रदेश भर के स्कूलों में पढ़ने वाले अतिथि शिक्षकों की महापंचायत बुलाई और इस दौरान उन्होंने कई घोषणाएं की थी। घोषणा को 2 सितंबर को 1 साल पूरे हो रहे हैं लेकिन अभी तक इन पर किसी प्रकार की कोई चर्चा होती नहीं दिख रही है। इसे लेकर प्रदेश भर के अतीत शिक्षक लामबंद हो गए हैं। रविवार को राजधानी भोपाल में अतिथि शिक्षकों के संगठन ने बैठक बुलाई और आगे की रणनीति तैयार की है। जिसमे तय किया गया है कि महापंचायत में हुई घोषणाओं को पूरा कराने और स्कूलों में जल्द से जल्द अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर अतिथि शिक्षक प्रदेशभर में प्रदर्शन करेंगे। 2 सितंबर को हर जिले में अतिथि शिक्षक रैली निकालने वाले हैं। वहीं 5 सितंबर, शिक्षक दिवस पर सीएम हाउस का घेराव करेंगे।

राजधानी भोपाल में हुई बैठक
आंदोलन की रणनीति बनाने 25 अगस्त, रविवार को अतिथियों से जुड़े अलग अलग संगठन के पदाधिकारी भोपाल में एकजुट हुए। यहां 2 और 5 सितंबर के आंदोलन की रणनीति बनाई गई। अतिथियों ने कहा कि उनके लिये ये अब आर या पार की लड़ाई की तरह है। उनका शोषण बहुत हुआ, अब सरकार उनके बारे में क्या सोचती है ये स्पष्ट उन्हें करना ही होगा।

शिक्षक दिवस पर भोपाल में बड़ा प्रदर्शन
अतिथि शिक्षकों ने कहा कि यदि 4 सितंबर तक उनकी मांगों का निराकरण नहीं हुआ तो 5 सितंबर, शिक्षक दिवस पर बड़ी संख्या में प्रदेशभर में अतिथि शिक्षक भोपाल पहुंचेंगे और यहां रोशनपुरा चौराहे से सीएम हाउस घेरने के लिए कूच करेंगे।बता दें कि प्रदेश में अतिथि शिक्षकों के अलग अलग संगठन चल रहे हैं। 5 सितंबर को राजधानी भोपाल में होने वाले प्रदर्शन को सफल बनाने सभी अतिथि संगठन एक साथ आ गए हैं।

अतिथि शिक्षकों की ये है मांगें

1. खाली पदों पर अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति के आदेश तत्काल जारी हों।
2. अनुभव-वरिष्ठता के आधार पर विभागीय पात्रता परीक्षा आयोजित कर नियमित शिक्षक बनाया जाए।
3. अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर अतिथियों का पूरे एक साल का अनुबंध किया जाए।
4. शिक्षक भर्ती में 50% आरक्षण और हर साल 4 अंक या अधिकतम 20 अंक बोनस दिया जाए।
5. महीने की निश्चित तारीख को अतिथि शिक्षकों को मानदेय देने का आदेश जारी किया जाए।
 

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