mp-news:-अतिक्रमण-के-कारण-रेलवे-अंडर-रोड-उपयोगहीन,-हाईकोर्ट-ने-नोटिस-जारी-कर-मांगा-जवाब
MP: शहडोल पुरानी बस्ती में रेलवे ने अंडर रोड का निर्माण किया है, परंतु अतिक्रमण के कारण वह उपयोगहीन है। लोग अंडर रोड के बजाये रेलवे फाटक का उपयोग करते है। हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किये है।   मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार Follow Us रेलवे फाटक संघर्ष समिति शहडोल की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया है कि पुरानी बस्ती रोड स्थित रेलवे फाटक का उपयोग लोग आवाजाही के लिए करते है। रेलवे ने लोगों की आवाजाही के लिए अंडर रोड का निर्माण किया गया। रेलवे फाटक को कभी भी आवाजाही के लिए बंद किया जा सकता है। याचिका में कहा गया है कि अंडर रोड में अतिक्रमण व गंदगी है। जिसके कारण लोग आवाजाही के लिए उसका उपयोग नहीं करते है। अंडर रोड का उपयोग करने में लोगों को परेशानी का सामना करना पडता है।  याचिका में राहत चाही गयी थी कि जब तक अंडर रोड व्यवस्थित रूप से प्रारंभ नहीं होता,रेलवे फाटक को आवाजाही के लिए बंद नहीं किया जाये। याचिका में जीएम एसईसीआर,कलेक्टर सहित रेलवे तथा प्रशासन के अन्य अधिकारियों को अनावेदक बनाया गया था। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद उक्त आदेश जारी करते हुए याचिका पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता योगेश सिंह बघेल ने पैरवी की।

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MP: शहडोल पुरानी बस्ती में रेलवे ने अंडर रोड का निर्माण किया है, परंतु अतिक्रमण के कारण वह उपयोगहीन है। लोग अंडर रोड के बजाये रेलवे फाटक का उपयोग करते है। हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किये है।
  मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर – फोटो : सोशल मीडिया

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रेलवे फाटक संघर्ष समिति शहडोल की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया है कि पुरानी बस्ती रोड स्थित रेलवे फाटक का उपयोग लोग आवाजाही के लिए करते है। रेलवे ने लोगों की आवाजाही के लिए अंडर रोड का निर्माण किया गया। रेलवे फाटक को कभी भी आवाजाही के लिए बंद किया जा सकता है। याचिका में कहा गया है कि अंडर रोड में अतिक्रमण व गंदगी है। जिसके कारण लोग आवाजाही के लिए उसका उपयोग नहीं करते है। अंडर रोड का उपयोग करने में लोगों को परेशानी का सामना करना पडता है।

 याचिका में राहत चाही गयी थी कि जब तक अंडर रोड व्यवस्थित रूप से प्रारंभ नहीं होता,रेलवे फाटक को आवाजाही के लिए बंद नहीं किया जाये। याचिका में जीएम एसईसीआर,कलेक्टर सहित रेलवे तथा प्रशासन के अन्य अधिकारियों को अनावेदक बनाया गया था। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद उक्त आदेश जारी करते हुए याचिका पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता योगेश सिंह बघेल ने पैरवी की।

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