mp-news:-अग्निवीर-में-चयनित-अभ्यर्थियों-के-अंकों-की-जानकारी-दें,-हाईकोर्ट-ने-दिए-सचिव-रक्षा-विभाग-को-निर्देश
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : Freepik विस्तार Follow Us मध्य प्रदेश हाईकोर्ट जस्टिस विशाल धगट ने अपने अहम आदेश में कहा है कि सार्वजनिक परीक्षा में प्राप्त अंक उम्मीदवारों की व्यक्तिगत जानकारी नहीं है। एकलपीठ ने अग्निवीर में चयनित अभ्यर्थियों के अंकों की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत 15 दिनों में प्रदान करने के आदेश जारी किए है।   बता दें कि सतना निवासी अमन द्विवेदी सहित रीवा, सीधी व अन्य जिलों के 9 याचिकाकर्ताओं की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि सितंबर 2022 में आयोजित अग्निवीर भर्ती रैली में उन्होंने भाग लिया था। इसमें उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया था। उन्होंने नवंबर 2022 में आयोजित लिखित परीक्षा में भी अच्छा प्रदर्शन किया। परिणाम की घोषणा 26 नवंबर, 2022 को की गई थी। इसमें केवल चयनित उम्मीदवारों के रोल नंबर दिखाए गए। उनके नाम या प्राप्त अंकों का उल्लेख नहीं किया गया। याचिकाकर्ताओं को जानकारी थी कि कई चयनित उम्मीदवारों ने उनसे कम अंक प्राप्त किए थे। सूचना अधिकार के तहत उन्होंने चयनित उम्मीदवारों के अंकों की जानकारी मांगी थी। सूचना के अधिकार के तहत उन्हें केवल कट-ऑफ अंकों और उनके स्वयं के अंकों की जानकारी मिली। इसके कारण उक्त याचिका दायर की गई है। याचिका में सचिव रक्षा विभाग तथा चयन अधिकारी मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ को अनावेदक बनाया गया था। एकलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए उक्त आदेश जारी किया। याचिकाकर्ताओं की तरफ से अधिवक्ता एनएस रूपराह ने पैरवी की।

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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट जस्टिस विशाल धगट ने अपने अहम आदेश में कहा है कि सार्वजनिक परीक्षा में प्राप्त अंक उम्मीदवारों की व्यक्तिगत जानकारी नहीं है। एकलपीठ ने अग्निवीर में चयनित अभ्यर्थियों के अंकों की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत 15 दिनों में प्रदान करने के आदेश जारी किए है।  

बता दें कि सतना निवासी अमन द्विवेदी सहित रीवा, सीधी व अन्य जिलों के 9 याचिकाकर्ताओं की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि सितंबर 2022 में आयोजित अग्निवीर भर्ती रैली में उन्होंने भाग लिया था। इसमें उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया था। उन्होंने नवंबर 2022 में आयोजित लिखित परीक्षा में भी अच्छा प्रदर्शन किया। परिणाम की घोषणा 26 नवंबर, 2022 को की गई थी। इसमें केवल चयनित उम्मीदवारों के रोल नंबर दिखाए गए। उनके नाम या प्राप्त अंकों का उल्लेख नहीं किया गया। याचिकाकर्ताओं को जानकारी थी कि कई चयनित उम्मीदवारों ने उनसे कम अंक प्राप्त किए थे। सूचना अधिकार के तहत उन्होंने चयनित उम्मीदवारों के अंकों की जानकारी मांगी थी। सूचना के अधिकार के तहत उन्हें केवल कट-ऑफ अंकों और उनके स्वयं के अंकों की जानकारी मिली। इसके कारण उक्त याचिका दायर की गई है।

याचिका में सचिव रक्षा विभाग तथा चयन अधिकारी मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ को अनावेदक बनाया गया था। एकलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए उक्त आदेश जारी किया। याचिकाकर्ताओं की तरफ से अधिवक्ता एनएस रूपराह ने पैरवी की।

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