रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी शैलेंद्र श्रीवास्तव से खास बातचीत – फोटो : अमर उजाला
विस्तार Follow Us
मध्य प्रदेश के अंडरवर्ल्ड कनेक्शन पर आई नई किताब सुर्खियों में है। अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बेटी माहरूख के निकाह के लिए जिस दर्जी ने लहंगा तैयार किया था, वह आज भी किडनैपिंग केस में फरार है। आशंका है कि वह मुंबई के रास्ते दुबई भाग चुका है। इसके अलावा छोटा राजन की गैंग भी मध्य प्रदेश में सक्रिय रही है। यह खुलासा रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी शैलेंद्र श्रीवास्तव ने अपनी नई किताब ‘शेकल द स्टॉर्म’ में किया है।
अमर उजाला से विशेष बातचीत में श्रीवास्तव ने कहा कि 2005 में 17 अगस्त को इंदौर के सीमेंट कारोबारी के बेटे नितेश नागोरी का अपहरण हुआ था। इस मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर इस्माइल खान (बदला हुआ नाम) की पहचान हुई थी। शिवपुरी का इस्माइल अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद के लिए काम करता था। उसने दाऊद की बेटी माहरूख के निकाह के लिए लहंगा भी तैयार किया था। 2005 में ही माहरूख का निकाह मक्का में हुआ था। इसी दौरान उसने नितेश नागोरी का अपहरण करवाया था। इस मामले में नितेश के ही दोस्त ध्रुव और एक अन्य सहयोगी गौरव को गिरफ्तार किया गया था। नितेश को छोड़ने के लिए चार करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी। उस समय इस मामले ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी थी। पुलिस ने राजस्थान सीमा से नितेश को अपहर्ताओं के चंगुल से छुड़ाया था। पुलिस को जांच में पता चला कि इस्माइल का कनेक्शन दाऊद के करीबी आफताब आलम से था। उसने ही माहरूख का लहंगा तैयार किया था। अपहरण कांड के सामने आने के बाद इस्माइल फरार हो गया। आफताब 1997 में ही मुंबई छोड़ चुका था। इस्माइल भी उसके संपर्क में था और उसने भी कथित तौर पर दुबई की राह पकड़ ली थी।
तीन आरोपियों को उम्रकैद
2005 के नितेश नागोरी अपहरण कांड में तीन आरोपियों- अमजद खान, इदरीस खान और मनीष को 2010 में कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कुछ अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था। इस्माइल खान इस मामले में आज भी मुख्य आरोपी है और फरार है।
छोटा राजन गिरोह भी सक्रिय था
अब खत्म हो चुका छोटा राजन गिरोह भी मध्य प्रदेश में काफी सक्रिय था। श्रीवास्तव का कहना है कि वह जब इंदौर आईजी थे, तब 2004 में शराब कारोबारी को बैंकॉक से चार करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी। छोटा राजन के गुर्गे विक्की मल्होत्रा ने ही फोन लगाया था। फिरौती का पैसा न मिलने पर अपहरण की धमकी दी थी। जब फोन नंबर की जांच की गई तो दाऊद और उसके गुर्गों की गतिविधियों का पता चला था। मुंबई पुलिस ने इस नंबर को निगरानी में रखा था। 2005 में पुलिस ने विक्की को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। श्रीवास्तव ने ही इस केस को फिर से खोला और विक्की को पूछताछ के लिए इंदौर लाया गया था। विक्की की असली पहचान पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के विजय कुमार यादव के रूप में हुई थी। उसने दाऊद के खिलाफ कई अहम खुलासे किए थे।
Comments