नरोत्तम मिश्रा और अंजू-नसरुल्लाह (फाइल फोटो) – फोटो : अमर उजाला
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भारतीय महिला अंजू के पाकिस्तान पहुंचने और उसकी प्रेम कहानी पर संदेह जताया जा रहा है। मध्य प्रदेश सरकार की स्पेशल ब्रांच को इस मामले में जांच के निर्देश दिए गए हैं। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जिस तरह अंजू की आवभगत पाकिस्तान में हो रही है, उसे उपहार दिए जा रहे हैं, यह संदेह पैदा करता है। इस मामले में अंतरराष्ट्रीय साजिश होने का संदेह है।
ग्वालियर जिले की रहने वाली अंजू ने 2007 में भिवाड़ी, अलवर के अरविंद से शादी की थी। उसके दो बच्चे भी हैं। 34 साल की अंजू का परिवार मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में रहता है। अंजू ने दो साल पहले विदेश में नौकरी के नाम पर पासपोर्ट बनवाया था। अंजू ने सहेली के साथ जयपुर घूमने-फिरने की बात कहकर घर छोड़ा और पाकिस्तान पहुंच गई। वहां से उसने बताया कि वह लाहौर पहुंच गई है और दो-तीन दिन में लौट आएगी। उससे पहले 2020 में उसकी दोस्ती पाकिस्तान के नसरुल्लाह से हुई थी। फेसबुक मैसेंजर से शुरू हुई बातचीत व्हाट्सएप पर परवान चढ़ी। अंजू का जन्म उत्तरप्रदेश के कैलोर में हुआ। उसके पिता गया प्रसाद ग्वालियर में सिलाई का काम करते थे। गया प्रसाद ने ईसाई धर्म अपना लिया था और अपना नाम गया प्रसाद थॉमस लिखने लगे। अंजू दसवीं तक पढ़ी है। पाकिस्तान जाने के बाद बताया गया कि अंजू ने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया है और नसरुल्लाह से निकाह भी पढ़ लिया है। निकाहनामा भी कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस बात को लेकर अरविंद और गया प्रसाद, दोनों ही अंजू से नाराज चल रहे हैं।
पाकिस्तान में हो रही आवभगत पर संदेह
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि अंजू की जिस तरह से पाकिस्तान में आवभगत हो रही है, उसे उपहार दिए जा रहे हैं, उससे कई संदेह पैदा हो रहे हैं। कई संदेह अंजू के पाकिस्तान पहुंचने पर पैदा हुए हैं। मैंने स्पेशल ब्रांच को सूक्ष्मता से जांच के निर्देश दिए है। टीम कड़ियां जोड़कर जांच करेगी। यह देखेगी कि कहीं अंजू के पाकिस्तान जाने में कोई अंतरराष्ट्रीय साजिश तो नहीं है। यह ग्वालियर जिले का मामला है।
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