न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शहडोल Published by: रवींद्र भजनी Updated Tue, 15 Nov 2022 03: 07 PM IST
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का शहडोल में जनजातीय शैली के स्टोल और टोपी पहनाकर स्वागत किया गया। – फोटो : अमर उजाला
Janjati Gaurav Divas MP Birsa Munda Jayanti 2022 Live: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मंगलवार को जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रम में शहडोल में मध्यप्रदेश में पेसा कानून की नियमावली को जारी किया। इसके साथ ही मध्यप्रदेश यह कानून लागू करने वाला सातवां राज्य बन गया है।
02: 56 PM, 15-Nov-2022
स्वागत से खुश हूंः मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस मौके पर कहा कि जनजातीय गौरव दिवस पर मैं सभी देशवासियों को बधाई देता हूं। मैं यहां से पहले भगवान मुंडा के गांव जाने का सौभाग्य मिला। उनकी जयंती पर उनकी प्रतिमा का दर्शन कर मैं भाग्यशाली महसूस कर रही हूं। राष्ट्रपति के रूप में मध्यप्रदेश की पहली यात्रा में इतनी बड़ी संख्या भाई-बहनों को देखकर मैं बहुत खुश हूं। यहां ज्यादातर लोग हमारी जनजातीय समुदाय के हैं। यह मेरे प्रति उनके विशेष स्नेह और उत्साह का परिचय देता है। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश में जनजातीय आबादी की संख्या दस करोड़ है। डेढ़ करोड़ से अधिक मध्यप्रदेश है। यह किसी भी राज्य में सबसे अधिक जनजातीय आबादी रहती है। जनजातीय समुदाय के विद्यार्थियों को आज सम्मानित किया गया है। उन्हें देखकर उम्मीद करती हूं कि आने वाला समय और अधिक उज्जवल होगा। मध्यप्रदेश में पेसा कानून के विस्तार से जुड़ी नियम पुस्तिका का विमोचन हुआ है। जनजातीय समुदायों के सशक्तिकरण के लिए इन नियमों का उपयोग किया जाएगा।
02: 24 PM, 15-Nov-2022
शहडोल में संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री चौहान। – फोटो : अमर उजाला
ग्रामसभाओं को मिलेंगे और अधिकार
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राष्ट्रपति बनने के बाद द्रौपदी मुर्मू जी पहली बार मध्यप्रदेश आई हैं। शहडोल में तो पहली बार कोई राष्ट्रपति आया है। दूर-दूर तक जनसमुदाय दिख रहा है। 83 ब्लॉक्स में यह पेसा कानून लागू होने वाला है। यह जमीन, जंगल, जल, खदानें भगवान ने सबके लिए बनाई है। यह हम सबकी है। पेसा कानून के तहत हमने जो नियम बनाए हैं, उसमें जल, जंगल और जमीन का अधिकार आपको दिया जा रहा है। हर साल गांव की जमीन, उसका नक्शा, वनक्षेत्र का नक्शा, खसरे की नकल, पटवारी को या बीट गार्ड को गांव में लाकर ग्रामसभा को दिखानी होगी। ताकि जमीनों में हेर-फेर न हो। नामों में गलती है तो यह ग्रामसभा को उसे ठीक कराने का अधिकार होगा। किसी भी प्रोजेक्ट, बांध या किसी काम के लिए हमारे गांव की जमीन ली जाती है, लेकिन अब ग्राम सभा की अनुमति के बिना ऐसा नहीं हो सकेगा। पेसा कानून के जरिये ग्राम सभाओं को और अधिक अधिकार मिले हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि गांव में कुछ एजेंट आते हैं। काम के लिए ले जाने की बात करते हैं। बाद में हमारे बेटे-बेटियां दिक्कत में फंस जाती हैं। पेसा के नियम आपको अधिकार दे रहे हैं कि हमारे गांव से कोई बेटा-बेटी जाएगा तो पहले ग्राम सभा को बताना होगा। ले जाने वाला कौन है, कहां ले जा रह है, यह भी बताना होगा।
शराब दुकान की अनुमति भी ग्रामसभा से मिलेगी
शिवराज ने कहा कि नई शराब दुकान की अनुमति के लिए ग्रामसभा के पास जाना होगा। 45 दिन तक अनुमति नहीं दी तो माना जाएगा कि अनुमति नहीं दी है। भगवान बिरसा मुंडा ने कहा था कि नशा नाश की जड़ है। हमें इस बुराई से दूर रहने की कोशिश करना चाहिए। कोई शराब की दुकान स्कूल, अस्पताल या गांव के पास है तो उसे हटाने का अधिकार ग्रामसभा को होगा। यदि ग्राम सभा चाहे तो किसी त्यौहार के दिन ड्राई डे घोषित कर सकेगी। सार्वजनिक स्थल पर कोई शराब पियेगा तो ग्रामसभा उस पर प्रतिबंध लगा सकती है। नशे की लत को हतोत्साहित करने के लिए अनुशंसा भी ग्रामसभा कर सकेगी। छोटे-मोटे विवादों का निपटारा ग्राम सभा में ही हो जाएगा। शांति और विवाद निवारण समिति बनेगी। पुलिस में रिपोर्ट नहीं होगी। हम शांति और प्रेम से रहेंगे। बुजुर्ग विवाद निपटा देंगे। थाने में एफआईआर होगी तो थाने को इसकी सूचना ग्रामसभा को देनी होगी। झूठी एफआईआर नहीं चलेगी।
पेसा कोऑर्डिनेटर बनाए जाएंगे
शिवराज ने कहा कि पेसा कोऑर्डिनेटर बनाए जाएंगे। इस कानून के बारे में जनता को जागरुक करने के लिए यात्राएं निकाली जाएंगी। 20 नवंबर को यात्राएं शुरू होंगी। चार दिसंबर को टंट्या मामा की जयंती पर इंदौर में यह यात्राएं मिलेंगी। वहां फिर बड़ा कार्यक्रम होगा। हमारे बेटे-बेटी डॉक्टर और इंजीनियर बनेंगे। यह किसी के खिलाफ नहीं है। यह कानून शहरों में लागू नहीं होगा। संकल्प करें कि हम सभी को पेसा कानून के नियमों की जानकारी देंगे।
राज्यपाल ने कहा- राष्ट्रपति की मौजूदगी से बना यह खास दिन
राज्यपाल मंगु भाई पटेल ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रम में राष्ट्रपति जी के आगमन से हम गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में पहले गौरव दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए थे। दूसरे गौरव दिवस पर राष्ट्रपति की मौजूदगी ने इस दिन को खास बना दिया है। मध्यप्रदेश में पेसा कानून के नियमों का अमल होगा। इसमें सभी लोगों को सहयोग देना होगा। इन नियमों के लागू होने से ग्रामसभ बहुत अधिक शक्तिशाली हो गई है।
01: 52 PM, 15-Nov-2022
शहडोल में जनजातीय गौरव दिवस के समारोह में राष्ट्रपति और राज्यपाल। – फोटो : सोशल मीडिया
शहडोल में राष्ट्रगान के साथ जनजातीय गौरव दिवस समारोह शुरू हुआ। मध्यप्रदेश की मंत्री मीना सिंह ने स्वागत भाषण से शुरुआत की। इसके बाद सहरिया जनजाति का नृत्य प्रस्तुत किया गया। इसके बाद पेसा कानून की नियमावली को सार्वजनिक कर राष्ट्रपति ने उसके मध्यप्रदेश में लागू होने की घोषणा की। नियमावली को जनजातीय समुदाय को समर्पित किया गया। कार्यक्रम को केंद्रीय मंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते और अर्जुन मुंडा ने भी संबोधित किया।
मध्यप्रदेश देश का सातवां राज्य है, जहां पेसा अधिनियम लागू किया गया है। इससे पहले छह राज्यों (हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र) ने पेसा कानून बनाए हैं। पेसा एक्ट का संबंध मध्यप्रदेश से ही ज्यादा रहा है। मध्यप्रदेश के झाबुआ से सांसद रहे दिलीप सिंह भूरिया की अध्यक्षता में बना गई समिति की अनुशंसा पर यह कानून बनाया गया था। 24 दिसंबर 1996 को पेसा कानून देश में लागू हुआ था। इस कानून के क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकारों की ओर से नियम बनाए जाने लगे थे।
12: 16 PM, 15-Nov-2022
जबलपुर में राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति का स्वागत किया। – फोटो : सोशल मीडिया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के दो दिवसीय मप्र प्रवास के लिए जबलपुर पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। राष्ट्रपति बनने के बाद उनकी मध्यप्रदेश की यह पहली आधिकारिक यात्रा है। राष्ट्रपति लालपुर, शहडोल में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर आयोजित जनजातीय सम्मेलन में शामिल होने आई हैं। राष्ट्रपति डेढ़ बजे शहडोल पहुंचीं। वहां उन्होंने एक जिला एक उत्पाद के तहत स्वसहायता समूहों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस दौरान स्वसहायता समूहों की सदस्यों ने उन्हें उनके जिले के उत्पादों की जानकारी दी। राष्ट्रपति ने बड़े ही गौर से इन उत्पादों की जानकारी ली। साथ ही कुछ समूहों के उत्पाद भी उन्हें पुरस्कार स्वरूप दिए गए।
Governor of Madhya Pradesh, Shri Mangubhai Patel, Chief Minister, Shri Shivraj Singh Chouhan and Union Tribal Affairs Minister, Shri Arjun Munda received President Droupadi Murmu on her arrival at Jabalpur. pic.twitter.com/gsVg7WkNeG
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 15, 2022 राष्ट्रपति का दोपहर लगभग सवा 12 बजे झारखंड की राजधानी रांची से भारतीय वायुसेना के विमान से जबलपुर के डुमना विमानतल आगमन हुआ। विमानतल पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनकी अगवानी की। केंद्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत एवं राज्य सभा सदस्य सुमित्रा वाल्मिकी ने भी स्वागत किया। विमानतल पर करीब दस मिनट रुकने के बाद राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के साथ वायुसेना के हेलिकॉप्टर द्वारा शहडोल प्रस्थान किया।
11: 46 AM, 15-Nov-2022
शहडोल में राष्ट्रपति के कार्यक्रम में भाग लेने जा रही एक बस पलट गई। एक की मौत हो गई। – फोटो : सोशल मीडिया
राष्ट्रपति के कार्यक्रम में भाग लेने जा रही बस पलटी, एक की मौत
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के कार्यक्रम में भाग लेने जा रही एक बस रास्ते में पलट गी। हादसे में एक की मौत हो गई। 32 लोग घायल बताए जा रहे हैं। हादस उमरियापान थाना क्षेत्र के पकरिया गांव में मंगलवार सुबह करीब आठ बजे हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शहडोल में जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रम में भाग लेने वाली हैं। इसी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए यह बस रवाना हुई थी।
11: 41 AM, 15-Nov-2022
आदिवासी कलाकार के साथ झूमते सीएम (फाइल फोटो) – फोटो : Amar Ujala Digital
पेसा कानून से ग्राम सभाओं को मिलेगी ताकत
राष्ट्रपति के आगमन से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज भगवान बिरसा मुंडाजी का जन्मदिन है। मैं उनके चरणों में प्रणाम करता हूं। धरती के आबा ने भारत माता के पैरों से परतंत्रता की बेड़ियां काटने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। अन्याय, शोषण के खिलाफ भगवान बिरसा मुंडा जी ने जंग लड़ी और अंग्रेजों को लोहे के चने चबवाने पर उन्होंने मजबूर कर दिया था। उनके जन्मदिन पर पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था।
आज भगवान बिरसा मुंडा जी का जन्मदिन है। मैं उनके चरणों में प्रणाम करता हूं। धरती के आबा ने भारत माता के पैरों से परतंत्रता की बेड़ियां काटने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया: CM#MPkaJanjatiyaGaurav pic.twitter.com/BRGIeQ4yUg
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) November 15, 2022 उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन शहडोल में किया जा रहा है। साथ ही प्रदेश के 89 ब्लॉक में उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। आनंद और प्रसन्नता का विषय है कि जनजातीय गौरव दिवस के इस कार्यक्रम में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु जी पधार रहीं हैं। मध्यप्रदेश की धरती पर उनका स्वागत है और उनके कर-कमलों से पेसा के नियम लागू किए जाएंगे। मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि पेसा के नियम सामाजिक समरसता के साथ लागू किए जाएंगे। 89 जनजातीय ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले जनजातीय ग्रामों में यह नियम लागू होंगे। यहां जो ग्राम सभा बनेगी उसमें स्थानीय समुदाय की सहभागिता रहेगी। जल-जंगल-जमीन संबंधित अनेकों अधिकार जो हमारे जनजातीय भाई-बहनों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक थे वह हम देने जा रहे हैं। आज एक सामाजिक क्रांति मध्यप्रदेश की धरती पर हो रही है। सौभाग्य है कि इस अवसर पर राष्ट्रपति जी पधार रही हैं। एक अन्य ट्वीट में शिवराज ने कहा कि मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि जनजातीय भाई-बहनों के कल्याण के लिए मध्यप्रदेश में आज से “पेसा कानून” लागू किया जाएगा। जिससे ग्राम सभाएं सशक्त होंगी, उनके अधिकार क्षेत्र में वृद्धि होगी, पंचायती राज व्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) November 15, 2022 मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री निवास स्थित सभागार में मां भारती के गौरव तथा जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए लड़ने वाले जनजातीय नायक, भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती एवं भूदान आंदोलन के प्रणेता आचार्य विनोबा भावे जी की पुण्यतिथि पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
11: 20 AM, 15-Nov-2022
MP Janjatiya Gaurav Divas Live: एमपी में भी लागू हुआ पेसा कानून, राष्ट्रपति ने शहडोल में जारी की नियमावली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मंगलवार और बुधवार को मध्यप्रदेश के प्रवास पर रहेंगी। मंगलवार को शहडोल में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में भाग लेंगी। प्रदेश सरकार इस दौरान पेसा कानून लागू करने जा रही है। पेसा अधिनियम के कार्यान्वयन कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रपति करेंगी। राष्ट्रपति रांची से जबलपुर के लिए रवाना हो गई हैं। वहां उनका स्वागत राज्यपाल मंगू भाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे। वहां से दोपहर साढ़े 12 बजे राष्ट्रपति शहडोल पहुंचेंगी। करीब दो बजे लालपुर में जनजातीय गौरव दिवस समारोह में भाग लेंगी।
राष्ट्रपति शाम को साढ़े पांच बजे भोपाल पहुंचेंगी। राजभवन में उनका स्वागत कार्यक्रम होगा। इसके बाद राष्ट्रपति राजभवन से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के रातापानी, ओबेदुल्लागंज-इटारसी फोर-लेन (NH-46) सड़क परियोजना और रक्षा अनुसंधान और विकास संस्थान, ग्वालियर में रक्षा मंत्रालय की अधिकतम माइक्रोबियल कंटेनमेंट प्रयोगशाला (बीएसएल-4) की वर्चुअली रूप से आधारशिला रखेंगी। बुधवार दोपहर को राष्ट्रपति महिला स्वसहायता समूहों के सम्मेलन को संबोधित करेंगी। उसके बाद दिल्ली रवाना होंगी।
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