mp-high-court:-sdm-आदेश-के-बावजूद-नहीं-हटा-सरकारी-जमीन-से-अतिक्रमण,-कोर्ट-ने-नोटिस-जारी-कर-जवाब-मांगा
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर - फोटो : अमर उजाला विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें सरकारी जमीन पर राजनीतिक व्यक्ति द्वारा अवैध कब्जा किए जाने के कारण किसानों को अपने खेत पर पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। एसडीएम ने अवैध अतिक्रमण को तोड़कर कब्जाधारी को गिरफ्तार करने के आदेश जारी किए थे। इसके बावजूद भी अभी तक अतिक्रमण नहीं हटाया गया है। याचिकाकर्ता राजेन्द्र रजक की तरफ से दायर की गई जनहित याचिका में कहा गया था कि मैहर जिले के ग्राम डेहला में दीनदयाल रजक ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा है, जिसके कारण किसानों को अपने खेत में जाने के लिए लंबी दूरी तय करना पड़ती है। तहसीलदार ने अपनी जांच रिपोर्ट में सरकारी जमीन में अनावेदक द्वारा अतिक्रमण किए जाने की रिपोर्ट पेश की गई थी। एसडीएम ने फरवरी 2023 में प्रकरण की सुनवाई करते हुए अपने आदेश में कहा था कि कब्जाधारी को सिविल जेल में रखते हुए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाए। याचिका में कहा गया था कि उक्त आदेश का अभी तक परिपालन नहीं हुआ है। याचिका में कहा गया था कि अवैध कब्जाधारी राजनीतिक व्यक्ति है। राजनीतिक संरक्षण होने के कारण सरकारी जमीन पर उसके द्वारा किए गए अतिक्रमण को नहीं हटाया जा रहा है। याचिका में प्रमुख सचिव राजस्व विभाग, एसडीएम, तहसीलदार तथा दीनदयाल को अनावेदक बनाया गया था। युगलपीठ याचिका की सुनवाई करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता धर्मेन्द्र सोनी ने पैरवी की।

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर – फोटो : अमर उजाला

विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें

सरकारी जमीन पर राजनीतिक व्यक्ति द्वारा अवैध कब्जा किए जाने के कारण किसानों को अपने खेत पर पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। एसडीएम ने अवैध अतिक्रमण को तोड़कर कब्जाधारी को गिरफ्तार करने के आदेश जारी किए थे। इसके बावजूद भी अभी तक अतिक्रमण नहीं हटाया गया है।

याचिकाकर्ता राजेन्द्र रजक की तरफ से दायर की गई जनहित याचिका में कहा गया था कि मैहर जिले के ग्राम डेहला में दीनदयाल रजक ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा है, जिसके कारण किसानों को अपने खेत में जाने के लिए लंबी दूरी तय करना पड़ती है। तहसीलदार ने अपनी जांच रिपोर्ट में सरकारी जमीन में अनावेदक द्वारा अतिक्रमण किए जाने की रिपोर्ट पेश की गई थी। एसडीएम ने फरवरी 2023 में प्रकरण की सुनवाई करते हुए अपने आदेश में कहा था कि कब्जाधारी को सिविल जेल में रखते हुए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाए। याचिका में कहा गया था कि उक्त आदेश का अभी तक परिपालन नहीं हुआ है।

याचिका में कहा गया था कि अवैध कब्जाधारी राजनीतिक व्यक्ति है। राजनीतिक संरक्षण होने के कारण सरकारी जमीन पर उसके द्वारा किए गए अतिक्रमण को नहीं हटाया जा रहा है। याचिका में प्रमुख सचिव राजस्व विभाग, एसडीएम, तहसीलदार तथा दीनदयाल को अनावेदक बनाया गया था। युगलपीठ याचिका की सुनवाई करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता धर्मेन्द्र सोनी ने पैरवी की।

Posted in MP