mp-high-court-news:-मिशन-अस्पताल-के-डॉ.-लाल-की-गलत-सूचना-देने-पर-हाईकोर्ट-गंभीर,-दोषी-पर-होगी-कार्रवाई
मिशन अस्पताल के संचालक डॉ. लाल के बारे में हाईकोर्ट में गलत सूचना देने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई होगी। हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता कार्यालय से पूछा है कि गलत सूचना का स्रोत कौन है, उसका नाम बताएं।  high coury विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें मिशन अस्पताल के संचालक डॉ. अजय लाल के मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने गलत सूचना देने के आरोप को गंभीरता से लिया है। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने महाधिवक्ता कार्यालय को निर्देशित किया है कि वह बताएं कि किस अधिकारी ने न्यायालय को गलत सूचना भेजी है, ताकि उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके। एकलपीठ ने इस मामले में अतिरिक्त महाधिवक्ता को शपथपत्र पेश करने के लिए कहा है और अभी भी अपना अंतिम फैसला सुरक्षित रखा है। वहीं, डॉ. लाल की उपस्थिति के संबंध में न्यायालय ने उनकी अनुपस्थिति की माफी स्वीकार कर ली है। डॉ. अजय लाल ने न्यायालय में दलील दी कि उन्होंने कोर्ट के आदेश की अवहेलना नहीं की है और वे देश में ही थे। इसके विपरीत, दमोह के पुलिस अधीक्षक और महाधिवक्ता कार्यालय ने अदालत को गलत जानकारी दी कि याचिकाकर्ता देश छोड़कर चले गए हैं। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा, शशांक शेखर, और भूपेश तिवारी ने एसपी के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्रवाई की मांग की है। दमोह पुलिस ने डॉ. अजय लाल के खिलाफ मानव तस्करी और अवैध एडॉप्शन के मामले दर्ज किए थे। डॉ. लाल ने इन आरोपों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने दलील दी कि आरोप गलत हैं और डॉ. लाल का बाल गृह 2023 में बंद हो गया है। बच्चों का एडॉप्शन भी पूरा हो चुका है। सात अगस्त को हाईकोर्ट ने डॉ. लाल के खिलाफ किसी भी कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। 31 अगस्त को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने डॉ. लाल को दो सितंबर को उनके ओरिजनल पासपोर्ट के साथ हाजिर होने का निर्देश दिया था। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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मिशन अस्पताल के संचालक डॉ. लाल के बारे में हाईकोर्ट में गलत सूचना देने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई होगी। हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता कार्यालय से पूछा है कि गलत सूचना का स्रोत कौन है, उसका नाम बताएं।  high coury

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मिशन अस्पताल के संचालक डॉ. अजय लाल के मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने गलत सूचना देने के आरोप को गंभीरता से लिया है। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने महाधिवक्ता कार्यालय को निर्देशित किया है कि वह बताएं कि किस अधिकारी ने न्यायालय को गलत सूचना भेजी है, ताकि उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके। एकलपीठ ने इस मामले में अतिरिक्त महाधिवक्ता को शपथपत्र पेश करने के लिए कहा है और अभी भी अपना अंतिम फैसला सुरक्षित रखा है। वहीं, डॉ. लाल की उपस्थिति के संबंध में न्यायालय ने उनकी अनुपस्थिति की माफी स्वीकार कर ली है।

डॉ. अजय लाल ने न्यायालय में दलील दी कि उन्होंने कोर्ट के आदेश की अवहेलना नहीं की है और वे देश में ही थे। इसके विपरीत, दमोह के पुलिस अधीक्षक और महाधिवक्ता कार्यालय ने अदालत को गलत जानकारी दी कि याचिकाकर्ता देश छोड़कर चले गए हैं। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा, शशांक शेखर, और भूपेश तिवारी ने एसपी के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्रवाई की मांग की है।

दमोह पुलिस ने डॉ. अजय लाल के खिलाफ मानव तस्करी और अवैध एडॉप्शन के मामले दर्ज किए थे। डॉ. लाल ने इन आरोपों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने दलील दी कि आरोप गलत हैं और डॉ. लाल का बाल गृह 2023 में बंद हो गया है। बच्चों का एडॉप्शन भी पूरा हो चुका है। सात अगस्त को हाईकोर्ट ने डॉ. लाल के खिलाफ किसी भी कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। 31 अगस्त को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने डॉ. लाल को दो सितंबर को उनके ओरिजनल पासपोर्ट के साथ हाजिर होने का निर्देश दिया था।

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