न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, जबलपुर Published by: जबलपुर ब्यूरो Updated Tue, 10 Sep 2024 10: 36 PM IST
हाइवे पर गड्ढे और मवेशियों के मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई की है। कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर – फोटो : अमर उजाला
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नेशनल हाइवे पर गड्ढों और मवेशियों के जमावड़े को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य शासन, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव, इंजीनियर इन चीफ, एमपीआरडीसी व एनएचएआई को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं।
जबलपुर निवासी एडवोकेट प्रांजल तिवारी की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि राष्ट्रीय राजमार्ग-43 और राष्ट्रीय राजमार्ग-45 रखरखाव नहीं होने से राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दोनों राष्ट्रीय राजमार्ग गड्ढों से भरे हैं और बेसहारा मवेशी उनके ऊपर पर बैठे रहते हैं, जिसके कारण कई दुर्घटना भी घटित हुई हैं और जिसमें कई लोगों की जान भी गई है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहे हैं।
यह रवैया राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम के तहत दंडनीय है। याचिका में कहा गया कि दोनों एनएच टोल रोड हैं। जबलपुर से ग्वालियर वाया दमोह सागर और जबलपुर से भोपाल वाया राजमार्ग के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग-43 और 45 के हिस्से को दुरूस्त करने कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। याचिका में राहत चाही गई कि उक्त मार्ग के रखरखाव, मरम्मत, निर्माण व उन्नयन के लिए अनावेदकों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये जाये।
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